साल 2020 में टीवी पर भी रही PM मोदी की बादशाहत,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गत वर्ष टीवी पर भी बादशाहत रही। ब्रॉडकास्ट ऑडियो रिसर्च काउंसिल (बार्क) की तरफ से जारी टीवी दर्शकों की वार्षिक रिपोर्ट (2019-20) के अनुसार, विभिन्न मुद्दों पर पीएम मोदी के संबोधनों को लोगों ने सबसे ज्यादा देखा व सुना। आइए जानते हैं कि किन-किन मौकों पर पीएम मोदी के संबोधनों को कितने दर्शकों ने देखा और उसने कितना प्रभाव छोड़ा..
लाल किले से संबोधन
गत वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने लाल किले से दो घंटे से भी ज्यादा लंबा भाषण दिया। इसे 13.3 करोड़ लोगों ने देखा। वर्ष 2019 के मुकाबले दर्शकों की संख्या 40 फीसद ज्यादा रही।
लॉकडाउन की घोषणा
24 मार्च, 2020 को पीएम मोदी ने कोरोना संक्रमण की महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का एलान किया। इसे टीवी पर रिकॉर्ड 19.7 करोड़ लोगों ने देखा।
राहत पैकेज
अप्रैल में प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का एलान किया। इस कार्यक्रम को रिकॉर्ड 20.3 करोड़ लोगों ने देखा।
गांव हो या शहर, चली ‘मोदी लहर’
पीएम मोदी के हर कार्यक्रम को गांव से लेकर शहर तक काफी लोकप्रियता मिली। बार्क ने अपनी रिपोर्ट में पीएम के कार्यक्रमों को तीन ट्रेंड में बांटा है-‘मोदी लहर’, जब उनका साक्षात्कार प्रसारित हुआ, वैश्विक कार्यक्रमों में संबोधन व राष्ट्र के नाम संबोधन। उनका वन्यजीव संबंधी कार्यक्रम भी लोकप्रिय रहा। जब-जब ऐसे कार्यक्रमों का प्रसारण हुआ दर्शकों की संख्या में जबरदस्त उछाल आया व रिकॉर्ड भी कायम हुआ।
सिने दर्शकों में 10 फीसद वृद्धि
लॉकडाउन के दौरान टीवी पर प्रसारित फिल्मी चैनलों के दर्शकों की संख्या में 10 फीसद वृद्धि हुई। सबसे ज्यादा लाभ क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को मिला। हालांकि, कुल सिने दर्शकों में 60 फीसद हिस्सेदारी हिंदी फिल्मों की है।
समाचार के दर्शक हुए तीन गुना
कोविड-19 की महामारी की शुरुआत में लोगों की दिलचस्पी समाचारों के प्रति बढ़ गई थी। लोग कोरोना संक्रमण से संबंधित हर जानकारी हासिल करना चाहते थे। नतीजतन, टीवी के कुल दर्शकों में न्यूज देखने वालों की सात फीसद की वार्षिक हिस्सेदारी में तीन गुना इजाफा हो गया।
14 से बढ़कर 43 प्रतिशत हुए धार्मिक कार्यक्रमों के दर्शक
वर्ष 2020 के 15वें हफ्ते में टीवी पर धार्मिक कार्यक्रम देखने वालों की हिस्सेदारी 14 फीसद से बढ़कर 43 फीसद हो गई। इसकी वजह थी कि लॉकडाउन के कारण विभिन्न धारावाहिकों के नए एपिसोड नहीं बन रहे थे और पुराने को दोबारा प्रसारित किया जा रहा था। इसका सबसे ज्यादा फायदा संभवत: दूरदर्शन को मिला।
सभी कार्यक्रमों पर भारी
रिपोर्ट में बताया गया है कि पीएम मोदी ने जब-जब कोरोना वायरस के संबंध में टीवी पर संबोधन किया, तब-तब सामान्य मनोरंजन के साथ-साथ फिल्म व बाल चैनलों के दर्शकों की संख्या में भी काफी गिरावट आई। यहां तक कि जब उन्होंने नौ मिनट के लिए घरों की बत्तियां बुझाने का आह्वान किया तो टीवी दर्शकों की संख्या में 60 फीसद की गिरावट आ गई।