छोटी बचत के लिए डाकघर का सहारा.
विश्व बचत दिवस पर विशेष
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
डाकघर गरीब और कम आय वाले व्यक्ति को आज भी छोटी-छोटी बचत के लिए प्रेरित करता है। गांव के लोग अवधि बचत खाता व बचत खाते में रुपये जमा करते हैं। अवधि बचत खाता में सौ रुपये मासिक जमा कराने की सुविधा उपलब्ध है।
आज विश्व बचत दिवस है। देश भर में डाकघर का इतिहास 180 साल से अधिक पुराना है। शुरू में डाकघर का मुख्य काम पत्र पहुंचाना था। जैसे-जैसे डाकघर शहर से गांव तक पहुंचा, वैसे-वैसे डाकघर के काम का विस्तार होता चला गया। डाकघर में बचत से लिए रुपये जमा करने की व्यवस्था की गई थी। डाक जीवन बीमा की शुरुआत की गई थी, जो 137 साल से अभी तक चलती आ रही है।
समय के साथ बचत के लिए और ऋण देने के लिए कई बैंक खुले, बैंकों में कम आय वालों की बचत के लिए कोई योजना नहीं है। डाकघर में 10 रुपये मासिक और 50 रुपये में खाता खोलने जैसी सुविधा उपलब्ध है। डाकघर की बचत योजना में अवधि बचत योजना है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति सौ रुपये मासिक जमा करता है तो पांच साल में उसे सात हजार रुपये मिलते हैं। इस योजना में 6.6 फीसद की दर से ब्याज मिलता है।
इसलिए यह योजना गरीब महिलाओं के लिए काफी पसंदीदा है। बचत खाता 50 रुपये में खोला जा सकता है। इसमें 10 रुपये तक भी जमा किया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर खाते से रुपये निकाल सकते हैं। इस खाते में जमा राशि पर चार फीसद की दर से ब्याज मिलता है। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिक बचत खाते में 7.4 फीसद, राष्ट्रीय बचत पत्र में 6.8 फीसद, लोक भविष्य निधि में 7.1 फीसद, किसान विकास पत्र में 6.9 फीसद, सुकन्या समृद्धि योजना में 7.6 फीसद की दर से ब्याज मिलता है।
पिछले वित्तीय वर्ष में डाक मंडल में 65 हजार बचत खाते खोले गए थे। जबकि छह लाख 46 हजार 523 खाते पहले से ही चल रहे हैं। डाक मंडल में सभी बचत खाते में लगभग बीस सौ करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। इसमें 35 फीसद बचत खाता व अवधि बचत खाता धारक हैं। प्रवर डाक अधीक्षक वीर सिंह ने बताया कि समय समय पर बचत खाता खोलने के लिए शहर से गांव तक शिविर लगाने का काम किया जाता है। डाक कर्मियों द्वारा ग्रामीण से संपर्क कर बचत करने के लिए जागरूक करने का काम किया जाता है।
विश्व बचत दिवस हर साल 30 अक्टूबर को मनाया जाता है, इसे पहले विश्व बचत दिवस (World Thrift Day) के रूप में जाना जाता था. विश्व बचत दिवस देश की अर्थव्यवस्था और व्यक्तियों के लिए बचत के महत्व को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर के कई देशों में मनाया जाता है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बचत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक आवश्यकता है और प्रत्येक जमाकर्ता इसके विकास में योगदान देता है.
विश्व बचत दिवस (World Savings Day) पहली बार 30 अक्टूबर 1924 को बैंक बचत के महत्व को प्रोत्साहित करने और बैंकों में लोगों के विश्वास को बहाल करने के लिए पेश किया गया था. इटली के मिलान में 1 अंतर्राष्ट्रीय बचत बैंक कांग्रेस (बचत बैंकों की विश्व सोसायटी) के दौरान इसकी स्थापना की गई थी.
इसका उद्देश्य जनता को मुख्य रूप से पैसे बचाने के महत्व से अवगत कराना था, क्योंकि पहले विश्व युद्ध के बाद लोग बचत के बारे में आश्वस्त नहीं थे. बचत बैंकों ने बचत को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों, कार्यालयों, खेल और महिलाओं के संघों के सहयोग से भी काम किया. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, विश्व बचत दिवस लोकप्रिय हो गया. और तब से, कई देशों में विश्व बचत दिवस (World Savings Day) मनाया जा रहा है.
बेरोजगारी की दर बढ़ने के बाद से गरीब लोगों के लिए बचत में कई मुश्किलें आने लगी हैं और दुनिया भर के कई देशों में गरीबी अधिक है. इसलिए, लोगों को पैसे बचाने के लिए शिक्षित करना आवश्यक है क्योंकि बेरोजगारी, बीमारी, विकलांगता या बुढ़ापे के दौरान इसकी आवश्यकता होती है.
बचत का महत्व
-आय में अचानक कमी, चिकित्सा व्यय, घर की मरम्मत, आदि.
-हर साल, शिक्षा के लिए फीस बढ़ रही है, इसलिए आपकी शिक्षा के लिए पैसे बचाना महत्वपूर्ण है.
-आप किसी दिन काम से सेवानिवृत्त होंगे और इसलिए आपको उस आय को बदलने के लिए बचत की आवश्यकता होगी जो अब आपको अपनी नौकरी से नहीं मिलेगी.
-अगर आप लग्जरी कार खरीदना चाहते हैं और छुट्टी पर जाना चाहते हैं, तो पैसे बचाना जरूरी है. बड़े डाउन पेमेंट के लिए बचत करने से आपके सपनों का घर खरीदना आसान हो जाएगा.
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