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पीएम मोदी ने छात्रों को परीक्षा के तनाव से बचने के बताए उपाय. - श्रीनारद मीडिया

पीएम मोदी ने छात्रों को परीक्षा के तनाव से बचने के बताए उपाय.

पीएम मोदी ने छात्रों को परीक्षा के तनाव से बचने के बताए उपाय.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा के तहत  छात्रों, अभिभावकों व शिक्षकों से बात की। उन्होंने छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों का बड़े ही सहज शब्दों में जवाब दिया। साथ ही पढ़ाई के अलावा खेल-कूद के लिए भी प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने नई शिक्षा नीति, पर्यावरण, ग्रामीण इलाकों में लड़कियों की शिक्षा पर भी चर्चा की। उन्होंने बच्चों के लिए चलाए गए कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की भी बात कही। बता दें कि इस कार्यक्रम में लाखों की संख्या में छात्र, शिक्षक और अभिभावक आनलाइन माध्यम से भी शामिल हुए।

– परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यहां छात्रों के बीच आने से मैं 50 साल छोटा हो जाता हूं।’

– कार्यक्रम में शामिल बच्चों से प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी पूछा कि सभी ने कोरोना वैक्सीन की डोज ली है या नहीं। इसके जवाब में सभी बच्चों ने ‘हां’ में जवाब दिया। कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंच पर उन सभी पांच बच्चों को बुलाया जिन्होंने अनाउंसर के तौर पर कार्यक्रम का संचालन किया। प्रधानमंत्री ने इन सभी की तारीफ की।  प्रधानमंत्री ने ईर्ष्या और प्रतिशोध को खत्म करने की भी बात कही।

– पर्यावरण को स्वच्छ व बेहतर बनाने के सवाल के जवाब में कहा, ‘स्वच्छता की दिशा में बेहतरीन काम के लिए देश के बालक- बालिकाओं को क्रेडिट देता हूं।’ प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि परमात्मा ने जो संसाधन दिया उसे हमने बर्बाद कर दिया। यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘ग्लोबल वार्मिंग से पूरी दुनिया परेशान है। अगली पीढ़ी के लिए दायित्व निभाना आवश्यक है।’

– ग्रामीण क्षेत्र में लड़कियों की शिक्षा को लेकर एक अभिभावक द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘स्थितियां बदली हैं और समाज यदि बेटियों के सामर्थ्य को जानने में पीछे रह गया तो कभी आगे नहीं बढ़ सकता है। बेटियों के सामर्थ्य का सम्मान जरूरी है।’ प्रधानमंत्री ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता का जिक्र किया और कहा, ‘भारत की बेटियां हर जगह अपना नाम रोशन कर रहीं हैं। आज बेटी हर परिवार की शक्ति बन गई है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बेटे- बेटियों के बीच अंतर खत्म करना होगा।’

– खेल-कूद व पढ़ाई को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जिस चीज में आपको आनंद आता है, आपको उसके लिए अपने आप को कम से कम एडजस्ट करना पड़ता है, वो रास्ता छोड़ने की जरूरत नहीं है।’ उन्होंने आगे कहा कि कभी-कभी आप खुद का भी एग्जाम लें, अपनी तैयारियों पर मंथन करें, रिप्ले करने की आदत बनाएं, इससे आपको नई दृष्टि मिलेगी। जब आप खुले मन से चीजों से जुड़ेंगे तो कभी भी निराशा आपके दरवाजे पर दस्तक नहीं दे सकती।

– प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, ‘ईश्वर की सबसे बड़ी सौगात वर्तमान है। जो वर्तमान को जान पाता है, जो उसे जी पाता है, उसके लिए भविष्य के लिए कोई प्रश्न नहीं होता है।’

– नमो एप पर एक छात्र ने स्मरण शक्ति से जुड़ा सवाल पूछा। इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने ध्यान न रखने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘उस पल को जीने की कोशिश करें। ध्यान को जीवन में सहज तरीके से स्वीकार करना जरूरी है। आप जो भी करें सजग भाव से करें।’  प्रधानमंत्री ने कहा, ‘स्मरण शक्ति का करें विस्तार नई चीजें जुड़ेंगी। मन विचलित हो तो गहरी सांस जरूर लें।’

– प्रधानमंत्री ने फिर से पूछे गए सवालों के जवाब में कहा, ‘हताशा और निराशा की वजह को समझने की कोशिश करें और इससे निपटने की कोशिश करें। हताश और निराश करने वाली बातों को जान लें फिर कोशिश करें कि कौन सी चीजें हैं जो सहज तरीके से मोटिवेट करती हैं।’

– प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बच्चों की अपेक्षा और आकांक्षा को बारीकी से आब्जर्व नहीं करते हैं, उन्हें जानने-समझने की कोशिश नहीं करते हैं और दबाव बनाते हैं। यह चिंता का विषय है।’ उन्होंने अभिभावकों व शिक्षकों को सलाह दी कि बच्चों पर अपने सपनों को पूरा करने का दबाव न बनाएं।

