अपने व्यवहार की सुंदरता पर दें ज्यादा ध्यान,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जीवन और करियर दोनों के लिए अच्छे स्वभाव का कितना महत्व है, आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं। एक बार दो मित्रों में बहस हो गई कि आदमी का व्यक्तित्व, कद काठी और खूबसूरती ज्यादा महत्वपूर्ण है या फिर उसका व्यवहार। जब बात बहुत बढ़ गई तो दोनों अपने गुरु के पास पहुंचे और अपनी-अपनी समस्या बताई। जो मित्र दिन में दो बार जिम जाता था और अपनी डाइट का पूरा ध्यान रखता था,
वह व्यक्तित्व और खूबसूरती की तारीफ कर रहा था। वहीं, दूसरा मित्र मधुर स्वभाव की पैरवी कर रहा था। दोनों की बातें सुनने के बाद गुरुजी ने कहा कि आप मुंबई में जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुंदर लड़की आ रही है, तो आप क्या करोगे? युवक ने कहा- उस पर नजर जाएगी, उसे देखने लगेंगे। गुरुजी ने फिर पूछा- जरा यह भी बताओ कि वह सुंदर चेहरा आपको कब तक याद रहेगा? युवक ने कहा कि पांच से 10 मिनट तक, जब तक कोई दूसरा सुंदर चेहरा सामने न आ जाए।
गुरुजी ने उस युवक से कहा- अब जरा कल्पना कीजिये, आप जयपुर से मुंबई जा रहे हैं और मैंने आपको पुस्तकों का एक पैकेट देते हुए कहा कि मुंबई में अमुक महानुभाव के यहां इसे पहुंचा देना। आप पैकेट देने मुंबई में उनके घर गए। उनका घर देखा तो आपको पता चला कि ये तो बहुत पैसे वाले हैं। घर के बाहर कई गाड़ियां और चौकीदार खड़े हैं। उन्हें आपने पैकेट की सूचना अंदर भिजवाई, तो वे महानुभाव खुद बाहर आए। आपसे पैकेट लिया। आप जाने लगे तो आपको आग्रह करके घर में ले गए। पास में बैठाकर खाना खिलाया। चलते समय आप से पूछा- किसमें आए हैं? आपने कहा-लोकल ट्रेन में।
उन्होंने ड्राइवर को बोलकर आपको गंतव्य तक पहुंचाने के लिए कहा और आप जैसे ही अपने स्थान पर पहुंचने वाले थे कि उस अरबपति महानुभाव का फोन आया- भैया, आप आराम से पहुंच गए। अब आप बताइए कि आपको वे महानुभाव कब तक याद रहेंगे? युवक ने कहा- गुरुजी! जिंदगी में मरते दम तक उस व्यक्ति को हम भूल नहीं सकते। तब गुरुजी ने युवक के माध्यम से सभा को संबोधित करते हुए कहा-यह है जीवन की हकीकत। सुंदर चेहरा थोड़े समय ही याद रहता है, पर सुंदर व्यवहार जीवन भर याद रहता है।
आज के दौर में स्वभाव का महत्व आसानी से समझा जा सकता है। यही जीवन का गुरु मंत्र भी है। अपने चेहरे और शरीर की सुंदरता से ज्यादा अपने व्यवहार की सुंदरता पर ध्यान देना चाहिए। आपका जीवन अपने लिए आनंददायक और दूसरों के लिए अविस्मरणीय व प्रेरणादायक बन जाएगा। अब इसके बाद दोनों मित्रों को तनिक भी संदेह नहीं रहा कि जीवन में किसका महत्त्व अधिक है। इसलिए हम सभी को अपने सभी मिलने वालों से मधुर व्यवहार करना चाहिए। अगर आप खुद अच्छे नहीं हैं, तो किसी और से अच्छे होने की आशा कैसे कर सकते हैं।
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