शराब कांड में पुरानी घटनाओं से सबक नहीं ले रहे लोग, अगस्त में भी गयी थी 23 लोगों की जान
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के सारण जिले में संदिग्ध मौतों का सिलसिला जारी है. यहां जहरीली शराब के कारण मरने वालों का आंकड़ा 40 के पास पहुंच चुका है वहीं रिकार्ड में सिर्फ 26 लोगों का नाम दिखाया जा रहा है. सारण में संदिग्ध तरीके से मौत की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले तीन माह पहले ही अगस्त में 23 लोगों ने यहां जहरीली शराब के सेवन से अपनी जान गंवाई थी. हालांकि अधिकतर मामले में प्रशासन ने प्रारंभिक स्तर पर जहरीले शराब से मौत होने की पुष्टि तो नहीं की. लेकिन जिन गांवों में यह घटना हुई उसके आस-पास हुई ताबड़तोड़ छापेमारी तथा कुछ अभियुक्तों की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया था कि सभी मौतें जहरीली शराब पीने से ही हुई है.
अगस्त में भी गयी थी 23 लोगों की जान
जिले के पानापुर में एक अगस्त को जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हुई थी. इस घटना के ठीक तीन दिन बाद चार अगस्त को मकेर के सोनहों पंचायत के भाथा गांव में 13 लोगों की संदिग्ध मौत हुई. जिसमें 11 भाथा पंचायत के वहीं दो भेल्दी बाजार के रहने वाले थे. इस घटना को एक सप्ताह भी नहीं बीते थे कि 12 अगस्त को एक बार फिर मढ़ौरा के भुआलपुर गांव में सात लोग की मौत हो गयी थी. जबकि 23 अगस्त को भी मढ़ौरा में ही एक की मौत जहरीली शराब पीने से हुई. ऐसे में इस घटना के चार माह भी नहीं बीते और एक बार फिर मशरक, इसुआपुर व अमनौर में लगातार मौत का सिलसिला जारी है.
लगातार हो रही मौतें, फिर क्यों नहीं चेत रहे लोग
ऐसे में यह सवाल है कि जब जहरीली शराब सेवन से लोगों की लगातार मौत हो रही है. तो फिर शराब पीने वाले क्यों नहीं चेत रहे है. इस बार जो मौतें हुई है. उनमें कई युवक संभ्रांत परिवार के भी बताये गये है. हालांकि इसके पहले जितने लोग जहरीली शराब के सेवन से मरें उनमें अधिकतर मजदूर वर्ग के थे. मृतकों में अधिकतर गरीब परिवार से होने के कारण उनके परिवार के भरण पोषण का जिम्मा अब कौन उठायेगा इसपर भी सवाल खड़ा होता है.
एक महिला समेत तीन की हो चुकी है गिरफ्तारी
पूर्व में हुए मामलों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया. तीन माह में करीब 64 बार शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की गयी. एसपी संतोष कुमार ने बताया कि मढ़ौरा में तीन माह पहले हुई घटना के बाद डुगरनी कुंवर नामक महिला को गिरफ्तार किया गया था. वह शराब बेचती थी. उसी के दुकान से शराब पीने के बाद 12 अगस्त को सात लोगों की जान चली गयी थी. वहीं उस महिला की निशानदेही पर ही तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था.
जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या हुई 31
छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. गुरुवार की सुबह तक 31 लोगों के मरने की सूचना है. हालांकि, गुरुवार की सुबह तक मृतकों की संख्या पर जिला प्रशासन की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गयी है. मृतकों में सबसे ज्यादा मशरक के दस लोग शामिल हैं. वहीं, अमनौर के तीन एवं मढ़ौरा के एक व्यक्ति की मौत हुई है. बीमार लोगों में से कई के आंखों की रौशनी जाने की भी शिकायत मिल रही है. बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन के द्वारा अभी तक 16 शवों का पोस्टमार्टम कराया गया था. वहीं तीन शवों का परिजनों से खुद से अंतिम संस्कार कर दिया है. कई गंभीर रुप से बीमार लोगों का इलाज छपरा सदर अस्पताल और पटना के पीएमसीएच में चल रहा है.
कई परिजन बीमारी से मौत की कह रहे बात
शराब कांड में मारे गए कई लोगों के परिजनों का कहना है कि उनके मरीज की मौत किसी अन्य बीमारी के कारण हुई है. हालांकि, बाद में पूछने पर एक ने बताया कि परिजन की मौत तो हो गयी है. शराब की बात सामने आएगी तो सामाजिक परेशानी के साथ ही, पुलिस का चक्कर भी लंबा लगेगा. ऐसे में हम बीमारी से बाते की बात कह रहे हैं. वहीं, पुलिस प्रशासन इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर रही है. पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि मामले में पुलिस की जांच अभी चल रही है. बिना जांच के कुछ भी कहना इस संदिग्ध मामले में काफी गलत हो सकता है. घटना के बाद से ही, सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है.
मशरक से हुई थी जहरीली शराब की सप्लाई
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि जहरीली शराब की सप्लाइ मशरक के जद्दू मोड़ के पास की एक बस्ती से हुई थी. सबसे पहले पांच लोगों ने वहीं पर शराब पी थी, जिनकी मौत हो गयी. कुछ लोगों से पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि दो दिन पहले बाहर से यहां शराब की खेप आयी थी और यहीं से प्रखंड के अलग-अलग इलाकों में सप्लाई हुई है.एडीजीपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि 30 लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. जहरीली शराब से संदेहास्पद मौत मानकर ही मामले की जांच की जा रही है. रेंज डीआइजी कैंप कर रहे हैं.
छपरा शराब कांड में पीड़ित लोगों का इलाज छपरा के अलावा पटना के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है. इसमें पीएमसीएच और एनएमसीएच भी शामिल है. गुरूवार की दोपहर नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) में इलाजरत एक मरीज की मौत हो गयी है. मृतक की पहचान सारण जिले के बहरौली मसरख निवासी स्वर्गीय मिश्री शाह के 32 वर्षीय पुत्र रूपेश कुमार के रूप में की गई है.इसके साथ ही, शराब कांड में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 40 के आसपास पहुंच गयी है. बता दें कि सारण जिले के मशरक, इसुआपुर, मढौरा और अमनौर प्रखंड में जहरीली शराब से अबतक कुल 31 लोगों की मौत हो चुकी है.
नौ लोगों के साथ पिया था शराब
घटना के बारे में बताते हुए मृतक रुपेश कुमार शाह की भाभी ने रुपू देवी ने बताया कि उनके गांव के नौ लोगों ने एक साथ शराब पी थी. शराब पीने के कुछ देर बाद ही सभी की स्थिति बिगड़ने लगी. स्थिति खराब होने पर गांव के सभी लोगों को इलाज के लिए मशरक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. वहीं से उन्हें छपरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. रुपेश की स्थिति काफी गंभीर थी. ऐसे में छपरा सदर अस्पताल में इलाज के बाद उसे पटना के एनएमसीएच रेफर कर दिया गया. एनएससीएच में उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी. उन्होंने बताया कि साथ दारू पीने वाले अन्य कई लोगों की भी मौत हो चूकी है.