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दूरदर्शिता के संजीदा सारथी हैं हमारे मोदी जी - श्रीनारद मीडिया

दूरदर्शिता के संजीदा सारथी हैं हमारे मोदी जी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं

✍️गणेश दत्त पाठक

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

विश्व स्तर पर ऐसे कुछ ही महान नेता हुए हैं, जिन्होंने अपने संवेदनशील सोच, समर्पित प्रयासों, विनम्र बानगी, दूरदर्शी उपागम, आध्यात्मिक अनुभूति, रणनीतिक समझदारी से न केवल जन कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया बल्कि अपने अपने देश की प्रतिष्ठा को विश्व स्तर पर कायम रखने में भी अहम योगदान दिया। हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी उन्हीं अंतराष्ट्रीय स्तर के सुप्रतिष्ठित नेताओं में शुमार रहे हैं।

वे जनसेवा के क्रम में न तो आरोपों की परवाह करते हैं और न ही आलोचनाओं की। वे अपना ध्यान सदैव संवेदनशील प्रयास, सुनिश्चित रणनीति, कर्मठ कार्य शैली, समर्पित सरोकार पर रखते हुए सम्यक राष्ट्र धर्म का निर्वहन करते रहे हैं। चुनौतियों ने उन्हें कभी विचलित नहीं किया, आलोचनाओं ने उन्हें कभी व्यथित नहीं किया, वे तो बस मां भारती की सेवा में सकारात्मक और ऊर्जावान कलेवर के साथ निष्काम भाव से जुटे रहते आए। शायद इसी कारण मोदी लोकप्रियता के उस मंजिल पर पहुंच पाए, जहां वे जननायक के तौर पर सुप्रतिष्ठित हो गए।

आध्यात्मिक चेतना का नाद ही मोदी जी की सहजता का आधार

जिंदगी के शुरुआती चरण में साधनहीन रहे मोदी ने साधना के बल पर अपने आध्यात्मिक चेतना को जागृत किया और इसी चेतना के बल पर ही अपने विराट व्यक्तित्व को सूक्ष्म आयामों से संजोया। शायद इसी कारण मोदी आलोचनाओं को भी सकारात्मक और व्यापक आयाम में ही ग्रहण करते हैं और संयमित प्रतिक्रिया देने में सिद्धहस्त माने जाते हैं। आध्यात्मिक चेतना का नाद ही मोदी के व्यक्तित्व को सहजता और सरलता का पर्याय बना देता है।

संवेदनशील सक्रियता बनी मिसाल

मोदी की कार्यशैली अदभुत रही हैं। वे कभी आत्मनिर्भरता के महामंत्र का यशोगान करते दिखते हैं तो कभी विकट परिस्थितियों में प्रशासनिक गतिशीलता को ऊर्जावान आधार देते दिखते हैं। उन्होंने भारत को सक्षम, सशक्त, प्रौद्योगिकी सुसज्जित बनाने के हरसंभव प्रयास किए। आपदाओं के समय उनकी संवेदनशील सक्रियता एक मिसाल बन गई। प्रधानमंत्री मोदी भारतीय प्रशासनिक परिवेश में सहकारी संघवाद, नवाचार, प्रतिस्पर्धा की त्रिवेणी बहाने के लिए भी जाने जाते रहे हैं।

संसाधन के सुव्यवस्थित प्रबंधन के महानायक

हर देश के विकास के लिए संसाधन विशेष मायने रखते हैं। मोदी ने संसाधन के सुव्यवस्थित प्रबंधन पर ध्यान देकर एक विशेष संदेश दिया। सुनियोजित रणनीति के तहत यदि सकारात्मक सोच रखते हुए साहसिक फैसले लिए जाएं तो अधिकतम जनकल्याण को सुनिश्चित किया जा सकता है। मोदी के इस सोच के आधार पर ही भारत ने सिर्फ प्रगति ही नहीं की अपितु प्रगति के लिए एक मजबूत बुनियाद को भी तैयार किया।

प्रेरित और ऊर्जस्वित करने में सदैव आगे

प्रेरणा की शक्ति अपार होती है। उच्च मनोबल से युक्त लोग किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। चाहे वो छात्र हो या प्रशासनिक अधिकारी, चाहे वो मजदूर हो या वैज्ञानिक, चाहे वो सैन्य कर्मी हो या उद्यमी, सभी को प्रेरित और ऊर्जस्वित करने में मोदी सदैव आगे रहे। जिससे पूरी भारतीय मेधा उच्च मनोबल के साथ अपने दायित्वों के निर्वहन में लगी रही। जिससे राष्ट्र समय समय पर आनेवाले चुनौतियों का सक्षमतापूर्वक सामना कर पाया।

तकनीक के साथ बैठाया तारतम्य

वर्तमान दौर तकनीक का है। तकनीकी प्रगति के साथ समय बदल रहा है। अतः तकनीक के मामले में जो पीछे छूट जायेगा वह फिर पीछे ही रह जायेगा। इस तथ्य को भलीभांति समझते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, रक्षा प्रौद्योगिकी के विकास पर सदैव विशेष ध्यान दिया। भारत की जैव प्रौद्योगिकी की विशाल आधारभूत संरचना के महत्व का पता कोरोना महामारी के दौर में उस समय चला, जब देश में विशाल पैमाने पर वैक्सीन का निर्माण किया गया।

सहज संवाद की बानगी ने बनाया लोकनायक

स्वामी विवेकानंद जैसी भावनात्मक संवेदनाओं से सुसज्जित श्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व की सहजता हर किसी को अपना बनाने की आकांक्षा की आग्रही दिखती है। अपने विदेश दौरों के समय अपने अदभुत और मिलनसार व्यक्तित्व के बल पर विभिन्न राष्ट्रों के शासनाध्यक्षों को अपने माधुर्य से अभिभूत करनेवाले मोदी ने देश की विदेश नीति को एक व्यावहारिक धरातल दिया। विदेशों में बसे प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ सहज संवाद कायम कर उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया। योग के मसले पर उनके प्रस्ताव को विश्व समुदाय का मिला अपार समर्थन भारतीय संस्कृति के विश्व शक्ति नहीं विश्व गुरु बनने के भाव का सम्मान ही दिखता है।

कुल मिलाकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व बहुआयामी विशेषताओं से युक्त दिखता है। वे प्रेरणा के प्रबल प्रवाह, संवेदना के शाश्वत स्वर, समर्पण के सशक्त संबल,आध्यात्मिकता के आग्रही और दूरदर्शिता के संजीदा सारथी ही है।

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