महीने में एक बार जिलाधिकारी और आरक्षी अधीक्षक बैठक कर जमीन से जुड़े विवादों के निबटारे की समीक्षा करेंगे
श्रीनारद मीडिया, राकेश सिंह, स्टेट डेस्क:
पटना : जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में जमीन विवाद से जुड़ी शिकायतों की बढ़ती संख्या को देखकर शनिवार की बैठक फिर से शुरू करने का फैसला किया गया है। ऐसे में अब भूमि से जुड़े साधारण विवादों को सुलझाने के लिए शनिवार की बैठक फिर शुरू होगी। मार्च 2020 में कोरोना संकट के बाद यह बैठक अनियमित हो गई थी। हरेक शनिवार होने वाली बैठक में अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष एक साथ बैठते हैं।
गांवों के जमीन विवाद में दोनों पक्षों को आमने सामने बिठाकर सुलह की कोशिश होती है। ऐसे विवादों का पता लगाने और उसकी सूचना थाना को देने की जवाबदेही चौकीदार को है। छोटे विवाद आसानी से सलट जाते हैं। इस तरह मुकदमों का बोझ भी कम हो जाता है। अपर मुख्य सचिव ने अपने निर्देश में कहा है कि शनिवार की बैठक में विवाद को कम करने के लिए जरूरी निरोधात्मक उपाय किए जाएं।
जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में जमीन विवाद से जुड़ी शिकायतों की बढ़ती संख्या को देखकर शनिवार की बैठक फिर से शुरू करने का फैसला किया गया है। जनता के दरबार में जमीन से जुड़ी ऐसी शिकायतें भी पहुंच रही हैं, जिनका निबटारा स्थानीय स्तर पर किया जा सकता है। अंचल स्तर पर अंचलाधिकरी और थानाध्यक्ष की शनिवार की बैठक के अलावा 15 दिन में एसडीओ और एसडीपीओ की बैठक होगी।
महीने में एक बार जिलाधिकारी और आरक्षी अधीक्षक बैठक कर जमीन से जुड़े विवादों के निबटारे की समीक्षा करेंगे। बता दें कि हर सोमवार को जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। बीते सोमवार को यह कार्यक्रम स्थगित था। जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान बड़ा संख्या में जमीन से जुड़े मामले आते हैं। ऐसे में अपर मुख्य सचिव ने फिर से शनिवार की बैठक शुरू करने का निर्देश दिया है। अब मार्च के बाद बंद शनिवार की बैठक फिर से शुरू की जाएगी।
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