– प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, ‘पुराने जमाने में शिक्षकों का परिवार से संपर्क होता था। उन्हें यह पता होता था कि परिवार की अपने बच्चों से क्या अपेक्षाएं हैं और वे क्या सोचते हैं। साथ ही शिक्षकों द्वारा क्या किया जा रहा है यह बच्चों के परिवार अच्छी तरह से जानते थे। यानि शिक्षा चाहे स्कूल में चलती हो या घर में, हर कोई एक ही प्लेटफार्म पर होता था।

– परीक्षा से डर व इसकी तैयारियों को लेकर  छात्रों ने प्रधानमंत्री से सवाल किया। इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने शिक्षकों व अभिभावकों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अभिभावकों से कहा, ‘आप जो जीवन में करना चाहते थे वो नहीं कर पाए और इसे बच्चों के जरिए हासिल करना चाहते जिसके कारण इनपर प्रेशर होता है। यह चिंता का विषय है।’

– प्रधानमंत्री ने पढ़ाई के साथ खेल-कूद पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘खेल-कूद नई शिक्षा नीति का हिस्सा है। बिना खेले कोई खुल नहीं सकता। शिक्षा के साथ हुनर का महतव भी बढ़ गया है। सदी के मुताबिक हमें बदलना होगा नहीं तो पिछड़ जाएंगे।’

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हम डिजिटल गैजेट के माध्यम से बड़ी आसानी और व्यापक रूप से चीजों को हासिल कर सकते हैं। इसे समस्या नहीं एक मौका मानना चाहिए।’

– छात्रों ने प्रधानमंत्री से  कोरोना महामारी के दौरान आनलाइन पढ़ाई को लेकर सवाल पूछा कि अब आफलाइन मोड में आने के बाद परेशानियां हो रहीं हैं इससे कैसे निबटें। इस पर प्रधानमंत्री ने अपने जवाब में कहा कि माध्यम कोई समस्या नहीं है जो आनलाइन होता है वही आफलाइन भी होता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कई बार माध्यम नहीं मन समस्या बनता है। समय के साथ माध्यम बदलते रहते हैं।’ प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आनलाइन मोड में जो पाया है उसे आफलाइन मोड में साकार करना है।

– परीक्षा के तनाव को दूर करने को लेकर प्रधानमंत्री ने टिप्स दिया और कहा कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘परीक्षा के अनुभवों को ताकत बनाइए। यह जीवन के छोटे-छोटे पड़ाव हैं। परीक्षा देने वालों को आत्मविश्वास से लबरेज रहना चाहिए।’ प्रधानमंत्री ने आगे कहा अपने किए पर विश्वास कर आगे बढ़ना है।

– छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘त्योहारों के बीच परिक्षाएं होतीं हैं जिसके कारण त्योहारों का आनंद नहीं ले पाते हैं लेकिन यदि परीक्षा को ही त्योहार बना दें तो इसमें अनेकों रंग भर जाएंगे।

– प्रधानमंत्री मोदी से तीन बच्चों ने परीक्षा के लिए तनाव को दूर करने से जुड़े सवाल पूछे।

– छात्रों, अभिभावकों व शिक्षकों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू की सीधी बात

– तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों ने अपनी बनाई गई पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगाई है जिसे प्रधानमंत्री मोदी देख रहे हैं। साथ ही इन छात्रों से पेंटिंग के बारे में बातचीत भी कर रहे हैं।

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पे चर्चा के पाचवें संस्करण में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से बात करने तालकटोरा स्टेडियम पहुंचे जहां उनका स्वागत केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया।

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प्रधानमंत्री मोदी का यह पांचवां ‘परीक्षा पे चर्चा 2022’ कार्यक्रम है। कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद आफलाइन परीक्षा देने जा रहे 10वीं और 12वीं के विद्यार्थी काफी तनाव में हैं और प्रधानमंत्री द्वारा आज दिए जाने वाले टिप्स से उन्हें तनाव कम करने में काफी मदद मिलेगी। कार्यक्रम के दौरान देश भर से करीब 20 छात्रों द्वारा प्रधानमंत्री से सवाल पूछे जाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी की छात्रों के साथ होने वाली इस महत्वपूर्ण चर्चा से जुड़ी तैयारियों को गुरुवार को शिक्षा मंत्रालय ने अंतिम रूप दिया। इस बारे में बुधवार को प्रधानमंत्री ने बताया था कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है और लाखों लोग इस वार्षिक कार्यक्रम के लिए अपने सुझाव और अनुभव शेयर कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री पांचवीं बार इस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं। इसके पहले तीन बार नई दिल्ली में एक संवादात्मक ‘टाउन-हाल ’ प्रारूप में आयोजित किए गए थे। पिछले साल यह कार्यक्रम सात अप्रैल को वर्चुअल आयोजित किया गया था। कोविड-19 महामारी से बाहर आने और परीक्षाओं को आफलाइन मोड में स्थानांतरित करने के मद्देनजर इस वर्ष के परीक्षा पे चर्चा के महत्व को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रेखांकित किया था। शिक्षा मंत्री ने बताया था कि इसकी एक औपचारिक संस्था बन रही है जिसके माध्यम से प्रधानमंत्री सीधे छात्रों से बातचीत करते हैं।

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