मानवता ही समाज में जागरूकता को जीवित कर सकता है – तरुण शर्मा
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी / मानवाधिकार न्यायिक सुरक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष तरुण शर्मा ने एक पत्रकार वार्ता में बताया कि मानवता सभी मनुष्यों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक संचयी शब्द है, जो सहानुभूति, सहानुभूति, प्रेम और दूसरों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करता है। मानवता शब्द का प्रयोग दूसरों के प्रति दया और करुणा के कार्य का वर्णन करने के लिए किया जाता है। यह एक अनोखी चीज है जो हमें जानवरों से अलग करती है। यह एक ऐसा मूल्य है जो हम सभी को बांधता है। एक इंसान को दूसरों के साथ सहानुभूति दिखाने के लिए कोमल हृदय की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि हम मनुष्य के रूप में रचनात्मक हैं, और अपनी इच्छा और कड़ी मेहनत से हम अपने जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हैं। जब हम अपने जीवन में किसी चीज तक पहुंच जाते हैं तो उसे मानव जाति का मील का पत्थर माना जाता है। बेहतर भविष्य के लिए स्कूलों में शिक्षाविदों में मानवता के मूल्य को शामिल किया जाना चाहिए।
मानवता को लिंग, जाति, धर्म आदि के बावजूद सभी मनुष्यों के लिए बिना शर्त प्यार के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, और इसमें पौधों और जानवरों के लिए प्यार भी शामिल है। सबसे महत्वपूर्ण मानवतावादी अपना जीवन गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित करते हैं, जो व्यक्ति अपने जीवनकाल में प्रदान कर सकते हैं। गरीबों की सेवा करने का मतलब है कि आप अपने से ज्यादा दूसरों के बारे में सोच रहे हैं। यदि आप पर्याप्त रूप से सक्षम हैं, तो आपको गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। यह अच्छे मानवतावाद का प्रतीक है।