बिहार में एक बार फिर फर्जी दारोगा गिरफ्तार!
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में एक फर्जी आईपीएस अधिकारी के पकड़े जाने के बाद एक फर्जी दारोगा को गिरफ्तार किया गया है। पटना पुलिस ने एक ऐसे शख्स को दबोचा है जो खुद को दारोगा बता था। बताया जा रहा है कि वो राजधानी के रामकृष्णा नगर में पिछले 6 महीने से फर्जी दारोगा बनकर रह रहा था। पकड़े गए फर्जी दारोगा की पहचान विपुल पासवान के तौर पर हुई है। 27 अक्टूबर को पुलिस ने इस फर्जी दारोगा को गिरफ्तार किया है। इस फर्जी दारोगा की संदिग्ध गतिवधियों को लेकर स्थानीय लोगों ने पुलिस से शिकायत की थी।
पटना पुलिस के मुताबिक, विपुल पासवान के पिता का नाम रामविलास पासवान है। वो मूल रूप से दरभंगा जिले के बहादुरपुर का रहने वाला है। रामकृष्णा नगर के सोरंगपुर में वो एक किराए के मकान में रहता था। वो पुलिस की वर्दी पहन कर इलाके में गश्ती लगाता था। वो लोगों पर धौंस जमाने के लिए उनसे कहता था कि वो एजी ऑफिस में दारोगा के पद पर पदस्थापित है। अपनी छह महीने की फर्जी ड्यूटी के दौरान उसने दुकानदारों और स्थानीय लोगों को परेशान कर उनसे पैसे ऐंठे थे। इसके अलावा जो उसकी अथॉरिटी पर सवाल उठाते थे उन्हें वो धमकाता भी थी।
स्थानीय लोगों ने विपुल पासवान की शिकायत पुलिस से की थी। इसके बाद पुलिस ने उसपर कार्रवाई की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ कर उससे पूछताछ शुरू कर दी। पूछताछ के दौरान पासवान ने यह कबूल किया कि वो दारोगा नहीं है। डीएसपी (सदर-2), ने कहा कि पासवान किसी कार्यालय में पदस्थापित नहीं है वो यह वर्दी धौंस जमाने के लिए पहनता था। इस शख्स का पुलिस विभाग से कोई कनेक्शन नहीं है। अब पुलिस इस बात की पड़ताल कर रही है कि उसने यह वर्दी कैसे और कहां से हासिल की है।
बहरहाल आपको बता दें कि इसी तरह पुलिस ने जमुई जिले से एक शख्स मिथिलेश कुमार को कुछ समय पहले गिरफ्तार किया था। वो खुद को फर्जी आईपीएस अधिकारी बताता था।
बिहार में फर्जी आईपीएस के बाद अब फर्जी दरोगा की गिरफ़्तारी हुई है. दरभंगा निवासी विपिन पासवान राजधानी पटना के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र में लगभग छह महीने से फर्जी दरोगा बनकर लोगों को धमकाकर अवैध वसूली किया करता था. रविवार को स्थानीय लोगों ने उसे रंगे हाथ पकड़ा और पुलिस को सूचना दी.
पुलिस मौके पर पहुंच विपिन को भीड़ से बचाया और उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार फर्जी दरोगा के पास से एक रॉयल इनफील्ड बाइक बरामद हुई जिस पर पुलिस का स्टीकर लगाया था. पूछताछ में विपिन ने बताया कि वह बिहार पुलिस की भर्ती परीक्षा में कई बार फेल हो गया. इसीलिए उसने फर्जी दरोगा बनने का नाटक किया. उसने अपनी वर्दी जक्कनपुर इलाके के एक दर्जी से सिलवाई थी.
पिछले छह महीने से कर रहा था अवैध वसूली
मिली जानकारी के अनुसार, विपिन पासवान फर्जी दरोगा बनकर पिछले छह महीने से लोगों से अवैध वसूली कर रहा था. स्थानीय लोगों ने बताया कि विपिन पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों को धमकाता था और उनसे पैसे भी ऐंठता था. लोगों ने जब उसकी असलियत जानी तो उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. स्थानीय लोग उसे पकड़कर पीटे भी हैं.
नौकरी दिलाने का देता था लालच
आरोपी ADG ऑफिस में खुद की ड्यूटी बताकर पूरे इलाके में अपना धौंस जमाया था. पुलिस की वर्दी पहन, कंधे पर डबल स्टार लगा खुलेआम वसूली किया करता था. इस फर्जी दरोगा से वहां के दुकानदार और भोलेभाले लोग काफी परेशान थे. डरा धमका कर पैसे लेना, फर्जीवाड़ा करना इसका प्रमुख काम था. इतना ही नहीं वह लोगों को नौकरी दिलाने का भी लालच देता था. यह सब थाना से महज कुछ ही दूरी पर हो रहा था. लेकिन रामकृष्णा नगर की पुलिस को भनक तक नहीं थी.
पुलिस के सामने स्वीकारा जुर्म
राम कृष्णा नगर थाना प्रभारी अवध किशोर सिंह का कहना है कि विपिन ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है. उसने बताया कि अपनी वर्दी जक्कनपुर इलाके के एक दर्जी से सिलवाई थी. यह मामला बिहार में फर्जी पुलिसकर्मियों के बढ़ते मामलों को दिखा रहा है. पिछले महीने ही जमुई जिले से एक नकली IPS का मामला सामने आया था, जिसने 3 लाख रुपये में पुलिस की वर्दी खरीदी थी
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