पीएम ने सुनाया गोधरा कांड का किस्सा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पीएम ने बताया कैसे झगड़ा कर गए गोधरा
- पीएम ने कहा कि 2002 में गोधरा कांड के समय मैं विधानसभा में बैठा था, तभी घटना की जानकारी मिली तो मैंने गोधरा जाने का निर्णय लिया।
- पीएम ने कहा कि उस समय हमारे पास हेलीकॉप्टर नहीं था। मैंने सुरक्षाकर्मियों से कहा कहीं से हेलीकॉप्टर लाओ। तब ओएनजीसी का हेलीप्टकर मिला लेकिन वो जाने से मना कर दिया, क्योंकि उसका इंजन सिंगल था।
- उन्होंने कहा कि वीआईपी को इसमें सफर नहीं कराया जा सकता। तो इस पर मैंने कहा कि मैं वीआईपी नहीं हूं और मैं लिखकर देता हूं कि अगर कुछ होता है तो मेरी जिम्मेदारी होगी। और मैं वहां गया।
सुरक्षा बलों को थी मेरी चिंता
पीएम मोदी ने कहा कि उस समय पांच जगह पर बम ब्लास्ट हुए। स्थिति भी ठीक नहीं थी। एक मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने कहा कि मैं पुलिस कंट्रोल रूम में जाना चाहता हूं, लेकिन सिक्योरिटी वालों ने मना कर दिया। सुरक्षाकर्मियों को इस बात का डर था कि न जाने कहां क्या हो जाए, इसके बावजूद मैंने कहा, मैं जाऊंगा।
तीसरे कार्यकाल में मेरे सोच का दायरा बदला
मैं भी इंसान हूं, भगवान नहीं
मोदी ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में सरकार के प्रमुख के तौर पर अपने लंबे कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों का हवाला देते हुए उन्होंने साफ किया कि उनसे भी गलतियां हुई हैं। वह भी एक आम इंसान हैं, भगवान नहीं हैं।
पीएम मोदी ने क्या लिया था संकल्प?
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पीएम मोदी ने बचपन के दोस्तों को लेकर क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा, “मेरा बचपन के दोस्तों के साथ कोई संपर्क नहीं रह पाया। उन्होंने कहा कि मुझे बचपन में ही अपना घर छोड़ना पड़ा था, जिसके चलते मैं अपने स्कूली दोस्तों से संपर्क नहीं रख सका। पीएम ने कहा कि जब मैं पहली बार सीएम बना तो मेरे मन में आया कि क्यों न अपने स्कूली दोस्तों को बुलाया जाए।उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा ही किया और 35 दोस्त आए भी, लेकिन उनमें दोस्ती नहीं दिखी। पीएम ने कहा कि मुझे मजा नहीं आया, क्योंकि मैं उनमें अपना दोस्त खोज रहा था, लेकिन वो मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर ही देख रहे थे। पीएम ने कहा कि ये खाई आगे भी नहीं पटी और मुझे कोई भी तू कहने वाला नहीं था।
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