फाईलेरिया उन्मूलन के लिए जन-जागरूकता जरूरी: सिविल सर्जन
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
• एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का हुआ आयोजन
• सीफार के सहयोग से सदर अस्पताल में हुआ कार्यशाला
• आशा व आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर खिलाएंगी दवा
• 37 लाख 55 हजार 620 लाभार्थियों को दी जायेगी दवा
सीवान जिले में 20 सितंबर से फाईलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का शुभारंभ किया जायेगा। इसके तहत आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएंगी। इस अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर सदर अस्पताल के सभागार में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा ने की। इस मौके पर सिविल सर्जन ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जन-जागरूकता जरूरी है।
यह बीमारी लाइलाज है। इसका कोई इलाज नहीं है। जागरूकता और सावधानी से हीं इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए एमडीए का सेवन जरूरी है। फाइलेरिया से बचाव के लिए एमडीए सार्थक सिद्ध होगा। सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में 37 लाख 55 हजार 620 लाभुकों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 1630 ड्रग एडमिन्सट्रेशन की टीम बनायी गयी है। इसके निगरानी के लिए जिले में 160 सुपरवाइजर को लगाया गया है। आगत अतिथियों का स्वागत सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक गनपत आर्यन के द्वारा किया गया।
अपने परिवार को फाइलेरिया से सुरक्षित करने के लिए दवा का सेवन करें:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एमआर रंजन ने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल (अण्डकोष) में सूजन का होना होता है।
प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। लोगों को फाइलेरिया के लिए जागरूक करने में मीडिया की सशक्त भूमिका होती है। 20 सितंबर सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें आशा व आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर मुफ्त दवा खिलाया जाएगा। लोगों को इस कार्यक्रम में भाग लेकर स्वयं और अपने परिवार को फाइलेरिया से सुरक्षित करना चाहिए।
जेल और महिला अल्पावास गृह में भी खिलायी जायेगी दवा:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एमआर रंजन ने कहा कि इस अभियान के दौरान इस बार विभाग के द्वारा विशेष पहल की गयी है। इस बार जेल में बंद कैदियों और महिला अल्पावास गृह में भी दवा खिलायी जायेगी। इसको लेकर माइक्रोप्लान तैयार किया गया है। इसके साथ बाल सुधार गृह में भी दवा खिलायी जायेगी। डीएमओ ने बताया कि गर्भवती महिलाओं और दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यह दवा नहीं दी जायेगी।
छूटे हुए घरों में आशा कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी:
केयर इंडिया के डीपीओ भीएल ओम प्रसाद नायक ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में 02 वर्ष से 05 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 06 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। लोगों द्वारा अल्बेंडाजोल का सेवन आशा की उपस्थिति में चबाकर किया जाना है। 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी जानी है।
कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में आशा कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी।इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एमआर रंजन, डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, केयर इंडिया के डीपीओ- भीएल ओम प्रसाद नायक, पीसीआई के जिला समवन्यवक जुलेखा फातमा, सीफार के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक गनपत आर्यन, रितेश राय, धमेन्द्र रास्तोगी, भीबीडीसी मुकेश उपध्याय, विजय कुमार समेत अन्य कर्मी मौजूद थे।