बिहार के मुजफ्फरपुर में डेढ़ किलाे सोना और पांच किलो चांदी की चोरी,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के सकरा थाना क्षेत्र के सुजावलपुर चौक स्थित बैंक ऑफ इंडिया मार्केट स्थित आभूषण दुकानदार विजय कुमार की बाइक से झोला में रखे डेढ़ किलो सोना एवं पांच किलो चांदी के आभूषण चोरी का मामला सामने आया है. मामला गुरुवार की देर शाम का है. घटना की सूचना पर पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर छानबीन की. दुकानदार विजय कुमार ने सकरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है.
आवेदन में बताया है कि बाइक से झोला में लटका हुआ डेढ़ किलो सोना एवं पांच किलो चांदी के आभूषण चोरों ने चोरी कर ली है. चोरी हुए आभूषण की कीमत एक करोड़ से अधिक है. घटना के संबंध में दुकानदार ने पुलिस को बताया कि उन्होंने दुकान में रखे उक्त सोना एवं चांदी के आभूषण को उठाकर झोला में रखा था. उसके बाद दुकान बंद कर आभूषण रखा झोला को बाइक के हैंडल में लटका दिया.
एफआईआर दर्ज, जांच शुरू
उसके बाद वह पड़ोस की दुकान पर सामान खरीदने चला गया. इसी दौरान चोरों ने बाइक में लटके झोले को उड़ा दिया है. थानाध्यक्ष राजू कुमार पाॅल ने बताया कि आभूषण दुकानदार ने डेढ़ किलो सोना व पांच किलो चांदी के आभूषण चोरी का आवेदन दिया है. केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
भागलपुर में अंसारी और सल्लन मियां गैंग का रहा आतंक
सिल्क सिटी भागलपुर अपराध की घटनाओं के लिए भी दशकों से सुर्खियों में रहा है. नब्बे के दशक में यहां दो गैंग सबसे अधिक सक्रिय रहे. दोनों के बीच वर्चस्व की जंग चलती रही है और आज भी इस जंग की आग धधकती रहती है. भागलपुर में सल्लन और अंसारी गैंग की तब तूती बोलती थी. इलाके में दबदबे को लेकर आए दिन दोनों गैंग आमने-सामने होते रहते हैं. आपस में भी टकराकर दोनों गैंग के गुर्गे लाशें बिछाते थे.
वहीं समय के साथ-साथ इस गैंग की कमान थामने वाले सरगना की हत्या भी होती रही. गैंग में कई बार दरार भी आई और गुर्गे अपने सरगना से बगावत भी करते रहे. लेकिन आज भी शहर के दक्षिणी क्षेत्र में इन गिरोहों के वर्चस्व की लड़ाई को देखा जाता है. हाल में ही अंसारी गैंग के सरगना टिंकू अंसारी की मौत संदिग्ध हालत में हुई तो अब इस गैंग का सरगना बनने की होड़ में कई अपराधी लगे हैं. जबकि अंसारी गिरोह से टूटकर बने फेकू मियां गिरोह भी अभी सक्रिय है.
नब्बे के दशक में दो गैंग का रहा वर्चस्व
नब्बे के दशक में भागलपुर के दक्षिणी क्षेत्र में अंसारी और सल्लन गैंग का दबदबा अपराध की दुनिया में था. इनायतुल्ला अंसारी के हाथ में अंसारी गैंग की कमान थी तो दूसरी तरफ सल्लन मियां गैंग था. दोनों के बीच वर्चस्व को लेकर टकराव होते रहते थे. दोनों गैंग के बीच टकराव इस कदर अब बढ़ गया था कि एक-दूसरे की जान लेने में ही दोनों गिरोह के गुर्गे तूल पड़े थे. जिसके बाद शहर का अंडरवर्ल्ड गिरोह अशांत हो चुका था. नौबत ऐसी आयी कि दोनों गिरोह के सरगना को एक दरगाह पर जाकर कसम खिलायी गयी थी. लेकिन कड़वाहट तब भी दूर नहीं हो सकी थी.
