नगालैंड में शांति की कोशिशों के पटरी से उतरने की आशंका.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
नगालैंड में उग्रवादियों के संदेह में निर्दोष नागरिकों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए केंद्र सरकार ने इस पर खेद जताया है। संसद के दोनों सदनों में दिए बयान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट और दोषियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई का भरोसा दिया। वहीं सूत्रों की मानें तो गृह मंत्रालय को नगालैंड में शांति बहाली की कोशिशों के पटरी के उतरने का डर सता रहा है। यही कारण है कि हालात की उच्च स्तर पर मानिटरिंग की जा रही है।
इसके लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित कर सरकार यह संदेश देने का प्रयास कर रही है कि वह राज्य में शांति बहाली के लिए प्रतिबद्ध है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस घटना से एनएससीएन (आइएम) के साथ दो दशक पुराना युद्धविराम समझौता टूटने की आशंका तो नहीं है, लेकिन अब वह अपना रुख कड़ा कर सकता है।
दरअसल एनएससीएन (आइएम) के साथ ही नगा समस्या के स्थायी हल के लिए 2015 में ही फ्रेमवर्क एग्रीमेंट हो गया था। लेकिन एनएससीएन (आइएम) के अलग संविधान और अलग झंडे की मांग पर अड़े रहने के कारण समझौता नहीं हो पा रहा है। वहीं केंद्र सरकार विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों को साथ में लेकर एनएससीएन (आइएम) पर दवाब बनाने की कोशिश में जुटी है।
नगालैंड की घटना पर गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में खेद जताते हुए सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो। शाह ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि खुफिया जानकारी के आधार पर आपरेशन करने गई सेना की टुकड़ी ने पहले मजदूरों को ले जा रही गाड़ी को रुकने का संकेत दिया लेकिन जब गाड़ी रुकने के बजाय भागने लगी तो उग्रवादियों के संदेह में सेना ने गोली चला दी।
शाह ने संसद को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और कहा कि भारत सरकार इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर अत्यंत खेद व्यक्त करती है। शाह बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने खुद नगालैंड के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से बात कर हालात की जानकारी ली। इसके बाद गृह मंत्रालय के अपर सचिव को कोहिमा भेज दिया गया। वहां वे हालात को सामान्य बनाने के लिए राज्य और अर्धसैनिक बल के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। उनके अनुसार, अब भी नगालैंड में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है लेकिन नियंत्रण में है।
उन्होंने बताया कि सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो। सेना की ओर से उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बयान का हवाला देते हुए शाह ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए नगालैंड के राज्य अपराध पुलिस स्टेशन (एससीपीएस) को इसकी जांच सौंपी गई है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने एसआइटी का गठन भी किया है, जिसकी रिपोर्ट एक महीने के भीतर आ जाएगी।
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