दिघवारा सीएचसी के सभागार में इंक्वास को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित
प्रसव कक्ष की गुणवत्ता में सुधार लाना इसका मुख्य उद्देश्य: सिविल सर्जन
गर्भवती माताओं को सम्मान पूर्वक मातृव देखभाल की सुविधाएं उपलब्ध कराना इसका मुख्य लक्ष्य: डीपीएम
स्थानीय अस्पताल के एमओआईसी सहित कई अन्य कर्मियों को किया गया प्रशिक्षित: डीसीक्यूए
श्रीनारद मीडिया, प्रसेनजित चौरसिया, रघुनाथपुर, सीवान (बिहार)
प्रसव कक्ष में देखभाल सुविधाओं का मूल्यांकन के बाद प्रसूति कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर में गुणवत्ता सुधार का मूल्यांकन राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (इंक्वास) के माध्यम से किया जाना है। जिसको लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिघवारा के सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य प्रशिक्षक पीरामल स्वास्थ्य के डॉ शेखरण और सुनील कुमार थे। जबकि इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, डीपीएम अरविंद कुमार, डीसीक्यूए रमेश चंद्र कुमार, एमओआईसी डॉ रौशन कुमार, बीएचएम ऋचा कुमारी, बीसीएम सुधा कुमारी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
प्रसव कक्ष की गुणवत्ता में सुधार लाना इसका मुख्य उद्देश्य: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि किसी भी स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव के दौरान होने वाली परेशानियों को जड़ से समाप्त करने तथा प्रसव कक्ष की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (इंक्वास) कार्यक्रम की शुरुआत की गई हैं।
क्योंकि इस कार्यक्रम के तहत मातृ एवं नवजात शिशुओं में मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के दौरान एवं उसके बाद गुणवत्ता में सुधार लाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी गर्भवती माताओं को सम्मान पूर्वक मातृव देखभाल की सुविधाएं उपलब्ध कराना इसका मुख्य लक्ष्य हैं। जिसको लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें प्रसव कक्ष, आपरेशन थियेटर, ओपीडी, आईपीडी, इमरजेंसी, फार्मेसी, जनरल आपरेशन थियेटर, रक्तकोष, लैब टेक्नोलाजी से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया।
गर्भवती माताओं को सम्मान पूर्वक मातृव देखभाल की सुविधाएं उपलब्ध कराना इसका मुख्य लक्ष्य: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने कहा कि संस्थागत प्रसव की दर में पहले की अपेक्षा काफी बढ़ोतरी हुई हैं। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम को पूरी तरह से धरातल पर उतारा गया हैं। हालांकि इस प्रशिक्षण के बाद स्थानीय स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा पदाधिकारी और अन्य कर्मियों के द्वारा धरातल पर कार्य किया जाना है। क्योंकि इस कार्यक्रम के तहत मातृ एवं नवजात शिशुओं में मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के दौरान एवं उसके बाद गुणवत्ता में सुधार लाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी गर्भवती माताओं को सम्मान पूर्वक मातृव देखभाल की सुविधाएं उपलब्ध कराना इसका मुख्य लक्ष्य हैं।
स्थानीय अस्पताल के एमओआईसी सहित कई अन्य कर्मियों को किया गया प्रशिक्षित: डीसीक्यूए
ज़िला सलाहकार गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी रमेश चंद्र कुमार ने कहा कि एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत सारण जिला मुख्यालय और सोनपुर अनुमंडलीय अस्पताल के मध्य दूरी पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिघवारा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रौशन कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुरेश कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह, बीएचएम ऋचा कुमारी, बीएमएंडईए अनिता कुमारी, बीसीएम सुधा कुमारी, जीएनएम मुशर्रत जहां, दिव्या भारती, सुमन रंजन और शिखा रानी, एएनएम शोभा कुमारी, मंजू कुमारी और सोनी कुमारी, लैब टेक्नीशियन अर्चना कुमारी, अख़्तर हुसैन और केदारनाथ राम, एसटीएलएस इंद्रजीत कुमार, वरीय सहायक रणविजय सिंह सहित कई अन्य को प्रशिक्षित किया गया।
इस प्रशिक्षण शिविर के बाद प्रशिक्षित सभी चिकित्सा पदाधिकारी एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी अपने कार्यो के प्रति पूरी निष्ठा के साथ अस्पताल परिसर में आने वाले मरीजों और अभिभावकों के साथ उत्तम व्यवहार का परिचय देंगे।
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