अंसारी गिरोह में टूट, अंसारी की हत्या के बाद भतीजे ने थामी कमान
अंसारी गिरोह से जुड़े फेकू मियां ने पाला बदल लिया था. हुसैनाबाद-मोगलपुरा में उसने अपना दबदबा बना लिया था. उसके इशारे पर ही सरगना इनायतुल्ला अंसारी की हत्या कोलकाता में कर दी गयी थी. उधर, सल्लन मियां की हत्या के बाद पप्पू खान ने सल्लन गैंग की कमान थाम ली. फेकू मियां की करीबी पप्पू खान से बढ़ चुकी थी. वहीं अंसारी की हत्या के बाद उसके भतीजे वसीउल्लाह उर्फ टिंकू अंसारी ने गिरोह की कमान थाम ली. जिसकी हाल में ही संदिग्ध मौत हुई है. अपने चाचा की हत्या की आग टिंकू अंसारी के सीने में धधक रही थी. फेकू मियां की हत्या उसके घर के सामने ही गोली मारकर कर दी गयी थी. इस हत्याकांड में टिंकू मियां नामजद रहा.
फेकू मियां गिरोह का आतंक, पप्पू खान की हत्या
फेकू मियां के गिरोह में भी टूट हो चुका था. जिसके बाद फिरोज के एक कुरैशी गिरोह ने भी अपना वजूद बना लिया था. कहा जाता है कि कन्ना किताब को लेकर विवाद गहराया था. वहीं दूसरी ओर सल्लन गिरोह की कमान थामे पप्पू खान की हत्या पटना में कर दी गयी. पप्पू खान को गोलियों से छलनी कर दिया गया था. सल्लन मियां गैंग बाद में पप्पू खान गिरोह कहलाने लगा था. इस हत्याकांड में रियाजुल खां उर्फ रिजला मियां और उसके गुर्गे का नाम आया. जबकि बदले की आग दूसरी तरफ भी जलती रही और पटना में ही पप्पू खान की हत्या के एक साल के बाद लोटस अपार्टमेंट में रियाजुल मियां की भी हत्या हो गयी थी. इस हत्याकांड में पप्पू खान गिरोह का नाम उछला था. पप्पू खान गिरोह से जुड़े राणा मियां, ताज मियां ने आज भी हबीबपुर क्षेत्र में अपना दबदबा रखा है. वहीं दूसरी ओर सल्लन गिरोह के अमजद मियां इस गिरोह के गुर्गों के साथ शहर में अपराधिक घटनाओं को अंजाम देता रहा है.
अजय मिश्रा गिरोह का भी आतंक
फेकू मियां जो उस्ताद के नाम से जाना जाता था उसकी हत्या के बाद उसके बड़े बेटे टिंकू मियां ने गिरोह की कमान संभाल ली. वह कोलकाता से गिरोह को ऑपरेट करता रहा है. उसके छोटे भाई सहित गिरोह के गुर्गे भागलपुर में आज भी सक्रिय हैं. टिंकू मियां अभी जेल में बंद है. लेकिन इसके बाद भी वह अपने गिरोह को संचालित कर रहा है. अभी हाल के दिनों में पुराने गैंगस्टर अजय मिश्रा का शहर में कई अपराधिक घटनाओं में नाम सामने आया है. अभी अजय मिश्रा जेल में बंद है. उसका छोटा भाई काजू मिश्रा भी गिरोह को ऑपरेट करता है. जबकि अजय मिश्रा के बड़े भाई गुडुल मिश्रा की हत्या एक दशक पहले हो चुकी है.
आज भी फेकू मियां और अंसारी गिरोह के बीच वर्चस्व की जंग
शहर में फेकू मियां और अंसारी गिरोह के बीच वर्चस्व की जंग चलती रहती है. फेकू मियां का बेटा टिंकू मियां और इनायतुल्ला अंसारी गिरोह के सरगना वसीमुल्लाह अंसारी उर्फ टिंकू अंसारी के बीच वर्चस्व की जंग चलती थी. पिछले ही दिनों वसीमुल्लाह अंसारी उर्फ टिंकू अंसारी की संदिग्ध मौत हो गयी. जरायम दुनिया से छनकर आयी खबरों में चर्चा यह है कि इस गिरोह की कमान अमजद मियां संभाल सकता है. कारण शहरी क्षेत्र के ग्रामीण एरिया में अमजद मियां की अच्छी पकड़ है. हालांकि सरगना बनने की होड़ में कई नाम सामने आ रहे हैं.