विद्या भारती विद्यालयों के प्रधानाचार्यो ने अपने शैक्षिक कार्य योजनाओं पर किया विचार-विमर्श
देश की शिक्षा प्रणाली और शिक्षा दर्शन संपूर्ण विश्व में सबसे प्राचीन
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
विद्या भारती की इकाई लोक शिक्षा समिति, बिहार से संबद्ध सीवान विभाग की सभी विद्या भारती विद्यालयों के प्रधानाचार्यो की बैठक सोमवार को महाराजगंज अनुमंडल मुख्यालय के केशव नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर के सभागार में संपन्न हुई।
बैठक का उद्घाटन लोक शिक्षा समिति के अधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह, विभाग निरिक्षक फणींद्र कुमार झा व प्रधानाचार्य कुमार विजय रंजन ने संयुक्त रूप से मां भारती, मां शारदे तैल चित्र के समक्ष मंगल दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रांतीय अधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह ने कहां कि देश की शिक्षा प्रणाली और शिक्षा दर्शन संपूर्ण विश्व में सबसे प्राचीन है। प्राचीन समय में भारतीय शिक्षा तंत्र इतना मजबूत था कि इसकी ख्याति पूरे विश्व में फैली हुई थी। 18वीं शताब्दी में भारत में शिक्षित जनसंख्या का प्रतिशत पूरे विश्व में सर्वाधिक 97 प्रतिशत था, किंतु अब इसका स्तर घटता जा रहा है। वर्तमान शिक्षा पद्धति की कमियों को हमें दूर करके भारत को पुनः विश्व गुरु बनाना है।
वहीं विभाग निरिक्षक फणींद्र कुमार झा ने कहां कि स्वतंत्रता की अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर आयोजित यह बैठक इस क्षेत्र में एक राष्ट्रवादी शैक्षणिक वातावरण तैयार करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करने में सक्षम होगा।
इस मौके पर सरस्वती विद्या मंदिर, महाराजगंज के प्राधानाचार्य कुमार विजय रंजन ने कहां कि आज की इस महत्वपूर्ण बैठक में सीवान विभाग के सभी 23 विद्या भारती विद्यालयों के प्रधानाचार्य अपने अपने विद्यालयों में व्यक्तित्व विकास, शैक्षिक उन्नयन, आदर्श विद्यालय की परिकल्पना, क्रिया शोध ,संस्कृति बोध परियोजना के अंतर्गत आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों, विभिन्न परीक्षाओं के उत्कृष्ट परिणाम आदि विषयों पर चर्चा कर वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए कार्य योजना पर विस्तार से विचार-विमर्श करेंगे।
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