नक्सलियों के खौफ तले रहने को मजबूर लोग.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

जमुई जिला के चकाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत टोला पहाड़ बाराजोर गांव में नक्सलियों ने बुधवार रात दो लोगों की निर्मम हत्या कर दी. जिसके बाद पूरे गांव में दशहत का माहौल है. नक्सली हत्या करने के बाद अगले दिन फिर गांव पहुंचे और शवों के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने की चेतावनी ग्रामीणों को दे दी. मृतकों के परिजनों को भी गवाही नहीं देने के लिए धमकाया गया.

चकाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत टोला पहाड़ बाराजोर गांव में चतुर एवं अर्जुन के परिजनों को पुनः गांव पहुंच दर्जनों नक्सलियों ने धमकी दी है. बाराजोर गांव से चतुर एवं उसके पुत्र अर्जुन के शव को लेकर सुरक्षाबलों के निकलते ही नक्सलियों का समूह फिर से बाराजोर गांव पहुंचा और परिजनों को पुलिस के समक्ष कुछ भी बयान नहीं देने का धमकी दी है.

बता दें कि पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्र होने के कारण सुरक्षा बल आसानी से यहां नहीं पहुंच पाते हैं जिसका फायदा नक्सलियों को मिलता है. नक्सलियों ने आराम से आसपास के इलाकों में अपना जमावड़ा जमाया हुआ है. नक्सलियों के जमावड़ा से स्थानीय लोगों का जीना मुहाल हो गया है. कुछ अपराधिक गतिविधियां होने के बाद भी स्थानीय लोग पुलिस को सूचना नहीं दे पाते हैं. सूचना देने के बाद भी पुलिस को 1 दिन या 2 दिन उस क्षेत्रों में जाने में लग जाते हैं. जिस कारण लोगों में अपराधियों का ख़ौफ़ बना रहता है.

इस संबंध में पूछे जाने पुलिस पदाधिकारी भी दबे जुबान से मानते हैं कि नक्सलियों के पीड़ित परिजन को धमकी देने की सूचना प्राप्त हुई है. मामला का जांच पड़ताल किया जा रहा है. विदित हो बीते बुधवार की रात दर्जनों नक्सलियों ने बाराजोर गांव में गांव के ही चतुर हेम्ब्रम एवं उसके पुत्र अर्जुन हेम्ब्रम की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.उनपर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर हत्या कर दी गई.

जमुई जिला के चकाई थाना क्षेत्र में बुधवार की रात नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए चौपाई हेंब्रम उसके पुत्र अर्जुन हेंब्रम की निर्मम हत्या कर दी थी. अब परिजनों को गवाही नहीं देने व ग्रामीणों को अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने का फरमान जारी किया गया है. पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को शव सौंप दिया. लेकिन अंतिम संस्कार के लिए नयी मुसीबत सामने आ गई.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार की रात करीब आधा दर्जन नक्सली बाइक पर सवार होकर फिर बाराजोर गांव पहुंचे. नक्सलियों ने मृतकों की अंत्योष्टि में शामिल होने वालों को परिणाम भुगतने की धमकी दी. जिसके बाद ग्रामीण डर की वजह से अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए. नक्सलियों ने शवों को छूने तक से मना कर दिया था. बताया जाता है कि रात करीब 11 बजे नक्सली गांव पहुंचे और ये फरमान सुनाया.

नक्सलियों के द्वारा मुखबिरी के आरोप में मौत के घाट उतारे गये पिता-पुत्र के शवों को लेकर जब पुलिस व एसएसबी की टीम शुक्रवार सुबह गांव पहुंची तो दोनों शवों को लेने एक भी ग्रामीण सामने नहीं आए. काफी समझाने के बाद पांच लोग आए और शव को लेकर गए. वहीं नक्सलियों ने चतुर एवं अर्जुन के परिजनों को पुनः धमकी दी है. उन्हें चेताया कि पुलिस के समक्ष कुछ भी बयान नहीं दें.

बता दें कि मारे गये पिता-पुत्र के परिजनों द्वारा सुनील मरांडी एवं उसके सहयोगियों का नाम पुलिस को बताए गया था. सूत्रों की मानें तो पुलिस के बाराजोर गांव से निकलते ही कुछ घंटे बाद नक्सलियों का समूह गांव फिर से पहुंचा और मृतक के परिजनों को पुलिस के समक्ष कुछ भी बयान नहीं देने का धमकी दिया अन्यथा चतुर एवं अर्जुन की तरह सजा भुगतने को तैयार रहने को कहा गया.

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