बिहार में शिक्षकों की छुट्टी को लेकर जारी हुआ आदेश,क्यों?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से राज्यभर के जिलों को निर्देश जारी कर कहा गया है कि 19 और 20 नवंबर को छठ पूजा की छुट्टी घोषित है। इन दो दिनों में शिक्षकों का योगदान नहीं होगा। इसलिए जो शिक्षक बच जाएंगे, उनक हर हाल में 21 नवंबर को योगदान करा दिया जाएगा। ताकि, 22 नवंबर से स्कूल खुलने के बाद सभी नए शिक्षक बच्चों को पढ़ाना शुरू कर देंगे। इसको लेकर विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। मालूम हो कि विभाग ने आठ नवंबर को जारी निर्देश में कहा था कि 21 नवंबर तक सभी शिक्षकों का योगदान करा लिया जाये। इसी पत्र के आलोग में विभाग ने उक्त आदेश दिया है।

इस बीच बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा चयनित करीब 90 हजार शिक्षकों को स्कूल आवंटित कर दिया गया है। ये शिक्षक अपने-अपने स्कूल में योगदान करना प्रारंभ कर दिये हैं। वहीं, राज्य के छह जिले के शिक्षकों का स्कूल आवंटन अभी नहीं हो सका है। इनमें मोतिहारी, मधुबनी, बक्सर, भागलपुर,  सहरसा और बांका शामिल है।

बता दें कि आयोग द्वारा एक लाख 20 हजार 336 शिक्षकों का चयन किया गया है। इनमें करीब एक लाख दस हजार ने औपबंधिक नियुक्तिपत्र प्राप्त किया है। इन शिक्षकों को सॉफ्यवेयर के माध्यम से स्कूल आवंटित किया जा रहा है। 32 जिलों के शिक्षकों को स्कूल आवंटित कर दिया गया है। छठ पूजा तक सभी शिक्षकों को योगदान कराने का निर्देश विभाग ने दिया है। इसको लेकर शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों और कर्माचारियों की छुट्टी रद्द की गई है। वहीं, स्कूल के प्राधानाध्यापकों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह नए शिक्षकों का योगदान कराएंगे।

आस्था के महापर्व छठ पूजा पर इस बार बिहार में शिक्षकों को छुट्टी नहीं मिलेगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से आदेश जारी किया गया है। आदेश के अनुसार शिक्षकों और प्रधानाचार्य को स्कूलों में आना होगा, जबकि बच्चों के लिए छुट्टी होगी। बता दें कि इस बार 17 नवंबर से नहाय-खाय से चार दिवसीय छठ पूजा प्रारंभ हो रहा है। 19 नवंबर को अस्तचलगामी अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं 20 नवंबर को प्रात:काल का अर्घ्य होगा।

शिक्षकों की छुट्टी रद्द करने का आदेश जारी करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग पटना के ज्ञापांक 321 / C दिनांक 8.11.2023 के आलोक में दिनांक 13 से 21 नवम्बर तक विद्यालय अध्यापक के विद्यालय में योगदान करने का कार्यतालिका निर्धारित की गई हैं। अतः आपको निदेश दिया जाता है कि अपने प्रखंड के सभी प्रारंभिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक अवकाश अवधि में अपने विद्यालय में उपस्थित रहने का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें। इस अवधि में प्रधानाध्यापक कम्पोजिट ग्रान्ट मद में विकासात्मक कार्य करेंगे तथा विद्यालय अध्यापक को योगदान स्वीकार कर अग्रेतर कार्यवाई करेंगे।

गौरतलब है कि बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से चयनित तकरीबन 1.10 लाख नए शिक्षकों की स्कूलों में तैनाती 21 नवंबर तक कर दी जाएगी। शिक्षकों के योगदान दिये जाने तक शिक्षा विभाग के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द रहेंगी। इसे सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को दी गई है। इसको लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेज निर्देश दिया था।

इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों से कहा कि कंप्यूटर चलाना नहीं जानते हैं तो जल्द सीख लें। कहा कि नए शिक्षकों का चरणवार प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभी 22 हजार शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं। बेगूसराय के डायट में उन्होंने प्रशिक्षुओं को कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की ज्यादा जरूरत है। अभी शहर के स्कूलों में पदस्थापन नहीं होगा। जो ग्रामीण क्षेत्र में काम नहीं करना चाहते,वे नौकरी छोड़ दें।

निरीक्षण के दौरान हाई स्कूल के बच्चों के द्वारा हिंदी की किताब शुद्ध रूप से नहीं पढ़ने पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बिफर पड़े। शिक्षकों को डांटते हुए कहा कि आप लोग सिर्फ 40 हजार वेतन लेते हैं लेकिन पढ़ने के मामले में जीरो हैं। बच्चों का करियर बर्बाद कर रहे हैं। जब बच्चे किताब खोलकर पढ़ नहीं पा रहे हैं तो आप लोग पढ़ाते क्या हैं। वे शुक्रवार को शहर के जेके इंटर स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे थे।

इस दौरान वे जेके स्कूल में वर्ग कक्ष पहुंच गए। वहां विद्यार्थी किताब खोलकर सही तरीके से रीडिंग नहीं दे सके। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इस विद्यालय में 20 शिक्षक-शिक्षिका हैं। लेकिन पढ़ाई की गुणवत्ता एकदम बेकार है। सभी शिक्षक-शिक्षिका अगर पांच-पांच बच्चे को गोद ले लें तो पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार हो जाएगा। शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव ने करीब आधा दर्जन स्कूलों का निरीक्षण किया। इस दौरान बच्चों के फर्श पर बैठे देखकर नाराजगी जताई। संबंधित एचएम को निर्देश दिया कि वे बच्चों के लिए बेंच की व्यवस्था करें। इसके लिए विभाग की ओर से राशि भेज दी गई है। उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय सुशीलनगर में भी माध्यमिक कक्षा के बच्चे शुद्ध शुद्ध रीडिंग नहीं दे सके।

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