शिविर लगाकर टीबी रोग के प्रति लोगों को किया गया जागरूक

शिविर लगाकर टीबी रोग के प्रति लोगों को किया गया जागरूक
विश्व टीबी दिवस पर पूरे महीना होगा जागरूकता संबंधी कार्यक्रम का आयोजन
चिह्नित गांव व बस्तियों में टीबी मरीजों की खोज के लिये विशेष अभियान संचालित

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श्रीनारद मीडिया‚ अररिया, (बिहार)

राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता को लेकर पूरे देश में “टीबी हारेगा, देश जीतेगा” अभियान का संचालन किया जा रहा है | इसी क्रम में गुरुवार को जिला यक्ष्मा कार्यालय द्वारा शहर के प्रसिद्ध काली मंदिर परिसर में एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया | इस क्रम में महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के बीच हैंडबिल का वितरण करते हुए उन्हें टीबी रोग के प्रति आगाह करते हुए इससे बचाव संबंधी उपाय व इलाज के लिये उपलब्ध इंतजाम की जानकारी दी गयी | मौके पर जिला सूचना व जनसंपर्क पदाधिकारी दिलीप सरकार, शंकर मालाकार सहित अन्य मौजूद थे|

अभियान की सफलता में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी महत्वपूर्ण
शिविर में जिला टीबी कोर्डिनेटर दामोदर शर्मा ने बताया कि जिला यक्ष्मा विभाग द्वारा टीबी उन्मूलन के प्रयासों के तहत पूरे मार्च महीना इसे जन आंदोलन के रूप में मनाने का प्रयास किया जा रहा है | इसके तहत जगह-जगह धार्मिक स्थलों सहित सार्वजानिक जगहों पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है | इस क्रम में लोगों के बीच जागरूकता संबंधी हैंडबिल का वितरण करते हुए उन्हें टीबी रोग से संबंधित समुचित जानकारी उपलब्ध करायी जानी है | इस कड़ी में काली मंदिर परिसर में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया | उन्होंने बताया कि 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस का आयोजन किया जाना है | विश्व टीबी दिवस की सफलता को लेकर 16 से 20 मार्च के बीच जिले के सभी प्रखंडों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे | जिला टीबी कोर्डिनेटर ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान को जन आंदोलन का रूप देने के लिये हर स्तर पर सामुदायिक सहभागिता जरूरी है | अभियान की सफलता में पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया |

चिह्नित गांव में संचालित किया जायेगा विशेष अभियान
उन्होंने बताया कि विशेष अभियान के तहत वैसे गांव, टोला व बस्ती को चिह्नित किया गया है, जहां टीबी के मरीज ज्यादा हैं| इन गांवों में विशेष चिकित्सकीय शिविर का आयोजन कर लक्षण वाले लोगों की बलगम जांच की जायेगी | टीबी संक्रमण की पुष्टि होने पर तत्काल उन्हें नजदीकी चिकित्सा संस्थानों में इलाज के लिये प्रेरित किया जायेगा | ताकि रोग का समुचित इलाज संभव हो सके |
दो सप्ताह से लगातार खांसी होने पर करायें टीबी की जांच
जिला टीबी कोर्डिनेटर ने बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है | सामूहिक भागीदारी से इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है | यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी की शिकायत हो तो उन्हें तुरंत नजदीकी चिकित्सा केंद्र पर अपने बलगम की जांच करानी चाहिये | बलगम के साथ खून आना या नहीं आना, शाम के समय बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर का वजन कम होना, सीने में दर्द की शिकायत, रात में पसीना आना टीबी रोग से जुड़े लक्षण हो सकते हैं | बलगम की जांच से रोग का पता आसानी से चल जाता है | बलगम जांच की सुविधा जिला के सभी पीएचसी में उपलब्ध है | टीबी संक्रमण की पुष्टि होने पर पूरे कोर्स की दवा रोगी को मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है | जांच से इलाज की पूरी प्रक्रिया बिल्कूल नि:शुल्क है | टीबी मरीजों के लिये जरूरी है कि वे खांसते समय अपने मुंह को कपड़ा व रूमाल से ढक कर रखें | इससे संक्रमण के फैलने की संभावना कम होती है | टीबी के मरीजों को नियमित रूप से दवा खाने की जरूरत होती है | बीच में दवा छोड़ देने से बीमारी लाइलाज होने की संभावना हो जाती है | टीबी मरीजों के लिये एचआईवी की जांच जरूरी है | डीआर टीबी मरीज को 9 से 11 और 18 से 21 माह नियमित रूप से दवा खाना पड़ता है | निक्षय पोषण योजना के तहत सभी टीबी मरीजों को 500 रुपये प्रतिमाह सहायता राशि देने का प्रावधान है |

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