पूर्व मुखिया के हत्याकांड के आवेदक को पुलिस ने किया गिरफ्तार, भेजा जेल
श्रीनारद मीडिया,अमित कुमार, दरौली, सीवान (बिहार):
सीवान जिले के दरौली थाना क्षेत्र डरैली मठिया के पूर्व मुखिया सह राजद नेता दयानंद यादव की हत्याकांड का पुलिस द्वारा अनुसंधान के दौरान जिस तरह से पर्दाफाश किया जा रहा है। उससे क्षेत्र के लोग आश्चर्यचकित है। पुलिस अनुसंधान से इस हत्याकांड के उद्भेदन मे परत दर परत नया मामला सामने आ रहा है। पुलिस द्वारा इस हत्याकांड मे नामित आरोपियों के इतर मृतक मुखिया के पुत्र सह आवेदनकर्ता अजीत यादव व गवाह रविंद्र यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इससे क्षेत्र मे कौतूहल का विषय बना हुआ है। थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व मुखिया हत्याकांड में अनुसंधान के दौरान पता चला कि पूर्व मुखिया की मौत को राजनीति लाभ के कारण पूर्व मुखिया पुत्र अजीत यादव व गवाह सह पैक्स अध्यक्ष रविंद्र द्वारा हत्या का रूप दे थाने मे आवेदन देकर निवर्तमान मुखिया नन्हे यादव सहित छह लोगो को हत्याआरोपी बनाया गया। जिससें आनेवाले पंचायत चुनाव मे पूर्व मुखिया के हत्यकांड को भुनाया जा सकें। उन्होंने बताया कि विगत पंद्रह दिन पहले पूर्व मुखिया हत्याकांड का मुख्य गवाह सह पैक्स अध्यक्ष रविंद्र यादव को गिरफ्तार कर पूछताछ करने पर रविंद्र यादव द्वारा मौत को हत्या की साजीश रचने की बात स्वीकार करतें हुए पुलिस के समक्ष अपना अपराध स्वीकार किया। उन्होंने बताया रविंद्र यादव अपने व्यान मे बताया कि गत 20 मार्च को पूर्व मुखिया दायानंद यादव दरौली थाना मे आयोजित शांति समिति की बैठक मे शामिल होने के बाद अपने गांव डरैली मठिया में जाने के क्रम में पकड़ी पार व टड़वा के बीच बाइक से गिरने पर जख्मी होने की खबर मिली थी। जिसके बाद आवेदनकर्ता अजीत यादव व मुख्य गवाह रविन्द्र यादव ने टड़वा डॉ तेजनरायन सिंह के यहां पहुंचे। जहां डॉक्टरतेज नारायण सिंह ने दयानंद को मृत घोषित कर दिया गया था। डाक्टर द्वारा पूर्व मुखिया को मृत घोषित करने के बाद रविन्द्र यादव, अजित यादव, रंजीत व अजित शर्मा द्वारा एक जिप पर पूर्व मुखिया दयानंद यादव को इलाज के लिए दरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए निकल पड़े थे। दरौली जाने के क्रम मे रास्ते मे रामपुर गांव के पास रविन्द्र यादव द्वारा अपने कुछ स्थानीय नेताओं से बातचीत किया। जिसमें स्थानीय नेताओं द्वारा हत्या का रूप देने के लिए गोली मारने को कहा गया। उसके बाद रविन्द्र यादव द्वारा अपने पास रखे कट्टा से दयानंद के कनपटी पर सटाकर गोली मार दिया गया। उसके बाद पूर्व मुखिया को दरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर भर्ती किया गया। उस समय ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक द्वारा पूर्व मुखिया को मृत बताते हुए गोली लगने की भी बात बताई गई। उसके बाद पूर्व मुखिया के पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार के बाद मृतक मुखिया के पुत्र अजीत यादव द्वारा थाने मे आवेदन देकर निवर्तमान मुखिया नन्हे यादव सहित छह पर नामजद एफआईआर दर्ज कराया गया था। थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य गवाह की पूर्व मुखिया हत्याकांड मे राजनीतिक साजिश की स्वीकरोक्ति के बाद ही पूर्व मुखिया दयानंद यादव के पुत्र अजीत यादव को शुक्रवार को गिरफ्तार कर शनिवार को जेल भेज दिया गया। हालांकि मृतक पूर्व मुखिया दयानंद यादव के पुत्र को गिरफ्तार करने के बाद समर्थकों द्वारा कुछ देर तक थाने पर हंगामा भी किया गया। वहीं राजद के जिलाध्यक्ष परमात्मा राम के नेतृत्व मे एक शिष्टमंडल शनिवार को एसपी अभिनव कुमार से मिल कर पुलिस पर साजिशसन हत्याकांड मे शामिल आरोपियों को बचाने के लिए पूर्व मुखिया हत्याकांड के आवेदन कर्ता व पुत्र अजीत यादव व गवाह रविंद्र यादव गिरफ्तार करने की बात कहते हुए न्याय की गुहार लगाई गई हैं। इधर पूर्व मुखिया मृतक दयानंद के परिजनों का कहना है की पुलिस नामजद आरोपितों को बचा रही है। ठीक इसके उलटे पूर्व मुखिया हत्याकांड के आवेदन कर्ता व पुत्र अजीत यादव व गवाह रविंद्र यादव को ही हत्याभियुक्त बनाकर गिरफ्तार कर जेल दिया है। । परिजनों ने बताया कि गत गुरुवार को पूर्व मुखिया मृतक दयानंद यादव के पुत्र व आवेदनकर्ता अजीत यादव द्वारा एसपी व डीआईजी को आवेदन देकर हत्याकांड का पुलिस की कार्यशैली से असंतुष्ट हो निषपक्ष जांच कर हत्याकांड का उचित जांच करने की मांग किया गया।
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