दो लोगों की हत्या कर भाग रहे दो अपराधियों को पुलिस ने मारी गोली
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
भोजपुर में अपराधियों ने पिता-पुत्र को गोलियों से छलनी कर दिया। अब पुलिस ने भाग रहे उन अपराधियों को गोली मार दी। घटना उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बेलाउर गांव की है, जहां पुलिस ने पूरब पट्टी में अपराधियों का घायल अपराधियों को दबोच लिया। यह दोनों अपराधी डबल मर्डर की घटना को अंजाम देने के बाद भाग रहे थे। पुलिस ने दोनों को रोका, लेकिन अपराधी रुकने के बजाय पुलिस पर ही फायरिंग करने लगे।
फिर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में भाग रहे अपराधियों पर गोली चलाई, जिसमें दोनों अपराधी घायल हो गये। दोनों को पैर में गोली लगी है, साथ ही एक आरोपी को कमर में गोली लगी है, जिसके बाद दोनों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उसके बाद आरा ले गई है। पांच घंटे में हुआ एनकाउंटर मंगलवार की सुबह दिनदहाड़े हथियारबंद बदमाशों ने रघुनीपुर गांव निवासी रामाधार सिंह (65) और उनके बेटे मुकेश यादव (35) को गोलियों से भून डाला। इस घटना में घटनास्थल पर ही दोनों की मौत हो गई। पिता को चार गोली लगी थी, जबकि बेटे के पेट के बीचो-बीच गोली लगी।
यह घटना उदवंतनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत रघुनीपुर गांव की है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और अपराधियों की गिरफ्तारी में जुट गई। पुलिस पर चली 20 से 25 राउंड गोली घटना के संबंध में पुलिस का कहना है कि पिता–पुत्र के हत्या के बाद आरोपी हथियार लेकर बेलाऊर गांव के पूरब पट्टी सत्यपर स्थित एक घर में छिपे हुए थे। छिपने की सूचना मिलने के बाद पुलिस भी वहां पहुँच गई और चारों तरफ से घेर लिया। पुलिस ने सरेंडर करने को कहा लेकिन अपराधी अचानक पुलिस पर ही फायरिंग करने लगे।
फिर पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई, जिसमें दोनों अपराधी घायल हो गए। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने पुलिस पर करीब 20 से 25 राउंड फायरिंग की। आरोपी अपराधी आपस में चचेरे भाई पुलिस के मुताबिक अपराधियों की पहचान उदवंतनगर थाना क्षेत्र के रघुनीपुर गांव निवासी चंद्रमा सिंह के पुत्र विनोद कुमार और स्वर्गीय ललन सिंह ने पुत्र जज कुमार के रूप में की गई है। दोनों ही आपस में चचेरे भाई हैं। पुलिस ने दोनों को दौड़ाकर गिरफ्तार किया है। फ़िलहाल पुलिस ने जख्मी हालत में दोनो आरोपियों को हिरासत में लेकर इलाज के लिए ले गई है।
यह भी पढ़े
भारत रोज़गार रिपोर्ट 2024 क्या बता रही है!
गाज़ा में तत्काल युद्ध विराम का प्रभाव
चीन-ताइवान संघर्ष का भारत के लिये क्या महत्व है?
क्यों मनाया जाता है विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस?