आम व्यक्ति को न्याय दिलाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए -न्यायमूर्ति संजय करोल.
हमारा अभिभावक संविधान है, सर्वोच्च संस्था होने के कारण हमारी जिम्मेदारी भी सर्वोच्च है।
अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचे इसके लिए हम सभी को प्रयास करना होगा।
हमारे देश की पवित्र पुस्तक संविधान है।
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सीवान स्थित नए 16 न्यायालय भवन का उद्घाटन पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति संजय करोल एवं 10 न्यायाधीशों के गरिमामयी उपस्थिति में 31 अक्टूबर 2021 रविवार को संपन्न हुआ।सर्वप्रथम मुख्य भवन के द्वार पर फीता काटकर मुख्य न्यायाधीश ने इसका विधिवत उद्घाटन किया, तत्पश्चात पूजा अर्चन के बाद शिलापटट का अनावरण किया गया। भवन के बगल में बने समारोह स्थल पर सभी 11 न्यायाधीशों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने अपने सारगर्भित उदबोधन में कहा कि सीवान जिले के 33 लाख लोगों को मैं प्रणाम करता हूं,उन्हें बधाई देता हूं। साथ ही लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को साधुवाद। मैं धरती से जुड़ा व्यक्ति हूं और मैं अपने कार्य में भी इसे ढालता हूं।हमारा अभिभावक संविधान है और हम सभी हम भारत के लोग में विश्वास रखते हैं। कोरोना महामारी ने हमारे कार्य पद्धति को बदला है। 24 मार्च 2020 को पूर्ण लॉकडाउन लगा और पटना हाई कोर्ट अपनी उपलब्धियों के साथ 13 अप्रैल 2020 से ई फाइलिंग के साथ शुरू हो गई।करोना हमें एक नई ऊर्जा दी है, नई तकनीक के साथ हम अपना काम कर सकते हैं और इसे आगे भी जारी रखा जाना चाहिए। न्यायालय पूर्णत: स्वतंत्र है, अपने कार्य को लेकर समाज में निहित भावनाओं को हमें अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है यह हमारा लक्ष्य है।
सीवान जिले में 92000 मुकदमा लंबित है इसमें 14000 मुकदमें 10 वर्ष पुराने, 4000 मुकदमें 20 वर्ष पुराने और 500 मुकदमें 30 वर्ष पुराने हैं। मैं अपने जज महोदय से कहना चाहता हूं कि इन मुकदमों को प्राथमिकता के तौर पर निष्पादित किया जाए।सीवान में 1530 गांव है, हम सभी गांव का भ्रमण कर सकते हैं एक आम व्यक्ति को यह भरोसा दिला सकते हैं कि न्यायपालिका आपके द्वार पर खड़ी है क्योंकि हमारी पवित्र पुस्तक संविधान हमें यह बताती है यह देश हम सबका है हम सब भी इस देश के लिए काम करेंगे संविधान की रक्षा करेंगे।
हम समाज के लिए हैं हम केवल जीविका वृत्ति के लिए इस पेशे में नहीं आए हैं क्योंकि अन्य कार्य से जीवन का काम चल सकता है अपितु हम एक ऐसे स्थान पर हैं जहां से एक आम व्यक्ति के दुःख दर्द को हम खुशियों में बदल सकते हैं। हमारे कार्य में पारदर्शिता होनी चाहिए साथ ही सबसे बढ़कर लोकतंत्र के सबसे बड़े संस्थान में सभी का विश्वास बना रहे इसके लिए हमें काम करना है। न्याय दिलाने में हमारा प्रयास सदैव होना चाहिए। एक बार पुनः मैं सभी को धन्यवाद देता हूं,बधाई देता हूं।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार सिन्हा ने सभी न्यायाधीशों को शॉल,पुष्प पाद, स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया।इस अवसर पर सीवान न्यायमण्डल के निरीक्षी न्यायाधीश मोहित कुमार शाह सहित माननीय उच्च न्यायालय के कुल 11 न्यायाधीश इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने। तत्पश्चात इस कार्यक्रम में आये न्यायाधीश गण जिसमें न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद, मधुरेश प्रसाद, निरीक्षी न्यायाधीश मोहित कुमार साह, अंजनी कुमार शरण, अनिल कुमार सिन्हा, प्रभात कुमार सिंह, सुनील कुमार पंवार, पूर्णेन्दु सिंह, सत्यव्रत वर्मा तथा राजेश कुमार वर्मा उपस्थित रहे।
सीवान बार काउंसिल के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता पाण्डेय रामेश्वरी प्रसाद ने सीवान के धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्यों से न्यायाधीश गणों को अवगत कराया उन्होंने द्रोणाचार्य की धरती दोण, दानवीर की धरती कर्णपुरा, सोहागरा की शिवलिंग,जीरादेई के ऐतिहासिक तथ्य, मौलाना मजहरूल हक, डॉ राजेंद्र प्रसाद, बृज किशोर बाबू, नारायण बाबू, समेत सभी लोगों के बाद बारे में अवगत कराया। इससे पहले उन्होंने पंपापुर,पपौर की चर्चा किये जहां भगवान बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था।
उन्होंने बताया कियह न्यायालय की पांचवी भवन है और हम अधिवक्ता संघ ने भी पांच भवन बनाया है,आगे हम भी भवन बनायेंगे,आप भी नये भवन का उदघाटन करने आयेंगे,यह सभी का अहोभाग्य होगा। हमारी आपसे आग्रह है कि अधिवक्ताओं के बैठने के लिए भी भवन के निर्माण पर कृपया ध्यान दिया जाए।
पटना उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह सह माननीय निरीक्षी न्यायाधीश ने अपने उद्बोधन में कहा कि सीवान आकर हम सभी को अत्यंत प्रसन्नता हुई है। नए भवन के उद्घाटन समारोह में उपस्थित होकर हमसभी को काफी प्रसन्नता हो रही हैं। जिला न्यायपालिका हमारा आधार है, यहां अधिक से अधिक संख्या में मुकदमों का निपटारा होता है।
बिहार स्तर पर नए बुनियादी संरचना के अन्तर्गत कई भवनों का उद्घाटन किया गया है,जैसा कि मुझे बताया गया कि सीवान में सभी न्यायाधीशों के लिए आवासीय परिसर का प्रबंध किया गया है।हमारा उद्देश्य समस्या का समाधान करना है। सिविल मामलों का त्वरित निष्पादन किया जाए ऐसी हमारी सोच है। संविधान की मूल भावना संविधान के प्रस्तावना में निहित है और समाज के अंतिम व्यक्ति तक हमें न्याय पहुंचाना हैं।
मंच का संचालन सेकंड क्लास मजिस्ट्रेट सुगम कुमारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन अखिलेश कुमार झा एडीजे ने किया।। इस मौके पर जिले के सभी जज वरीय अधिवक्ता और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।सबसे बढकर पूरे कार्यक्रम में जिला पुलिस अधीक्षक अभिनव कुमार, एडीएम रमन सिन्हा और भारी संख्या में पुलिस बल उपस्थित रहे।
- यह भी पढ़े……..
- कोरोना संक्रमण का बढ़ा खतरा, दिल्ली में 99 फीसदी नमूनों में डेल्टा वेरिएंट का पता चला
- दाहा नदी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत
- पटाखा छोड़ते समय असावधानी पड़ सकती है भारी
- कट्टरता की समस्या और संभव समाधानों के संबंध में चर्चा आवश्यक है.