लोकमंथन-2022 कार्यक्रम को लेकर तैयारी हुई पूरी
गौहाटी में इस बार हो रहा लोक मंथन-2022।
देश भर से जुट रहे है दो हजार विद्वान।
समारोह 22, 23 और 24 सितंबर को होगा।
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क :
लोकमंथन कार्यक्रम में देश भर से आये विद्वान अपने उद्बोधन के माध्यम से देश-काल और स्थिति पर गहन विचार विमर्श व मंथन करते है।
प्रज्ञा-प्रवाह देश भर के बुद्धिजीवी के बीच अपनी हजारों वर्षो की नित्य नूतन चिर पुरातन संस्कृति पर गहन विचार-विमर्श व विश्लेषण करता है। इस संगठन में एक अखिल भारतीय संयोजक होते है,उनके साथ कई उप संयोजक, क्षेत्रीय संगठन संयोजक पूरे देश में कार्य करते है।
प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे. नंदकुमार ने लोकमंथन कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि लोकमंथन इस बार असम की राजधानी गुवाहाटी में आयोजित होगा।
22 से 24 सितंबर के बीच आयोजित होने वाले कार्यक्रम का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी उपस्थित रहेंगे, जबकि 24 सितंबर के समापन कार्यक्रम के अवसर पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान संबोधित करेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी उपस्थित रहेंगे.
यह कार्यक्रम का तीसरी श्रृखंला है। इसकी शुरुआत 2016 में भोपाल में हुई थी. राष्ट्र की अभिव्यक्ति देश की लोक परंपरा और संस्कृति में निहित होती है. इस मंच पर पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों की कला-संस्कृति के कार्यक्रम भी आयोजित होंगे.
लोकमंथन में देशभर से आये विद्वान राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर परिचर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि राष्ट्र की एकता इसकी विभिन्नता में समाहित है. इस मंच के माध्यम से सभी वर्गों के विचार और संस्कृति को सम्मानित करने का काम भी किया जाएगा. संघ आपसी संवाद के जरिये किसी निष्कर्ष तक पहुंचने को महत्व देता है. यह लगातार चलने वाली प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि ‘‘कुछ विरोधी ताकतें देश की एकता के खिलाफ अभियान चला रही हैं. हम सम्मेलन में हमारी एकता को मजबूत करने वाली विविधता का उत्सव मनाना चाहते है” । इस कार्यक्रम में देश भर से दो हजार बुद्धिजीवियों भाग लेंगे।