क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई द्वारा आयोजित एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यकम का हुआ आयोजन:
शहरी आबादी की स्वास्थ्य देखभाल के मूल आवश्यकताओं को पूरा करना अतिआवश्यक: आरपीएम
लेखा संधारण से संबंधित शत प्रतिशत व्यय करना सुनिश्चित करना होगा: आरपीएमयू
संचारी और गैर संचारी रोगों की पहचान समय से पहले होने के साथ ही उपचार जरूरी: स्वास्थ्य विभाग
नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन और पीएमएसएमए सरकार की अतिमहत्वपूर्ण योजनाओं में शुमार:
श्रीनारद मीडिया, छपरा, (बिहार):
संक्रामक और गैर- संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण – जिसमें स्थानीय रूप से कई अन्य प्रकार के रोग भी शामिल हैं। जैसे- मलेरिया और डेंगू से होने वाली मृत्यु दर को 50% तक कम करना है। वहीं कुष्ठ रोग की दर को 1% से कम तथा टीबी बीमारी के लिए 85% इलाज दर प्राप्त करना है।
उक्त बातें क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक प्रशांत कुमार ने जीएनएम स्कूल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने यह भी कहा कि शहरी क्षेत्रों के गरीबों पर ध्यान केंद्रित करते हुए शहरी आबादी की स्वास्थ्य देखभाल को मूल आवश्यकताओं को पूरा करना है, ताकि उन्हें आवश्यक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें और इलाज के लिए उनकी जेब से होने वाले खर्च को आसानी से कम किया जा सके। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) का मुख्य लक्ष्य है।
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई द्वारा आयोजित एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यकम में सारण जिला मुख्यालय के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ा तेलपा और मासूमगंज के अलावा सिवान के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महादेवा और लक्ष्मीपुर के स्टाफ नर्स, एएनएम, एलटी, शहरी सलाहकार, लेखापाल और फार्मासिस्ट शामिल हुए। वहीं इस अवसर पर प्रमंडलीय आशा समन्वयक संतोष कुमार सिंह, क्षेत्रीय बायो मेडिकल इंजीनियर साबित्री पंडित, कार्यालय सहायक मनोज कुमार, लेखापाल निहारिका, टीबी विभाग के डीपीसी हिमांशु शेखर, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, डाटा ऑपरेटर रंजय और अंकू के अलावा कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
लेखा संधारण से संबंधित शत प्रतिशत व्यय करना सुनिश्चित करना होगा: आरपीएमयू
वहीं क्षेत्रीय लेखा प्रबंधक विजय कुमार राम ने उन्मुखीकरण कार्यशाला में सिवान और सारण से आए लेखापाल को लेखा से संबंधित संधारण और जानकारियां उपलब्ध कराया। वित्तीय वर्ष 2024- 25 में जो भी बजट राज्य द्वारा अनुमोदित किया गया है। उसका शत प्रतिशत व्यय नियमानुकूल वित्तीय दिशा निर्देश के आलोक में सुनिश्चित करेंगे। क्षेत्रीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी शादान रहमान ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को बताया कि आप सभी स्वास्थ्य विभाग की ओर से जितने भी कार्यक्रमों अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को निभाकर कार्य करते हैं। तो फिर उसकी अद्यतन जानकारियों को एचएमआईएस, भव्या और अनमोल एप के माध्यम से उसको अपडेट्स करने की जिम्मेदारी आप सभी की होती है। ताकि आपके द्वार किए गए कार्यों को कोई भी पदाधिकारी कहीं से भी कभी देख सकता है।
संचारी और गैर संचारी रोगों की पहचान समय से पहले होने के साथ ही उपचार जरूरी: स्वास्थ्य विभाग
संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों से कहा कि देश से टीबी जैसी बीमारी को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से हम लोगों के प्रधानमंत्री ने आगामी 2025 तक लक्ष्य रखा है। जिसको हर हाल में हम लोगो को इस बीमारी को खत्म करना है। जिसमें आप सभी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। वहीं गैर संचारी रोग विभाग से होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के डॉ विक्रम आनंद ने कहा कि कैंसर जैसी भयावह बीमारी के संबंध से विस्तार पूर्वक चर्चा किया। शुरुआती दिनों में मिलने वाली लक्षणों के आधार पर कैंसर रोग की पहचान करना आसान हो गया है। इसके लिए नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों के ओपीडी में इसका उचित सलाह और उपचार किया जा रहा है। विशेष परिस्थितियों में सदर अस्पताल में रेफर किया जाता है। ताकि समय रहते उसका इलाज़ या बायोप्सी किया जा सके।
नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन और पीएमएसएमए सरकार की अतिमहत्वपूर्ण योजनाओं में शुमार:
यूनिसेफ की एसएमसी आरती त्रिपाठी ने उपस्थित सभी कर्मियों को लक्ष्य अनुरूप ड्यू लिस्ट बनाकर शत प्रतिशत टीकाकरण करने का निर्देश दिया। कार्यशाला में नियमित टीकाकरण अभियान के तहत कुल 12 प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जाता है। क्योंकि नियमित टीकाकरण में गिरावट होने से जानलेवा बीमारियों के संक्रमण के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि नियमित टीकाकरण के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों स्तर पर एएनएम, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित रूप से बैठक आयोजित कर इसे पूरा करना होगा। जपाईगो की क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक बनानी मिश्रा ने कहा कि आगामी 10 से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाएगा। जिसको लेकर 17 से 10 जुलाई तक सामुदायिक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि स्थायी और अस्थायी विकल्पों की जानकारी ग्रामीणों को रहे। गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व बेहतर चिकित्सीय देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को भारत सरकार ने अपने अतिमहत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल किया गया है। जो प्रत्येक महीने की 10 और 21 को जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में किया जाता है।
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