बिहार में समय पर नहीं हो सकेंगे पंचायत चुनाव, सात बार मिल चुकी नई तारीख
बिहार और केंद्रीय निर्वाचन आयोग के बीच ईवीएम मॉडल के विवाद पर हाईकोर्ट में फैसला टलने का सिलसिला जारी है। यह क्रम 19 फरवरी से चल रहा है। अभी तक सात बार नई तारीख मिल चुकी है। अबकी आठवीं बार का इंतजार है, जो 12 अप्रैल को तय है। इस बीच, इतना स्पष्ट हो चुका है कि अब समय पर चुनाव संभव नहीं है। ऐसे में अन्य विकल्पों पर भी विमर्श होने लगा है।हालांकि राज्य सरकार का मानना है कि अगले महीने से ही विकल्प पर काम आगे बढ़ेगा। फिलहाल दोनों आयोगों के आपसी विमर्श और अदालत के फैसले का इंतजार होगा।
वर्तमान कमेटियां 15 जून तक ही प्रभावी
चुनाव के टलने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पंचायतों की वर्तमान कमेटियां 15 जून तक ही प्रभावी रह सकेंगी। इसके पहले तक किसी भी हाल में चुनाव जरूरी है। पिछली बार आज से करीब डेढ़ महीने पहले 25 फरवरी को ही चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई थी। पहले चरण का मतदान भी 24 अप्रैल को करा लिया गया था। इस बार अभी तक यह भी तय नहीं है कि चुनाव ईवीएम से कराया जाएगा या बैलेट पेपर से। हाईकोर्ट से अगर फैसला आ भी जाता है और दोनों आयोग के बीच सहमति बन जाती है तो भी एक साथ छह पदों के चुनाव के लिए ईवीएम का मॉडल तैयार करने में कंपनी को कम से कम एक महीने का समय चाहिए। इस हिसाब से नौ चरणों में मतदान के लिए जुलाई-अगस्त तक प्रक्रिया चलेगी।