जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मिले PM मोदी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भारत की दो दिन की यात्रा पर सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने उनका स्वागत किया। इसके बाद किशिदा ने हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इसके बाद दोनों ने संयुक्त प्रेस वार्ता को भी संबोधित किया।
पीएम मोदी ने जापानी पीएम का किया स्वागत
पीएम मोदी ने कहा, ”मैं जापानी पीएम फुमियो किशिदा का भारत में स्वागत करता हूं। पिछले एक साल में, पीएम फुमियो किशिदा और मैं कई बार मिले हैं और हर बार मैंने भारत-जापान द्विपक्षीय संबंधों के प्रति उनकी सकारात्मकता और प्रतिबद्धता को महसूस किया है। इस गति को बनाए रखने के लिए उनका आज का दौरा फायदेमंद रहेगा।”
G-7 सम्मेलन में शामिल होने का मिला आमंत्रण
प्रधानमंत्री ने कहा, ”आज जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने मुझे G7 नेताओं के शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया, जो मई में हिरोशिमा में आयोजित किया जाएगा। मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। इस साल सितंबर में, मुझे फिर से G20 लीडर्स समिट के लिए भारत में पीएम फुमियो किशिदा का स्वागत करने का अवसर मिलेगा।”
ग्लोबल साउथ को आवाज देना जी-20 प्रेसिडेंसी का विजन
पीएम मोदी ने कहा कि भारत-जापान विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और ‘कानून के शासन’ पर आधारित है। यह भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करेगा। हमने जी20 अध्यक्षता के संबंध में भारत की प्राथमिकताओं के बारे में विस्तृत चर्चा की है। विशेष रूप से, G20 प्रेसीडेंसी के लिए हमारे विजन के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक ग्लोबल साउथ को आवाज देना है।’
”डीकार्बोनाइजेशन और ऊर्जा पर काम करना जारी रखेंगे”
जापानी पीएम किशिदा ने कहा- मैंने पीएम मोदी को G7 हिरोशिमा शिखर सम्मेलन में औपचारिक रूप से आमंत्रित किया और मौके पर ही मेरा निमंत्रण तुरंत स्वीकार कर लिया गया। उन्होंने कहा, ”हम डीकार्बोनाइजेशन और ऊर्जा पर काम करना जारी रखेंगे…2023 जापान-भारत पर्यटन आदान-प्रदान का वर्ष होगा। मैं जापानी भाषा शिक्षा पर हमारे एमओसी के नवीनीकरण का स्वागत करता हूं।”
”भारत के साथ हमारा आर्थिक सहयोग तेजी से बढ़ा है”
किशिदा ने कहा कि भारत के साथ हमारा आर्थिक सहयोग जो तेजी से बढ़ रहा है, न केवल भारत के आगे विकास का समर्थन करेगा, बल्कि जापान के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर भी पैदा करेगा। उन्होंने कहा, ”मैं आईसीडब्ल्यूए द्वारा आयोजित एक व्याख्यान कार्यक्रम में फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक (एफओआईपी) पर अपनी नई योजना की घोषणा करूंगा। मुझे भारत की धरती पर अपनी नई दृष्टि का अनावरण करने में बहुत खुशी हो रही है जो एफओआईपी को साकार करने में हमारा अनिवार्य भागीदार है।”
राजघाट पर महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि
जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने दिल्ली में राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। किशिदा ने राजघाट पर आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किया। इस दौरान उन्हें महात्मा गांधी की जीवनी पर लिखी गई पुस्तकें भेंट की गई।
बाल बोधि वृक्ष का करेंगे दर्शन
पंद्रह साल पहले शिंजो आबे ने पहली बार अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान इंडो-पैसिफिक सहयोग के बारे में बात की थी। किशिदा और मोदी दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में बाल बोधि वृक्ष का दर्शन भी करेंगे। विदेश मंत्रालय ने 10 मार्च को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि दोनों नेता पारस्परिक हित के द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
पिछले साल मार्च में ही भारत दौरे पर आए थे किशिदा
किशिदा ने मार्च, 2022 में भारत की आधिकारिक यात्रा की थी और उसके बाद मई, 2022 में पीएम मोदी ने क्वाड शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए टोक्यो की यात्रा की थी। बता दें, क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए जापान के विदेश मंत्री योशीमासा हयाशी तीन मार्च को कुछ घंटों के लिए भारत आये थे। हयाशी और विदेश मंत्री डाक्टर एस जयशंकर के बीच द्विपक्षीय बैठक में जापानी पीएम और भारतीय पीएम के बीच होने वाली शिखर वार्ता की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई थी।
किशिदा सरकार की जापानी मीडिया ने की आलोचना
जापान के विदेश मंत्री ने जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था, जिसको लेकर वहां की मीडिया ने किशिदा सरकार की काफी तीखी आलोचना की थी। एक अखबार ने यहां तक लिखा था कि किशिदा को वैश्विक कूटनीति की जीरो समझ है और उन्होंने अपने रणनीतिक साझेदार देश भारत को नाराज किया है।
जापान में होगी जी-7 की बैठक
यह भी बताया गया कि दुनिया के सबसे अमीर सात देशों के संगठन जी-7 की बैठक मई, 2023 में जापान में हो रही है और उसमें हिस्सा लेने के लिए किशिदा पीएम मोदी को भी आमंत्रित करेंगे। मोदी पहले भी जी-7 की बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर हिस्सा लेते रहे हैं। भारत और जापान के बीच विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी है, जिसमें रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और निवेश, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
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