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परिंदा 8925 किलोमीटर उड़कर अफ्रीका से हिमाचल पहुंचा. - श्रीनारद मीडिया

परिंदा 8925 किलोमीटर उड़कर अफ्रीका से हिमाचल पहुंचा.

परिंदा 8925 किलोमीटर उड़कर अफ्रीका से हिमाचल पहुंचा.

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लगातार 120 घंटे तक उड़ान भर सकता है यह परिंदा.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अफ्रीका से 8925 किलोमीटर का सफर तय कर एक परिंदा हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में स्थित पौंग झील में पहुंचा है। यह परिंदा आम नहीं बेहद खास है। पौंग झील में यह परिंदा लंबे समय के बाद पहुंचा है। इस पक्षी के बारे में और अधिक अध्ययन करने के लिए वन्य प्राणी विंग के अधिकारियों में खासा उत्‍ससा है। बात हो रही है कि पूर्वी अफ्रीका के 170 ग्राम वजनी अमूर फाल्कन पक्षी की। पौंग झील में इस बार अफ्रीका से अमूर फाल्कन प्रजाति के पक्षी ने भी दस्तक दी है।

भारतीय विज्ञानी आर सुरेश ने लगाया था इसकी रफ्तार का पता

2013 में जब यह पक्षी यहां आए थे तो एक नर व एक मादा पर जीपीएस टैग लगाया गया था। उसके आधार पर इन पक्षी की रफ्तार का पता चला था। उस समय इस पक्षी ने 120 घंटे लगातार उड़ान भरकर 5640 किलोमीटर का सफर तय किया था। भारतीय वन्य जीव संस्थान दिल्ली के विशेषज्ञ डाक्‍टर आर सुरेश ने टैग के माध्यम से उन्हें ट्रेस करते हुए पाया कि इन पक्षियों ने नागालैंड से समालिया तक लगातार 120 घंटे उड़ान भरी और यह पक्षी प्रति घंटे 47 किलोमीटर दूरी तय करता है। शोध में यह बात भी पता चली है कि यह पक्षी एक माह के भीतर आधी दुनिया का चक्कर लगा सकता है, यानि 22 हजार किलोमीटर एक माह में उड़ सकता है।

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2013 में आए थे तीन अमूर फाल्कन पक्षी

वर्ष 2013 में इस प्रजाति की तीन पक्षी पौंग झील में पाए गए थे। उस समय एक नर व दो माथा अमूर फाल्कन पक्षी पक्षी पौंग झील में मिले थे। उसके बाद इन पक्षियों ने आना बंद कर दिया। तब से अब आठ सालों बाद यह पक्षी पौंग झील में पाया गया है। अभी तक वन्य प्राणी विंग को इस प्रजाति का एक ही पक्षी दिखा है। टीमें इस प्रजाति पर विशेष नजर रखे हुए हैं।

 

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पौंग झील में पहुंचे 30 हजार से ज्‍यादा परिंदे

पौंग झील में विभिन्न प्रजातियों के करीब 30 हज़ार प्रवासी पक्षी पहुंच चुके हैं। दिसंबर तक इनकी संख्या एक लाख से भी ज्यादा पहुंच जाएगी। पौंग झील में बार हेडेड गूज व कर्मोनेंट प्रजाति के प्रवासी पक्षी सबसे ज्यादा संख्या में पहुंचे हैं। झील के साथ प्रवासी पक्षियों की अठखेलियों का नजारा नजदीक से देखने के लिए वन्य प्राणी विंग ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। मोटर बोट के अलावा पौंग झील के मुख्य द्वार सुगनाड़ा गांव में पर्यटक पार्क व पर्यटक हट्स भी तैयार किए जा रहे हैं।

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

वन्यप्राणी विंग मंडल हमीरपुर के डीएफओ राहुल रोहाणे ने बताया पर्यटकों की सुविधा के लिए बनी एक और आधुनिक मोटर बोट दिसंबर महीने में झील में उतार दी जाएगी। अमूर फाल्कन पक्षी अभी तक एक ही देखा गया है, जोकि लंबे समय के बाद झील में पहुंचा है। आने वाले दिनों में इनकी संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

 

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