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पंकज की हाहाकारी जीत से तड़प उठे षड्यंत्रकारी?

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पिछली योगी सरकार में राजनाथ पुत्र का मंत्रिपरिषद में रास्ता रोकने वाले फिर हुए सक्रिय?

फिलहाल पंकज सिंह ने एक लाख79 हजार मतों की जीत से सिद्ध किया कि उनमें भी है दम!

आलेख ः  कृष्ण कुमार द्विवेदी (राजू भैया)

श्रीनारद मीडिया ः

लखनऊ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह ने नोएडा में 1लाख79000 मतों से चुनाव जीतकर यह दिखा दिया है कि उनके व्यक्तित्व में भी दम है। जबकि उनकी इस हाहाकारी जीत के बाद पिछली योगी सरकार में उनका मंत्रिमंडल में रास्ता रोकने वाले कई षड्यंत्रकारी जहरीली तड़पन के साथ फिर से सक्रिय हो चुके हैं? अब भाजपा नेतृत्व खुले दिल से उनके बारे में कोई निर्णय लेगा? या फिर मात्र केवल राजनाथ सिंह पुत्र होने के चलते उन्हें फिर से अनदेखा किया जाएगा! इस पर पूरे प्रदेश की निगाहें जम चुकी है?

नोएडा विधानसभा से लगातार दूसरी बार विधायक बने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बड़े पुत्र पंकज सिंह की जीत के चर्चे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में हो रहे हैं। पंकज सिंह इतने ज्यादा मतों के अंतर से चुनाव जीतेंगे! विरोधी छोड़ दीजिए, भाजपा के ही कई रणनीतिकार इससे दंग हैं? जबकि विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक भाजपा में राजनाथ सिंह को ऊपरी तौर पर सम्मान देकर पीठ में खंजर भोंकने में माहिर कई भाजपाई सुरमा भी अब सक्रिय हो उठे हैं? सूत्रों का दावा है कि ऐसे कई खंजर भोक पहलवानों की पंकज सिंह की भारी जीत ने नींद हराम कर दी है!यह वही लोग हैं जो पंकज सिंह के बढ़ते राजनीतिक कदमों को यह कहकर रोकने का प्रयास करते आए हैं कि पंकज सिंह का अपना कोई व्यक्तित्व नहीं है। वह राजनीति में सफलता अपने पिता के नाम पर हासिल करते हैं।यहां यह भी गौरतलब है कि योगी की सरकार में उप मुख्यमंत्री एवं मंत्री पदों पर रहे कई दिग्गज भी चुनाव हार गए हैं। इसके अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के कई खास लोग भी भाजपा का टिकट पाने के बावजूद भी चुनाव नही जीत पाए? ऐसे में लगातार दूसरी बार पंकज ने नोएडा में अपना विजय अभियान जारी रखकर अपने भविष्य गत राजनीतिक अभियान की ओर इशारा कर दिया है! कि वह थकने वाले योद्धा नहीं बल्कि लड़ने वाले योद्धा है।

विश्वत सूत्रों का यह भी दावा है कि पंकज सिंह की जीत की चर्चाएं जिस तरह से भाजपाइयों एवं अन्य लोगों में हो रही हैं। उससे राजनाथ सिंह विरोधी खेमे के पहलवानों के सीने पर सर्प क्रंदन नृत्य कर रहे हैं? भाजपाई दरबारों में हो रही चर्चाओं के मुताबिक ऐसे कई पार्टी के बड़े चेहरे हैं जिन्होंने पंकज सिंह की राह में रोड़े अटकाने का अभियान शुरू कर दिया है? ऐसे कई तत्व इस अभियान में बीते कई वर्षों से सक्रिय भी रहें हैं ?दरअसल यह वह लोग हैं जो यह नहीं चाहते कि पंकज सिंह किसी भी हालत में प्रदेश सरकार की योगी सरकार में आने वाले समय में मंत्री पद की शपथ लें ।दिलचस्प यह है कि भाजपा में जब परिवारवाद की चर्चा होती है तो उसकी शुरुआत भाजपा के ही कई लोग राजनाथ सिंह के परिवार से शुरू करते हैं? जिस पर भाजपा के विरोधी दल भी बाद में आक्रमक होते नजर आते हैं! जबकि भाजपा में कई अन्य ऐसे नेता हैं जिनके परिजन सांसद ,विधायक व मंत्री तक हैं?

चर्चाओं के मुताबिक पंकज सिंह को पिछली योगी सरकार में मंत्री पद ना मिले इसके लिए कई कूट रचित पटकथाएं तैयार की गई थी? कई वरिष्ठ भाजपाइयों ने चर्चा के दौरान कहा कि पंकज सिंह ने नोएडा में अपने आप को सिद्ध किया है। उनकी बड़ी जीत में जहां भाजपा एवं प्रधानमंत्री मोदी जी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं कार्यकर्ताओं की मेहनत का असर है। तो उसमें उनके व्यक्तित्व , व्यवहार एवं उनके द्वारा कराए गए विकास कार्यों तथा उनकी दूरगामी सोच का भी तेज असर है। तमाम लोग भाजपा से चुनाव जीते हैं जिन्होंने बस किसी तरह चुनावी वैतरणी पार की है!जबकि पंकज सिंह ने 179000 के मतों से बड़ी जीत हासिल की हैं।ऐसे में पंकज सिंह ने कथित षड्यंत्रकारियों को सीधे जवाब न देकर अपने कार्यों एवं अपने घोषित चुनाव परिणाम से करारा जवाब दिया है।

राजनाथ सिंह के पूर्व विधानसभा क्षेत्र हैदरगढ़ में भी इस बात को लेकर चर्चा है कि पंकज भैया को इस बार मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को जरूर लेना चाहिए। केवल राजनाथ सिंह पुत्र होने के चलते उन्हें नजरअंदाज करना अथवा उनकी योग्यता को अनदेखा करना, यह कतई सही नहीं है!कहा जा सकता है कि नोयडा विधायक पंकज सिंह की हाहाकारी जीत के बाद भाजपा में कई षड्यंत्रकारी उनकी राह में रोड़ा बन गए हैं? ताकि येन- केन प्रकारेण पंकज सिंह को मंत्रिपरिषद से दूर रखा जा सके? सवाल है कि भाजपा में पंकज सिंह राजनाथ पुत्र होने की कीमत को कब तक अदा करेंगे ? नोएडा विधायक की धमाकेदार जीत से घबराए कई षड्यंत्रकारी स्तब्ध है! उनके शरीर एवं विचारों के सभी जहरीले तंत्र सक्रिय हो चुके हैं? ऐसे में देखना है पंकज सिंह पिछली योगी सरकार की तरह मंत्रिमंडल से दूर रहते हैं या इस बार उन्हें नोएडा में मिली हाहाकारी जीत का भाजपा नेतृत्व इनाम भी देगा? फिलहाल इस ज्वलंत मुद्दे पर पूरे प्रदेश व देश की निगाहें जम चुकी है।

आलेख ः  कृष्ण कुमार द्विवेदी (राजू भैया)

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