वर्षों से बंद मढ़ौरा चीनी मिल पर मुख्यमंत्री की चुप्पी से नाराज़ हुई जनता:- महासेठ
मोदी- नीतीश दोनों भूल गए जनता से किए वायदे
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सारण के मढौरा व अमनौर आए लेकिन इलाके की जनता को निराश कर पटना लौट गए। जनता को वर्षों से बंद पड़ी मढ़ौरा चीनी मिल को चालू करने की उम्मीद लगाए बैठी है लेकिन उस बाबत मुख्यमंत्री ने कुछ भी नहीं कहा। इतना ही नहीं उन्होंने पत्रकारों से भी बातचीत नहीं की और छोटी – छोटी योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर चलते बने। उक्त बातें आज़ यहां जारी एक बयान में जन सुराज के जिला मुख्य प्रवक्ता कुलदीप महासेठ ने कही।
उन्होंने बताया कि लोगों की अपेक्षा
बंद पड़े चीनी मिल को पहले चालू कराने की थी परन्तु लोगों को निराशा हाथ लगी।सारण के करीब बीस हजार परिवारों की नजरे मढ़ौरा चीनी मिल की चिमनी की तरफ लगी हुई है। मढ़ौरा चीनी मिल बंद होने के बाद इन किसानों की हालत काफी खस्ता हुई हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री ने अपनी चुनावी सभा में इस फैक्ट्री की चिमनी से धुआं उगलवाने का वादा किया था।
मिल बंद होने के साथ मढ़ौरा, अमनौर, तरैया, मशरक, पानापुर, इसुआपुर, मशरक, मकेर, परसा, दरियापुर व बनियापुर प्रखंडों के गांवों में गन्ना की खेती भी बंद हो गयी है जिससे इलाके के किसानों की माली हालत ख़राब हो चुकी है। साथ ही करीब दो हजार मजदूरों की नौकरी व दिहाड़ी चली गई। इस मिल के पास किसानों व मजदूरों का करीब 20 करोड़ रुपये अभी भी बकाया है। श्री महासेठ ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है। बावजूद मुख्यमंत्री के इस किसान – मजदूर विरोधी रवैये से सारण की जनता में आक्रोश व्याप्त है।
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