भावी जीवन को स्वस्थ्य रखने के लिए लगाएं पौधा- सुमन श्रीनारद मीडिया कुचायकोट : पौधा हमारे अमूल्य जीवन में एक सदस्य के रूप में खड़ा रहता है। यही सच्चा जीवन साथी है जो जीवन भर हमारे साथ रहता है और अलविदा करते समय हमारे साथ जाता है। ऐसे में भावी जीवन को स्वस्थ रखने के लिए आप अपने घरों के सामने एक पौधा अवश्य लगाएं। उक्त बातें स्थानीय प्रखंड के ढेंबवा गांव के समाजसेवी स्वर्गीय नंद किशोर राय की तीसरी पुण्यतिथि पर आयोजित एक दिवसीय पर्यावरण संरक्षण संगोष्ठी में मुख्य अतिथि राजस्व पदाधिकारी सुमन सौरभ ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा। इन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। जिसमें पुरा विश्व एक साथ लाभान्वित हो रहा है। हमारे चारों तरफ पौधे है तभी हम सुरक्षित भी है। सुनंद फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस एक दिवसीय कार्यक्रम में पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए लोगों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्व राय जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इसके बाद कार्यक्रम शामिल कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ अमित बिसेन, डॉ रविकांत, प्रोफ़ेसर जनार्दन राय, विद्या मिश्र तथा पर्यावरणविद् डॉ सत्य प्रकाश ने पर्यावरण संरक्षण के बारे में विस्तृत चर्चा किया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि इस धरती पर हरियाली है तो जीवन है। ऐसे में पौधा का बहुत महत्व है। एक पौधा सौ पुत्रों के समान होता है। पौधा का संरक्षण करके ही हम अपने जीवन की नैया को पार कर सकेंगे। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उमेश प्रधान ने कहा कि अब आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने आवरण को कितना सुरक्षित कर सके है। जिस गति से वैश्विक महामारियां फ़ैल रही है उसपर विराम यदि लगाना है तो हमें अपने प्रकृति के तरफ़ लौटना होगा। तभी हमारा वायुमंडल शुद्ध हो सकेगा। कार्यक्रम में मौजूद सभी गणमान्य को पौधा, अंगवस्त्र और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मंच संचालन दया किशोर राय ने किया। वहीं धन्यवाद ज्ञापन मुकुल राय ने किया। इस मौके पर दीनानाथ मांझी, उदय तिवारी, सुरेश सिंह, राज रोशन राय शर्मा, शैलेश राय, हरकेश राय, पंडित अभय तिवारी, पंडित उत्सव तिवारी, अमित मिश्रा, अमरेंद्र प्रधान ,विनोद राय, विमलेश राय, जोगिंदर ठाकुर, बबलू राय, राजेंद्र राय, मिथिलेश राय, सुशील राय समेत अन्य लोग मौजूद रहे। सभी ग्रामीणों के दरवाजे पर एक एक फलदार, छायादार व फूल के पौधे लगाए गए।