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बीपीएससी के पेपर लीक मामले एक गिरफ्तार. - श्रीनारद मीडिया

बीपीएससी के पेपर लीक मामले एक गिरफ्तार.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार पब्लिक लोक सेवा आयोग की पेपर लीक मामले में EOU ने जांच में तेजी लाते हुए है एक बीडीओ को गिरफ्तार कर लिया है।
टीम को पहली गिरफ्तारी में सफलता मिली है। बड़हरा प्रखंड के बीडीओ जयवर्धन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है। EOU की टीम ने सुबह कार्रवाई करते हुए उन्हें बड़हरा से गिरफ्तार किया है। फिलहाल BDO को गिरफ्तार कर पटना ले जाया गया है। बता दें कि वीर कुंवर सिंह कॉलेज स्थित परीक्षा केन्द्र पर मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात थे।

बीपीएससी की 67वीं पीटी के पेपर लीक मामले की जांच के लिए इओयू (आर्थिक अपराध इकाई) ने एसपी सुशील कुमार के नेतत्व में एसआइटी बनायी है. 14 सदस्यीय इस टीम में साइबर एक्सपर्ट से लेकर ट्रेंड डीएसपी व इंस्पेक्टर तक को शामिल किया गया है. इसके साथ ही एसआइटी ने जांच तेज कर दी है. सू्त्रों के अनुसार तकनीकी जांच में पता चला है कि रविवार को पीटी के पेपर का सबसे पहले सुबह 10:34 बजे स्कैन किया गया था.

यह पेपर सबसे पहले 11:35 बजे पटना के एक कोचिंग संस्थान के एक छात्र के वाट्सएप पर पहुंचा और फिर वायरल हो गया. सू्त्रों के अनुसार एसआइटी ने उस कोचिंग संस्थान के संचालक से संपर्क कर उस छात्र को बुलाया और पूछताछ की. एसआइटी के सूत्रों का दावा है कि पूरे मामले का खुलासा जल्द ही कर दिया जायेगा. इधर इओयू ने इस संबंध में अज्ञात के खिलाफ मामला (20/22) दर्ज किया है. एसआइटी ने आरा के अलावा करीब दो दर्जन लोगों को इओयू कार्यालय बुलाकर भी पूछताछ की गयी.

जिसने भी पेपर लीक किया, उस पर होगा कड़ा एक्शन : सीएम

सीएम नीतीश कुमार ने पेपर लीक मामले को गंभीरता से लिया है. सोमवार को जनता के दरबार के बाद उन्होंने कहा कि इस मामले में कार्रवाई हो रही है. जिसने भी गड़बड़ी की है, उस पर सख्त एक्शन होगा. सीएम ने कहा कि जब इसके संबंध में जानकारी मिली, तो तुरंत एक्शन लिया गया. तत्काल परीक्षा रद्द कर दी गयी. रविवार की शाम में ही हमने इसकी जानकारी ली है. तुरंत एक्शन लिया गया है. पुलिस भी जांच कर रही है. हमने कहा है कि जितनी जल्दी हो सके, जांच कीजिए कि किसने प्रश्नपत्र लीक किया है, कैसे लीक किया है. साइबर क्राइम के सवाल पर उन्होंने कहा कि गड़बड़ी करनेवालों के खिलाफ यहां काफी सक्रियता है.

केंद्राधीक्षक और मजिस्ट्रेट के बयानों में विरोधाभास

आरा. एसआइटी ने आरा पहुंच कर जांच शुरू कर दी. इस दौरान टीम ने वीर कुंवर सिंह कॉलेज के प्राचार्य योगेंद्र सिंह, परीक्षा नियंत्रक सुशील कुमार सिंह, दो प्रोफेसर, स्टैटिक मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात बड़हरा बीडीओ, दारोगा संतोष कुमार व केंद्र के गेट पर तैनात सात पुलिसकर्मियों से पूछताछ की. बाद में इन्हें पटना बुलाकर भी पूछताछ की गयी. परीक्षा के दौरान वहां बने कंट्रोल रूम को सील कर दिया गया है.

परीक्षा के लिए सुपर जोनल मजिस्ट्रेट डीटीओ को बनाया गया था. लेकिन, उनके अचानक अवकाश पर जाने से यह प्रभार जगदीशपुर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी विनय कुमार को दिया गया था, उनसे भी पूछताछ की जायेगी. सूत्रों के अनुसार केंद्र पर पेपर पहुंचने के समय को लेकर केंद्राधीक्षक और स्टैटिक मजिस्ट्रेट के बयानों में विरोधाभास पाया गया है.

परीक्षा केंद्र के अंदर कैसे घुसी कार, हो रही जांच

आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज परीक्षा केंद्र में परीक्षा शुरू होने के 15 मिनट पहले एक कार घुसी थी. उसमें कौन लोग सवार थे, इसको लेकर काफी चर्चा हो रही है. ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने कार को प्रवेश कैसे दिया, इसकी भी जांच हो रही है.

पहली बार पेपर लीक मामले में रद्द हुई पीटी परीक्षा

BPSC 67वीं सयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा की पहली ऐसी संयुक्त PT परीक्षा है, जिसे पेपर लीक होने के कारण रद्द कर दिया गया. इससे पहले पश्नों के उत्तर को लेकर तो लगभग हर साल छात्रों के द्वारा बीपीएससी को कोर्ट में चुनौती दी जाती रही है. लेकिन पेपर लीक होने के कारण परीक्षा कभी रद्द नहीं हुई. हालांकि पिछले साल एक सेंटर का एग्जाम रद्द कर दोबारा लेना पड़ा था.

चार घंटे के अंदर जांच टीम ने दी रिपोर्ट

उल्लेखनीय हो कि BPSC परीक्षा रविवार की दोपहर 12 बजे से दो बजे तक हुई, लेकिन परीक्षा शुरू होने के 15 मिनट पहले ही प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना मिलने लगी थी. कुछ देर बाद प्रश्नपत्र वायरल हो गया. इस पर आयोग ने तत्काल तीन सदस्यीय जांच टीम बनायी. दोपहर दो बजे परीक्षा समाप्त होते ही टीम ने जांच शुरू की और शाम छह बजे तक आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंप दी.

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