बाढ़ से लोग बेहाल,कहीं धंस रही जमीन तो कहीं गिर रही चट्टानें

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में अब जाता हुआ मानसून जमकर बरस  रहा है। कई राज्यों में जमकर बारिश हो रही है, वहीं उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। गंगा, यमुना, सरयू जैसी नदियां भी इस वक्त उफान पर हैं। यूपी के 21 जिलों में 500 से ज्यादा गांव में बाढ़ जैसे हालात हैं।

बिहार, राजस्थान में कैसा है हाल?

पहाड़ों में तेज बारिश के कारण बिहार के बेगूसराय, भागलपुर, ​​​​​मुंगेर में गंगा का पानी तेजी से बढ़ा है। मुंगेर में चंडिका स्थान के गर्भगृह में 5-6 फीट तक पानी भर गया। पटना में NH-31 पर गंगा का पानी आने से जाम की स्थिति बन गई।

बता दें कि राजस्थान के पूर्वी हिस्से में अगले 24 घंटे तक बारिश होने का अनुमान है। बात करें हिमाचल प्रदेश की तो हिमाचल में भी लगातार बारिश हो रही है, 32 से ज्यादा सड़कों पर वाहनों का आना जाना बंद है और 26 बिजली आपूर्ति योजनाएं भी बाधित हैं। मौसम विभाग ने 25 सितंबर तक बादलों और आंधी-तूफान  की गर्जन को लेकर हिमाचल में ‘यलो अलर्ट’ भी जारी किया है।

मिजोरम, त्रिपुरा में भारी बारिश की संभावना

वहीं मौसम विभाग ने 22 सितंबर को ओडिशा,मणिपुर, नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा में भारी बारिश की संभावना जताई है। साथ ही असम, अरुणाचल, नगालैंड,  मेघालय,  मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में उमस का स्थिति भी बनी रहेगी।

MP में कब से कब तक होगी बारिश?

वहीं मध्यप्रदेश में जाने से पहले मानसून एक बार फिर एक्टिव होगा, 24 सितंबर से प्रदेश में बारिश का एक और दौर शुरू होने वाला है। मध्यप्रदेश में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, मपी के 9 जिलों में हल्की बारिश के आसार हैं, नर्मदापुरम, बैतूल, सिवनी, बालाघाट, बुरहानपुर, खरगोन, डिंडोरी, और छिंदवाड़ा में बारिश होगी।

हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में शुक्रवार तड़के तक हल्की बारिश दर्ज की गई। इनमें चंबा और भरमौर जिलों में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई। स्थानीय मौसम कार्यालय ने कहा कि भरमौर में 10 मिमी बारिश हुई, इसके बाद कुकुमसेरी में 4.6 मिमी, और मनाली, केलोंग और धर्मशाला में गुरुवार शाम 5:30 बजे से शुक्रवार सुबह 8:30 बजे के बीच 1 मिमी बारिश हुई।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने कहा कि प्रदेश में कुल 29 सड़कें बंद हैं। जिनमें कांगड़ा में 10, मंडी में नौ , शिमला में पांच और कुल्लू में चार तो सिरमौर जिले में एक सड़क यातायात के लिए बंद हैं। वहीं, नौ बिजली आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं।

25 और 26 सितंबर को लिए अलर्ट जारी

स्थानीय मौसम कार्यालय ने 25-26 सितंबर को अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली गिरने के लिए ‘पीली’ चेतावनी भी जारी की है। जारी मानसून सत्र के दौरान राज्य में वर्षा की कमी 19 प्रतिशत है।

राजस्थान में मानसून ने पिछले 13 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस बार मानसून में राजस्थान में औसत से ज्यादा बारिश हुई है। प्रतिवर्ष मानसून में बाढ़ का कहर झेलने वाले बिहार और अरूणाचल से ज्यादा बारिश राजस्थान में हुई है। इस बार प्रदेश में अब तक 699.3 एमएम बारिश हुई है। अभी दो सप्ताह तक बारिश होने की ओर संभावना है।

इतनी बारिश हुई कि राजस्थान के 392 बांध ओवरफ्लो

रिकॉर्ड बारिश के कारण प्रदेश के छोटे-बड़े 691 बांधों में से 392 बांध ओवरफ्लो हुए हैं। वहीं 192 बांध आंशिक रूप से भरे हैं। शेष बांध अब भी खाली हैं। जो बांध नहीं भरे उसका कारण यह है कि बांधों के आसपास बस्तियां बस गईं, बांधों में पानी पहुंचने का रास्ता नहीं रहा है।

देश में 58 दिन मानसून सक्रिय रहा

  • जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा का कहना है कि मानसून ट्रफ लाइन का लंबे समय तक सामान्य स्थिति में रहना अच्छी बारिश का प्रमुख कारण है। ट्रफ लाइन ज्यादा समय तक उत्तर दिशा में शिफ्ट हुई और न ही दक्षिण में।
  • यही कारण रहा कि राजस्थन में प्रवेश करने के बाद से मानसून सितंबर के दूसरे सप्ताह तक सक्रिय रहा है। बैक टू बैक सिस्टम बनना और उनका राजस्थान तक आना मानसून में तेज बारिश का बड़ा कारण है।
  • बंगाल की खाड़ी से मानसून में कई हल्के और तेज प्रभाव वाले लो प्रेशर सिस्टम बने, ये सिस्टम राजस्थन सीमा तक पहुंचे। इसका लाभ प्रदेश को मिला है।

बारिश में पूर्वोत्तर के राज्यों से आगे रहा राजस्थान

मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में इस साल 25 जून को मानसून ने प्रवेश किया और 17 सितंबर तक अर्थात 85 दिन में से 58 दिन तक मानसून सक्रिय रहा। इस दौरान औसत से ज्यादा बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार इस बार बिहार,अरूणाचल प्रदेश,असम सहित कई राज्यों में औसत से कम बारिश हुई है।

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