बिहार के कई जिलों में मेघगर्जन व वज्रपात की संभावना

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मौसम के मिजाज में आये बदलाव के कारण पटना सहित बिहार के 28 जिलों के अधिकतम तापमान में बुधवार को गिरावट दर्ज की गई। पूर्वोत्तर असम व इसके आसपास के हवा का चक्रवाती परिसंचरण का प्रभाव व बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बने होने से बारिश और वज्रपात का सिस्टम वातावरण में बना है। इस दौरान बिहार में आंशिक बारिश के आसार है।

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार बुधवार-गुरुवार को उत्तर बिहार के आठ जिलों में मेघ गर्जन, वज्रपात को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण एवं पश्चिम चंपारण में आंधी पानी एवं वज्रपात की चेतावानी है।

मौसमविदों के अनुसार इन जिलों पर 40-50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। यह सिस्टम 12 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा। पटना सहित आसपास इलाकों में भी इस दौरान बादल छाए रहने के साथ गरज-तड़क के साथ छिटपुट वर्षा की संभावना है। बुधवार की शाम पटना में आंशिक बारिश भी हुई। कुछ इलाकों में तेज और कहीं आंशिक बारिश हुई। पटना में भी 13 अप्रैल तक मौसम की स्थिति सामान्य बनी रहेगी। इससे पहले दिन में पटना सहित कई जिलों में पुरवा के कारण उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान करते रही। पटना का अधिकतम तापमान 1.2 डिग्री गिरावट के साथ 34.8 डिग्री दर्ज किया गया। 37.8 डिग्री सेल्सियस के साथ गया में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान रहा।

मौसमविदों के अनुसार डुमरी में 40.6 मिमी सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई। प्रदेश के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज में 32.6 मिमी, पिपरा में 29.4 मिमी, बेनीपट्टी में 28.4 मिमी, अररिया में 26.0 मिमी, मटियानी में 24.6 मिमी, पुपरी में 22.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। इसके बाद तापमान में दो से चार डिग्री गिरावट के आसार है।

प्रमुख शहरों के तापमान में गिरावट

गया के अधिकतम तापमान में 1.6 डिग्री , औरंगाबाद में 2.1 डिग्री , जमुई में 2.1 डिग्री, बांका में 1.7 डिग्री, डेहरी में 2.6 डिग्री, सासाराम में 1.3 डिग्री , भोजपुर में 1.7 डिग्री, गोपालगंज में दो डिग्री, मोतिहारी में 3.4 डिग्री, मधुबनी में 6.5 डिग्री, सुपौल में 8.8 डिग्री, फारबिसगंज में 3.8 डिग्री, किशनगंज में 3.3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।

नालंदा, सिवान, भोजपुर, गोपालगंज, बेगूसराय, सारण, गया, जहानाबाद व अरवल में वज्रपात व तेज आंधी-पानी के कारण जगह-जगह पेड़, दीवार, पुलिया और कर्कट गिरने से जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। इन जिलों में कुल 31 लोगों की जान गई है। जिनमें सर्वाधिक नालंदा में अलग-अलग 13 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। इनमें एक भी मौत वज्रपात से नहीं हुई है।
नालंदा जिले के मानपुर थाना के नगवां गांव में देवी स्थान की दीवार पर पीपल का विशाल वृक्ष भरभराकर गिर पड़ा, जिससे वृक्ष व दीवार के मलबे से दबकर एक ही जगह छह लोगों की मौत हो गई। जिले के इस्लामपुर में बालमत बिगहा गांव के पास पुलिया धंसने से दादी, उनके दो वर्ष का पोता और नौ माह की पोती की मलबे से दबकर मौत हो गई।
जिले के पावापुरी सहायक थाना के दुर्गापुर खंधा में ताड़ के पेड़ से दबकर एक दस वर्षीय बालक की मौत हो गई। जिले के सिलाव के माधोपुर में ताड़ से दबकर दो की मौत हो गई। वहीं राजगीर के सारिलचक में पेड़ से दबकर एक की मौत गई।
भोजपुर में मां-बेटा समेत पांच लोगों की मौत हुई है। इनमें वज्रपात से एक एवं दीवार व पेड़ से दबकर चार की मौत हुई है। भोजपुर के बड़हरा में बिहार को उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला महुली घाट-सिताबदियारा पीपा पुल तेज आंधी पानी के कारण टूट गया है। 


सीवान में वज्रपात से चार लोगों की मौत हो गई है। सारण के पानापुर में वज्रपात से दो की मौत हो गई है। गोपालगंज में झोपड़ी पर पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई है। जहानाबाद में वज्रपात से दो की मौत हुई है। अरवल-पटना सीमा पर पटना के बेदौली गांव में दीवार व पेड़ से दबकर दो की मौत की सूचना है। बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर में वज्रपात से किशोरी की मौत हो गई। गया जिले के टनकुप्पा प्रखंड अंतर्गत भेटौरा पंचायत के मायापुर गांव में दीवार गिरने से आठ वर्षीय बालक की मौत हो गई।
 

आंधी और वर्षा से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। कई जगह पेड़ धराशाई हो गए। कच्चे व खपरैल घरों को भारी नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति बाधित है।जिन किसानों की गेहूं की फसल अभी नहीं कटी है. उन्हें थोड़ी राहत हैं, लेकिन जिनकी फसल कटकर खेत में पड़ी हैं, उनको अधिक नुकसान हुआ है।

सीएम नीतीश कुमार ने जताया शोक

भीषण आंधी-पानी और वज्रपात से प्रदेश में 31 लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वह प्रभावित परिवारों के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने सभी मतृकों के परिजनों तुरंत चार-चार लाख रुपए का अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है।
उन्होंने लोगों से यह अपील किया है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी तरह सतर्क रहें। खराब मौसम होने पर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सुझावों का अनुपालन करें। खराब मौसम में घराें में रहें और सुरक्षित रहें।

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