शहीद जय मंगल महतो के शहादत दिवस पर अमनौर वासियों ने उन्हें याद किया 

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अमनौर चौक को सभी ने शहीद जय मंगल महतो के नाम चौक के नाम रखा

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):

ब्रिटिश सिपाहियों से लड़ते लड़ते अपनी जान गवाने वाले अमनौर के सपूत शहीद जय मंगल महतो के शहादत दिवस पर लोगो ने उन्हें याद किया। शुक्रवार को माता बैष्णव देवी गुफा मंदिर परिसर में पूर्व प्राचार्य अम्बिका राय की अध्यक्षता में शहीद जयमंगल महतो  की शहादत दिवस मनाया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में आये डीआरडीए निदेशक जनार्धन अग्रवाल,बीडीओ मंजूल मनोहर मधुप,सीओ मृत्युंजय कुमार,थाना अध्यक्ष सुजीत कुमार के साथ दर्जनों शिक्षाविदों  ने उनके तैल चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन किया।

इन्होंने कहा कि जो सन्तति अपना इतिहास नही जानता हो उनका कभी बिकाश नही हो सकता,आज हम सभी स्वतंत्र रूप से रहकर कोई कार्य करते है ये पूर्वजो के शहादत व बलिदान का प्रतिफल है,आजादी जिनके नाम पर मिली उनके प्रति पूरा भारत कर्जदार है,हमे शहीदों के शहादत नही भूलनी चाहिए।उनकी शहादत से ही हम आजाद है। शहीदों के नाम पर हर तरह से सहयोग करने की इन्होंने आश्वासन दिया,कार्यक्रम में आये लोगो ने अमनौर चौक के नाम शहीद जय मंगल महतो चौक रखा गया।साथ ही प्रखण्ड मुख्यालय या अमनौर के चौमुहानी पर शहीद जय मंगल महतो के आदम कद लगाने की मांग किया।

मालूम हो कि आठ अगस्त के दिन भारतीय इतिहास में आजादी के अंतिम लड़ाई के शंखनाद के रूप में याद किया जाता है।इस लड़ाई में अमनौर के शहीद जय मंगल महतो व बहुरिया राम स्वरूपा देवी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।महात्मा गांधी द्वारा चलाया गया भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान बहुरिया राम स्वरूपा देवी के नेतृत्व में मढौरा के महता गाछी के पास अंग्रेजो के बिरुद्ध एक साभा आयोजित हुई थी।

बहुरिया अपना ओजस्वी भाषण प्रारंभ की थी।तभी अंग्रेज के एक टुकड़ी वहां चली आई।,अँधा धुंध गोलियां की बरसात होने लगी। ग्रामीणो में भग्दर सी मच  गई।बहुरिया ने महात्मा गांधी के करो या मरो का नारा याद दिलाई,कहा नामर्द होने से अच्छा है देश के लिए मर मिटो, इनके बातों को सुन सभी मे ऊर्जा का संचार हुआ।सभी लोग एक साथ अंग्रेजो पर टूट पड़े,सात अंग्रेजो को मार गिराया।,

इसके दूसरे दिन अंग्रेजो ने अमनौर को घेर लिया।जय मंगल महतो तीर कमान से अंग्रेजो पर टूट पड़े,अंग्रेजो ने इन्हें गोली मार दिया,अपनी जान नवछावर कर जयमंगल महतो ने अमनौर की रक्षा किया था।इसके पूर्व आये अतिथियो को अंग वस्त्र प्रदान कर समानित किया गया।इस मौके पर पूर्व मुखिया बिजय कुमार बिद्यार्थी,कुलदीप महासेठ,शिक्षक शशिकांत,पप्पू सिंह,अर्जुन राम,प्रो शांति भूषण,नवीन पूरी,धीरज कुमार,लोहा सिंह,मकसूद आलम,मनोज सिंह,कुंदन तिवारी,शिक्षक पिंटू कुमार, समेत दो दर्जन से अधिक लोग भाग लिया।

 

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