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कुव्यवस्था के बीच हो रहा बैकुंठपुर के अधिकांश विद्यालयों का संचालन  - श्रीनारद मीडिया

कुव्यवस्था के बीच हो रहा बैकुंठपुर के अधिकांश विद्यालयों का संचालन 

कुव्यवस्था के बीच हो रहा बैकुंठपुर के अधिकांश विद्यालयों का संचालन

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श्रीनारद मीडिया बैकुंठपुर, गोपालगंज (बिहार):

गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर–प्रखंडाधीन आधा दर्जन स्कूलों में रविदास जयंती के अवसर पर विद्यालयों में ताले लटके रहे। वहीं राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय दिघवा तथा उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय दुबौली कन्या बैकुंठपुर भी खुले हुए थे और वहां पर विद्यालय में रविदास जयंती मनाई जा रही थी।

जबकि उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय गम्हारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोनवलिया, राजकीय प्राथमिक विद्यालय सोनवलिया पकड़ी, नवसृजित प्राथमिक विद्यालय कतालपुर पकड़ी, इत्यादि विद्यालयों में ताले लटके हुए थे।

बंद विद्यालयो का औचक निरिक्षण स्थानीय विभागीय नियंत्री पदाधिकारी के द्वारा नहीं किया गया है। परिणाम सामने है कि रविदास जयंती के अवसर पर विद्यालयों में ताले लटका प्रधानाध्यापक के साथ ही साथ सभी शिक्षक भी अपने -अपने नीजी कार्य में रहे।इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक के नज़र में रविदास जयंती का अर्थ अवकाश का दिन है। जबकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा जारी अवकाश तालिका में आज के दिन विद्यालय संचालित घोषित किया गया है।

वहीं उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोनवलिया कन्या के विद्यालय के आस पास के ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय कभी भी अपने समय से नहीं खुलता है। बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हुए शिक्षक आपस में बातें करते रहते हैं। बच्चे विद्यालय में खेलते हुए व शोरगुल मचाते हुए रहते हैं। विद्यालय के शिक्षकों को पढ़ाने पर ध्यान नहीं दे बच्चों को अपने भाग्य भरोसे छोड़ देते हैं।

क्षेत्र अंतर्गत अधिकांश लोग इस रवैए से क्षुब्ध होकर अपने बच्चों को नीजी विद्यालयों में नामांकन दाखिल करने हेतु बाध्य हो गए हैं। वहीं उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय गम्हारी का भी हालत अच्छी नहीं है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक स्थानीय है फिर भी विद्यालय की व्यवस्था चरमरा गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले दूर दूर के शिक्षक इस विद्यालय में पदस्थापित थे और विद्यालय की व्यवस्था व्यवस्थित ढंग से किया करते थे।

विद्यालय के बच्चे उसमें अनुशासित ढंग से रहते थे।आज स्थिति यह है कि बच्चों को अपने विद्यालय के नाम एवं समस्त शिक्षकों के नाम तक की जानकारी नहीं है । अधिकांश बच्चों को अपने वर्ग के सापेक्ष दक्षता हासिल नहीं है।अनुशासन शब्द इस विद्यालय के लिए भूले बिसरे से हो गए हैं।

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