जीत की हैट्रिक के लिए 150 सीटों पर हो सकती है PM मोदी की रैली,कैसे ?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लोकसभा चुनाव 2024 (Lok shabha Election 2024) में जीत की हैट्रिक के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी रणनीति में संशोधन किया है। पार्टी ने अपने क्लस्टर प्लान में संशोधन किया है। बीजेपी बिहार में जीती हुई सीटों को बरकरार रखने के अलावा उन सीटों पर फोकस करेगी, जहां पिछले चुनाव में गठबंधन के सहयोगियों या विरोधियों को जीत मिली थी।
इसी के तहत पार्टी के शीर्ष रणनीतिकारों ने बिहार से क्लस्टर प्लान में पहले से चयनित चार सीटों की संख्या को बढ़ाकर 10 कर दिया है। ऐसे में अब राष्ट्रीय स्तर पर 144 से बढ़ाकर क्लस्टर सीटों की संख्या 150 हो गई है। इन चुनिंदा सीटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेगा रैली होगी।
आगामी लोकसभा चुनाव को ले बीजेपी का रोडमैप तैयार
पार्टी रोडमैप तैयार कर चुकी है। इन सीटों को डेमोग्राफी और लोकल फैक्टर्स के लिहाज से अलग-अलग क्लस्टर में बांटा गया है। हर क्लस्टर के लिए किसी न किसी केंद्रीय मंत्री को प्रभारी बनाया गया है। हिमाचल और गुजरात के चुनाव के बाद मंत्रियों का प्रवास शुरू होगा। पहले मई में तैयार क्लस्टर प्लान में बिहार की चार सीटें (किशनगंज, नवादा, वैशाली, वाल्मीकिनगर) ली गई थीं।
लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अलग होने के बाद बिहार से छह सीटें (कटिहार, पूर्णिया, गया, झंझारपुर, सुपौल और मुंगेर) और जोड़ी गई हैं। अहम यह है कि मुंगेर सीट जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की है।
जीत की हैट्रिक चाहती बीजेपी, होगी मोदी की मेगा रैली
दरअसल, बीजेपी इस बार जीत की हैट्रिक लगाना चाह रही है। फोकस जीती हुई सीटों पर दोबारा जीत दर्ज करने के साथ ही उन सीटों पर विशेष रूप से है, जिन्हें पूर्व में गठबंधन के सहयोगी को दी गई थी। इसी के तहत बीजेपी ने देशभर में चुनी गई 150 सीटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेगा रैली कराने की योजना बनाई है।
2019 में मिला था फायदा, फिर प्रयोग दुहराएगी पार्टी
बीजेपी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 303 सीटों पर जीत हासिल कर बहुमत की सरकार बनाई थी। पिछले चुनाव में भी बीजेपी ने इसी तरह का क्लस्टर प्लान तैयार किया था, जिसका फायदा भी मिला था। तब बीजेपी ने 2014 की 282 सीटों की तुलना में 300 सीटों पर जीत दर्ज की थी। अब प्रमाणिक प्रयोग को फिर दोहराने की तैयारी है।
25 से ज्यादा वरिष्ठ मंत्रियों को हर राज्य के क्लस्टर की तीन-चार सीटों की खास जिम्मेदारी दी गई है। मंत्री संबंधित लोकसभा सीटों के तहत आने वाले सभी असेंबली सेगमेंट की राजनीतिक स्थिति का आकलन करेंगे। वहां प्रवास कर पार्टी की जमीन मजबूत करेंगे।
बूथ स्तर तक डीटेल प्रोफाइलिंग, जीत के लिए ब्लूप्रिंट
नरेंद्र मोदी व अमित शाह के युग में बीजेपी की मजबूती का एक प्रमुख कारण बूथ प्रबंधन है। पार्टी सिर्फ राज्यवार या सीटवार ही नहीं, बूथवार रणनीति तैयार करती है। बूथ ही क्या, वोटर लिस्ट के अलग-अलग पेज तक के लिए पार्टी की अपनी रणनीति होती है। पन्ना प्रमुखों को इसकी जिम्मेदारी दी जाती है।
जिन 150 सीटों पर बीजेपी खास फोकस कर रही है, उनमें से हर सीट की डीटेल प्रोफाइलिंग की गई है। मसलन किस जाति के कितने वोटर हैं? किस धर्म के लोगों की कितनी तादाद है? वोटरों का झुकाव किस तरफ है और क्यों है? सीट का भूगोल क्या है? बीजेपी की मजबूती व कमजोरी क्या हैं? मौके और खतरे क्या हैं? 2024 के चुनाव में इन सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? मंत्रियों को इनकी पहचान करनी है।
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