दो घंटे के भाषण में PM मणिपुर पर सिर्फ दो मिनट बोले-राहुल गाँधी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त को खत्म हो गया। इसके बाद दोपहर करीब 3 बजे राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें मुख्य मुद्दा मणिपुर ही रहा। राहुल महज 20 मिनट बोले।
राहुल ने सरकार पर सीधा आरोप लगाया कि PM मणिपुर को जलाना चाहते हैं, बचाना नहीं। संसद में 2 घंटे के अपने भाषण में वे मणिपुर पर सिर्फ 2 मिनट बोले। ये शोभा नहीं देता।
1. मणिपुर जल रहा और PM हंस-हंस कर बोल रहे थे
मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री हंस-हंसकर बोल रहे थे, ये उनको शोभा नहीं देता। अगर हिंदुस्तान में कहीं हिंसा हो रही है तो उन्हें इस तरह हंस-हंसकर नहीं बोलना चाहिए।
2. 19 साल के राजनीतिक करियर में ऐसा नहीं देखा
मैं करीब 19 साल से राजनीति में हूं। मैं हर स्टेट में गया। बाढ़, सुनामी, हिंसा होती है, हम जाते हैं। 19 साल के अनुभव में मैंने जो मणिपुर में देखा, कहीं नहीं देखा। मणिपुर के लिए जो मैंने कहा कि भारत माता की हत्या कर दी है, ऐसे नहीं कहा था।
3. कुकी और मैतेई एक-दूसरे के जान के दुश्मन
जब हम मणिपुर पहुंचे तो हमें हिंसाग्रस्त इलाकों में जाना था। जब हम मैतेई के इलाके में गए तो हमसे कहा गया कि अगर कुकी आपकी सिक्योरिटी में हुआ तो हम गोली मार देंगे। कुकी के इलाके में गए तो कहा कि मैतेई सिक्योरिटी में होगा तो उसे मार देंगे। मणिपुर दो हिस्सों में बंट गया है।
4. मणिपुर हिंसा सेना उसे दो दिन में रोक सकती है
प्रधानमंत्री को ये पता नहीं लग रहा है कि हमारे देश में क्या हो रहा है। वो जा नहीं सकते तो वहां के बारे में बोलें तो। जो मणिपुर में हो रहा है, सेना उसे दो दिन में रोक सकती है। प्रधानमंत्री मणिपुर को जलाना चाहते हैं, बचाना नहीं चाहते।
कल का पीएम का भाषण हिंदुस्तान के बारे में नहीं, नरेंद्र मोदी के बारे में था। उनकी राजनीति के बारे में था। प्रधानमंत्री अपने बारे में कहना चाहते हैं, 2024 में वो प्रधानमंत्री बनेंगे, ये बाद की बात है। ये वो किसी सभा में बोलें। संसद में मणिपुर पर चर्चा हो रही थी। उस पर वे कुछ नहीं बोले।
मणिपुर में हजारों हथियार जो लूटे गए, वो सरकार के नीचे ही लूटे गए। जो हिंसा चल रही है, तो क्या अमित शाह ये चाहते हैं कि ये हिंसा चलती जाए। जो वहां हो रहा है, वह सीएम के रहते हुए ही हो रहा है।प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने राहुल से जयराम कहा तो राहुल ने उनसे जय सियाराम कहा। पत्रकार ने पूछा- आपने 37 मिनट का भाषण दिया। 14 मिनट दिखाया गया। इस परंपरा को किस तरह देखते हैं? राहुल बोले- शायद पीएम मेरा चेहरा नहीं देखना चाहते। उनको मेरा चेहरा टीवी पर अच्छा नहीं लगता। मुझे अपना काम करना है। जहां भी भारत माता पर आक्रमण होगा, मैं आपको खड़ा मिलूंगा।
संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने कभी नहीं सोचा था कि हम मणिपुर पर चर्चा के लिए सहमत होंगे। जैसा कि पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमें इस मुद्दे पर संवेदनशील होना चाहिए।
आज भी राहुल गांधी ने क्या-क्या कहा है। मुझे लगता है कि राहुल गांधी अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। उन्होंने जवाब नहीं सुना है। वे सदन में नहीं आए, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तथाकथित सबसे पुरानी पार्टी इतना गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार कर रही है।
10 अगस्त को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 9 अगस्त को अमित जी ने विस्तार से मणिपुर पर बात की तो देश को भी इनके झूठ का पता चला। अविश्वास प्रस्ताव पर इन्होंने हर विषय पर बोला। हमने कहा था कि अकेले मणिपुर पर आओ, लेकिन साहस नहीं था, पेट में पाप था, और ठीकरा फोड़ रहे थे हमारे सिर। सिवाय राजनीति के इन्हें कुछ करना नहीं है।
मणिपुर को लेकर अदालत का एक फैसला आया, हम जानते हैं। उसके पक्ष-विपक्ष में जो स्थितियां बनी, हिंसा का दौर शुरू हुआ, परिवारों ने अपने स्वजन खोए, महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुए, ये अक्षम्य हैं, दोषियों को सजा दिलवाने के लिए केंद्र-राज्य मिलकर प्रयास कर रहे हैं। मैं सभी देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो कोशिशें चल रही हैं, निकट भविष्य में शांति का सूरत जरूर उगेगा। मणिपुर फिर नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा।
मैं मणिपुर के लोगों से भी कहना चाहता हूं, बेटियों-माताओं-बहनों से कहना चाहता हूं कि देश और सदन साथ है। हम मिलकर इस चुनौती का समाधान निकालेंगे, फिर शांति की स्थापना होगी। मणिपुर के लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि वो राज्य फिर विकास पर आगे बढ़े, उसमें कमी नहीं रहेगी। नॉर्थ ईस्ट हमारे जिगर का टुकड़ा है।
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