पीएम मोदी ने गिर के जंगलों में शेरों का किया दीदार
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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के दौरे पर हैं और 3 मार्च वन्यजीव दिवस के अवसर पर उन्होंने गुजरात के जूनागढ़ जिले में गिर वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी का लुत्फ उठाया और वहां मौजूद शेरों को अपने कैमरे में कैद किया।रात्रि विश्राम के बाद लिया जंगल सफारी का आनंद
पीएम मोदी ने सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की थी, फिर उन्होंने सासण में वन अतिथि गृह ‘सिंह सदन’ में रात्रि विश्राम किया। इसके बाद 3 मार्च को पीएम मोदी जंगल सफारी पर निकले थे। इस दौरान उनके साथ कुछ मंत्री और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
पीएम मोदी गिर वन्यजीव अभयारण्य के मुख्यालय सासण गिर में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे। बता दें, एनबीडब्लयूएल में 47 सदस्य हैं, जिनमें सेना प्रमुख, विभिन्न राज्यों के सदस्य, इस क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, मुख्य वन्यजीव वार्डन और विभिन्न राज्यों के सचिव शामिल हैं।
‘प्रोजेक्ट लॉयन’ के तहत 2900 करोड़ रुपये मंजूर
सरकार विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्र सरकार ने एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ के तहत 2900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर की है।
ये शेर सिर्फ गुजरात में ही रहते हैं, इन शेरों को एकमात्र निवास स्थान गुजरात है।
एशियाई शेर गुजरात के 9 जिलों के 53 तालुकाओं में लगभग 30 हजार वर्ग किलोमीटर में निवास करते हैं।
एक अत्याधुनिक अस्पताल भी स्थापित
राष्ट्रीय परियोजना के तहत जूनागढ़ जिले के न्यू पिपल्या में 20.24 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर वन्यजीवों के चिकित्सीय निदान एवं रोग से बचाव के लिए राष्ट्रीय रेफरल केंद्र हो रहा है स्थापित।
सासण में वन्यजीव निगरानी के लिए उच्च तकनीक से युक्त निगरानी केंद्र और एक अत्याधुनिक अस्पताल भी किया गया है स्थापित।
पीएम मोदी ने ‘वनतारा’ का किया दौरा
रिलायंस जामनगर रिफाइनरी परिसर में स्थित पशु बचाव, संरक्षण और पुनर्वास केंद्र वनतारा का रविवार को पीएम मोदी ने दौरा किया था। यह बचाव केंद्र बंदी हाथियों और अन्य वन्यजीव के कल्याण के लिए समर्पित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में हैं। उन्होंने सोमवार सुबह विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर जूनागढ़ जिले में गिर वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी का आनंद लिया। सोमनाथ से आने के बाद पीएम मोदी ने सासण में वन अतिथि गृह ‘सिंह सदन’ में रात्रि विश्राम किया। रविवार शाम को उन्होंने सोमनाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे पहला ज्योतिर्लिंग है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा कि सामूहिक प्रयासों की वजह से एशियाई शेरों की आबादी में लगातार वृद्धि देखी गई है। उन्होंने एशियाई शेरों के आवास को संरक्षित करने में आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों और महिलाओं के योगदान की सराहना की।
‘सिंह सदन’ से प्रधानमंत्री जंगल सफारी पर गए, उनके साथ कुछ मंत्री और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी थे। उन्होंने कहा, ‘आज सुबह विश्व वन्यजीव दिवस पर मैं गिर में सफारी पर गया। जैसा कि हम सभी जानते हैं गिर, जंगल के राजा एशियाई शेरों का घर है। गिर आकर मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में हमारे द्वारा सामूहिक रूप से किए गए काम की कई यादें भी ताजा हो गईं।’
मोदी ने कहा, ‘पिछले कई वर्षों में सामूहिक प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया कि एशियाई शेरों की आबादी लगातार बढ़े। एशियाई शेरों के आवास को संरक्षित करने में आदिवासी समुदायों और आसपास के क्षेत्रों की महिलाओं की भूमिका भी उतनी ही सराहनीय है।’
एनबीडब्ल्यूएल में 47 सदस्य हैं, जिनमें सेना प्रमुख, विभिन्न राज्यों के सदस्य, इस क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, मुख्य वन्यजीव वार्डन और विभिन्न राज्यों के सचिव शामिल हैं। बैठक के बाद पीएम मोदी ने सासण में कुछ महिला वन कर्मचारियों से भी बातचीत की।
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ के तहत 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर की है। इन शेरों का एकमात्र निवास स्थान गुजरात है। अभी एशियाई शेर गुजरात के नौ जिलों के 53 तालुकाओं में लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर में निवास करते हैं।
इसके अलावा एक राष्ट्रीय परियोजना के तहत जूनागढ़ जिले के न्यू पिपल्या में 20.24 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर वन्यजीवों के चिकित्सीय निदान एवं रोग से बचाव के लिए एक ‘राष्ट्रीय रेफरल केंद्र’ स्थापित किया जा रहा है। संरक्षण प्रयासों को मजबूत करने के वास्ते सासण में वन्यजीव निगरानी के लिए उच्च तकनीक से युक्त निगरानी केंद्र और एक अत्याधुनिक अस्पताल भी स्थापित किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस धरती की जैव विविधता और वन्यजीवन को बचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ‘आज विश्व वन्यजीव दिवस के मौके पर हम इस धरती की अतुल्य जैव विविधता के संरक्षण के अपने समर्पण को दोहराएं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हर प्रजाति की इसमें अहम भूमिका है। इन प्रजातियों के भविष्य की रक्षा करें। हमें वन्यजीवन को बचाने में भारत के योगदान पर भी गर्व होना चाहिए।’