फिल्म -पोन्नियिन सेल्वन 2
निर्देशक – मणिरत्नम
कलाकार ऐश्वर्या राय बच्चन, विक्रम, तृषा कृष्णन,कार्ति, जयम रवि, शोभिता धूलिपाल और अन्य
प्लेटफार्म – सिनेमाघर
रेटिंग – तीन
निर्देशक मणिरत्नम की पैन इंडिया फिल्म पोन्नियिन सेल्वन का दूसरा भाग आज सिनेमाघरों में दस्तक दे चुका है. इस फिल्म का पहला भाग 2022 में रिलीज हुआ था. फिल्म के पहले भाग में कहानी में थोड़ा अधूरापन और बिखराव सा रह गया था, दूसरे भाग में कहानी के सिरे एक दूसरे से ना सिर्फ जुड़े हैं, बल्कि वह बहुत ही प्रभावी ढंग से इस कहानी को कहते हैं. कलाकारों के उम्दा अभिनय और मणिरत्नम के मिडास टच वाली यह फिल्म शुरू से अंत तक आपको बांधे रखती है.
चोल साम्राज्य की महागाथा की है कहानी
फिल्म के इस भाग की कहानी की बात करें, तो पहले भाग में कहानी में सम्राट सुन्दर चोल के छोटे बेटे अरुल्मोंरीवमन( जयम रवि )सिंहल युद्ध के दौरान लापता हो गए थे. कहानी आगे बढ़ गयी है. उसके जाने के बाद आदित्य ( विक्रम ) और चाचा मदुरांतकन में सत्ता को पाने की लड़ाई शुरू हो गयी है, लेकिन नंदिनी ( ऐश्वर्या राय ) अभी भी चोल वंश से अपना बदला लेना चाहती है, जबकि राजकुमारी ( तृषा ) अपने प्रेमी के साथ मिलकर चोल वंश के खिलाफ हो रही साजिशों को खत्म कर देना चाहती है. इस दौरान चोल वंश से जुड़े और भी कई रहस्य सामने आ जाते हैं, जो कहानी के किरदारों को आमने -सामने ले आते हैं. क्या किरदारों के रिश्ते सुलझेगे या वो और गांठ ले आएंगे. चोल वंश पर किसका कब्ज़ा होगा, इसके लिए आपको थिएटर की ओर रुख करना होगा.
स्क्रिप्ट की खूबियां
फिल्म पहले भाग में जिन सवालों को छोड़ गयी थी. दूसरा भाग उन सवालों का जवाब पूरी तरह से देता है. यह सीक्वल उम्मीदन पर पूरी तरह से खरी उतरती है। इस बार कहानी के साथ – साथ किरदारों में और गहराई दिखी है. राजा -रानियों की इस कहानी में आम आदमी के अलग – अलग भावों को बखूबी जोड़ा गया है. इस बार कहानी पूरी तरह से कल्कि कृष्णमूर्ति के उपन्यास पर आधारित ना होकर सिनेमैटिक लिबर्टी लेते हुए बहुत कुछ जोड़ा गया है. जो फिल्म के पक्ष में जाता है.
यहां हुई है चूक
स्क्रिप्ट की खामियों की बात करें, तो वॉर के सीक्वेन्स परदे पर उस तरह से प्रभावी ढंग से सामने नहीं आएं हैं, जैसे की उम्मीद थी।फिल्म की खामियों में एक पहलू यह भी है कि फिल्म में कलाकारों की भीड़ है, जिससे कई बार कहानी में थोड़ा कंन्फ्यूजन भी होता है. इसके साथ ही कई किरदारों के साथ फिल्म न्याय भी नहीं कर पायी है. ऐसी फिल्मों की अवधि आमतौर पर लम्बी होती है और यह फिल्म भी इससे अछूती नहीं है. फिल्म की अवधि लगभग पौने तीन घंटे की है. जो थोड़ी ज्यादा है और यह फिल्म आपका मनोरंजन तभी करेगी, जब आपने पहला भाग देखा हो, तो थिएटर में जाने से पहले आप पहले भाग को ओटीटी में देखना ही होगा.
ऐश्वर्या राय बच्चन की दमदार अदाकारी
अभिनय की बात करें ऐश्वर्या राय बच्चन ने फिल्म में पावरफुल परफॉरमेंस दी है. इसे उनके करियर की यादगार भूमिकाओं में से करार दिया जा सकता है. वे दोहरी भूमिका में हैंय इसके साथ ही वह हर फ्रेम में कमाल की खूबसूरत भी दिखी हैं. विक्रम अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं. जयम रवि ने पहले भाग के साथ -साथ इसमें भी उम्दा रहे हैं. तृषा और कार्ति की भी तारीफ बनती है. बाकी के किरदारों ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया है. शोभिता धूलिपाल और ऐश्वर्या लक्ष्मी के किरदार को उतना स्क्रीन टाइम नहीं मिला है.
तकनीकी पक्ष है शानदार
मणिरत्नम ने अपने डीओपी रवि बर्मन के साथ मिलकर परदे पर ऐसी दुनिया गढ़ी है. जो परदे पर भव्यता से भरपूर है. कैमरे के हर एंगल में डिटेलिंग दिखती है, जो चकित भी करती है खासकर ऐश्वर्या राय बच्चन के किरदार को परदे पर जिस तरह से हर फ्रेम में दर्शाया गया है. वह कमाल का है. फिल्म के गीत संगीत से गुलजार और रहमान का नाम जुड़ा है और उन्होने इस फिल्म के विषय के साथ अपने शब्दों और संगीत के साथ बखूबी न्याय किया है. एका लखानी ने फिल्म के लिए कॉस्ट्यूम डिज़ाइनिंग के काम को संभाला है. रानियों की सुंदर साड़ियों से लेकर राजाओं के पोशाक और कवच तक उनका काम पूरी बारिकी के साथ नज़र आया है. फिल्म के संवाद कहानी के अनुरूप है.