टुकड़ों में मरता पाक,क्यों?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पाकिस्तान एक देश नहीं, विचार है – आत्मघाती विचार जिसका आधार हीं नफरत है।… और वो भी भारत की बहुलतावादी सनातन संस्कृति से नफरत। पाकिस्तान नामका विषैला विचार दुनिया की शांति के लिए खतरा है। लगभग चालीस लाख निर्दोष भारतीयों के नरसंहार एवं एक करोड़ के विस्थापन का शाप पाकिस्तान को लगना हीं चाहिए।

देश …भूला नहीं है….विभाजन के चित्कार को, लाहौर से आती क्षत-विक्षत शवों से भरी ट्रेन के डिब्बों को…जो अमृतसर में …लकड़ी के गोटे की तरह गिरा देते लाशों को। ये ..लाशें उनकी थी जिन्होंने पाकिस्तान का विरोध नहीं किया था। …बस, उनकी पूजा-पद्धति…पाकिस्तान चाहने वालों से अलग थी।

यह अलग पूजा-पद्धति हीं भारतीयों के कई बार, जबरदस्ती विस्थापन एवं नरसंहार का कारण बनी। छिट-पुट अभी भी यहीं स्थिति है भारत में। अपने धर्म पर संगठित जनप्रतिरोध हीं था पाकिस्तान नामक सोच की काट।

पाकिस्तान जैसी सोच स्वयं मरते हुए भी भारत की विशाल संस्कृति को thousand cuts देकर internally bleed करके खत्म करने की साजिश पर टिका है। आतंकवाद, दंगा और खालिस्तान या नक्सल सपोर्ट उसी thousand cuts वाली रणनीति का हिस्सा है। पाकिस्तान अरबी इस्लामी ममालिक को सुरक्षा-ढाल बनने के दावे के साथ उभरा। दुनिया भर में दारूल इस्लाम लाने वालों के लिए लांचिंग पैड बना। अरबों ने खजाने खोल दिए। लेकिन…..बंगलादेश का उदय और भारतीय सेना के सामने लगभग एक लाख पाक फौजियों के surrender ने पाकिस्तान की विनाशक सोच को मिट्टी में मिला दिया।

लगभग तीस लाख बंगाली मुसलमानों के कत्ल का दाग है पाक फोजी अफरानों पर। अगर भारत ने बचाया न होता तो कच्चा चबा जाते मुक्तिवाहिनी वाले।
…आज….पाकिस्तान में सेना और पब्लिक एक दूसरे को मार रहें है। सेना में भी बगावत है। वास्तव में, पाकिस्तान सेना का हीं है पाकिस्तान देश। पाकिस्तान …टुकड़ों-टुकड़ों में मर रहा है।

इसके बावजूद स्वयं जलकर भी पाकिस्तान इस ऐहसास से खुश है कि …भारत धीरे-धीरे हीं सही….. सिकुड़ रहा है। एक न एक दिन भारत …पाकिस्तान जैसा बनकर …ऐसी हीं अराजकता, मारकाट एवं गृहयुद्ध की आग में जलेगा। पाकिस्तान …अपने कुकर्मों की सजा पा रहा है…लेकिन पाकिस्तानी सोच खुश है कि…. ये आग …भारत से छिनी हुई धरती पर लगी है। राजा लव की नगरी लाहौर जल रहा है, भारतीय सभ्यता की जन्मभूमि सिंध….में मारकाट मची है। देवी हींगलाज का क्षेत्र बलूचिस्तान में बलूचियों का नरसंहार चल रहा है।

तो,

देर-सबेर इसकी लपटें भारत की ओर भी उठेंगी हीं। पाकिस्तान …एक देश के तौर पर भले हीं मर जाए …लेकिन एक सोच के रूप में तब तक जिंदा रहेगा …जब तक दूसरों को लूटने, कब्जा करने, मतांतरण करने एवं गुलाम बनाने की नियत बरकरार रहेगी।

 

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