पीएम मोदी ने दिया ‘वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफार्म’ का मंत्र.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लोकतंत्र भारत के लिए महज सरकार चलाने की व्यवस्था नहीं, बल्कि भारतीय समाज का स्वभाव है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार से शुरू विधानसभा व विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने ये बातें कही। प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, मेरा एक विचार ‘वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफार्म’ का है। एक ऐसा पोर्टल जो न केवल हमारी संसदीय व्यवस्था को जरूरी तकनीकी बढ़ावा दे, बल्कि देश की सभी लोकतांत्रिक इकाइयों को जोड़ने का भी काम करे।
प्रधानमंत्री ने कहा, मेरा एक विचार ‘वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफार्म’ का है। एक ऐसा पोर्टल जो न केवल हमारी संसदीय व्यवस्था को जरूरी तकनीकी बढ़ावा दे, बल्कि देश की सभी लोकतांत्रिक इकाइयों को जोड़ने का भी काम करे। उन्होंने कहा, हमारे सदन की परम्पराएं और व्यवस्थाएं स्वभाव से भारतीय हों। हमारी नीतियां, कानून भारतीयता के भाव को, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को मजबूत करने वाले हों। सबसे महत्वपूर्ण, सदन में हमारा खुद का भी आचार-व्यवहार भारतीय मूल्यों के हिसाब से हो। ये हम सबकी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, हमारा देश विविधताओं से भरा है। अपनी हजारों वर्ष की विकास यात्रा में हम इस बात को अंगीकृत कर चुके हैं कि विविधता के बीच भी, एकता की भव्य और दिव्य अखंड धारा बहती है। एकता की यही अखंड धारा, हमारी विविधता को संजोती है, उसका संरक्षण करती है।
बता दें कि पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 17 नवंबर और 18 नवंबर दो दिन चलेगा। इस दौरान संसद व विधानमंडलों में सदन कैसे सुचारु रूप से चलें, जनहित का किस तरह से ध्यान रखा जाए और सरकारों की जवाबदेही कैसे तय की जाए, इन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (एआईपीओसी) का यह 82वां संस्करण है। इस सम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे। राज्यसभा के उपसभापति और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। इसमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भी हिस्सा ले रहे हैं। इसके साथ ही कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद हैं। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल सम्मेलन का समापन करेंगे।
100 साल पूरे होने पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में देश के 36 राज्यों की विधानसभाओं, विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारी, उपाध्यक्ष और प्रधान सचिव हिस्सा ले रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार के मुताबिक, पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन भी 1921 में हिमाचल प्रदेश के शिमला में आयोजित किया गया था।
- यह भी पढ़े…….
- कुछ नहीं करना चाहते ब्यूरोक्रेट- सुप्रीम कोर्ट.
- शौच को गयी किशोरी की तालाब में डूबने से हुई मौत
- राशिनुसार इन रत्नों को धारण करने से कम होता है ग्रहों का अशुभ प्रभाव
- भूलकर भी इन रत्नों को एक साथ न पहने, कम होने की जगह बढ़ जाएंगी परेशानियां
- रंक को राजा बन सकता है यह रत्न, जानें इसके फायदे