#pujyarajanjee:उनकी सरस, संगीतमय कथा सुन आप स्वयं बोल पड़ेंगे सियाराम मय सब जग जानी…..

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पूज्य राजन जी महाराज द्वारा श्रीराम कथा सुन सुधबुध खो देते है श्रद्धालुजन

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम सनातन संस्कृति के शाश्वत संदेश भी माने जाते रहे हैं। उनकी कथा पता नहीं कितनी भाषाओं में कितनी बार लिखी गई? लेकिन हर बार प्रभु श्री राम की कथा का श्रवण एक अद्भुत आध्यात्मिक आनंद दे जाता है। जब यही कथा श्रद्धाभाव और संगीतमय धुन संग कोई सुनाता है तो भौतिकता की अंधी दौड़ में भागता फिरता आधुनिक मानव सुध बुध खो देता है और कह उठता है सियाराम मय सब जग जानी।

पूज्य राजन जी महाराज वैसे ही कथावाचक हैं, जिनकी कथा में बैठे श्रद्धालु अपने अस्तित्व से जुदा होकर बस रामधुन में खो जाते हैं, उनका स्वयं का अस्तित्व विलुप्त हो जाता है। श्रद्धालुगण प्रभु श्री राम के साथ एकाकार हो उठते हैं। अपनी कथा से देश विदेश के लाखों श्रद्धालुओं को अदभुत आध्यात्मिक आनंद से सराबोर कर जाते हैं पूज्य राजन जी महाराज ।

उनके श्रीमुख से राम रस की अमृत वर्षा कर देती है अभिभूत

पूज्य राजन जी महाराज ने कथा कहने की शुरुआत बस ऐसे ही कर दी थी। लेकिन धीरे धीरे प्रभु श्रीराम की कृपा हुई और उनके मुखारविंद से निकलने वाला राम रस श्रद्धालुओं पर अपना जादू दिखाने लगा। आज स्थिति यह है कि देश का कोई कोना या सात समंदर पार कहीं भी उनके मुखारविंद से राम कथा श्रवण के लिए लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़ते है। पूज्य राजन जी महाराज के श्रीमुख श्री राम कथा का श्रवण कितना आध्यात्मिक आनंद देता है ये तो कोई श्रद्धालु ही बता सकता है, जो उनकी कथा को सुन चुका हो।

प्रसिद्ध अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रामेश्वर कुमार बताते हैं कि पूज्य राजन जी महाराज से श्री राम कथा श्रवण के वे चार घंटे कैसे बीत जाते हैं पता ही नहीं चलता। उस पल का आध्यात्मिक आनंद अविस्मरणीय अवश्य बन जाता है। प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डॉक्टर शरद चौधरी बताते हैं कि आप चाहे कितने भी तनाव में हो या किसी भी मुश्किल में पूज्य राजन जी महाराज के श्रीमुख से कथा श्रवण का आनंद अदभुत आध्यात्मिक आनंद देगा।

प्रभु श्रीराम की कृपा को ही मानते वे सर्वस्व

पूज्य राजन जी महाराज के श्रीमुख से कथा श्रवण से लाखों श्रद्धालु आध्यात्मिक आनंद के समंदर में गोते लगाते रहते है लेकिन जरा इस महान व्यक्तित्व की विनम्रता तो देखिए कि जब सीवान में पत्रकारों ने उनसे उनकी कथावाचन का राज जानना चाहा तो उन्होंने बड़ी विनम्रता से हाथ में एक छोटी सी तुलसी की माला को फेरते हुए कहा था- भला मेरी क्या औकात, जो मैं प्रभु श्री राम की कथा कह सकूं । यह सब तो प्रभु श्रीराम की कृपा से ही होता है। यह भाव उनके आध्यात्मिक स्वभाव की निर्मलता का भी सूचक है।

उनका मंगल सान्निध्य बन जाता अविस्मरणीय

पूज्य राजन जी महाराज सीवान के ही मूल निवासी हैं उनका गांव सीवान के गुठनी प्रखंड स्थित तड़का गांव है। हालांकि अभी उनका परिवार कोलकाता में ही रहता है। शिवभक्त पिता के पुत्र राजन जी तीन भाई है। छोटे भाई विनय तिवारी उनके साथ ही सदैव रहते हैं जबकि अन्य भाई उद्यमी हैं। उनके अपने मिट्टी से लगाव की बानगी तो देखिए जब भी बिहार में वे प्रभु श्रीराम की कथा कहते हैं तो भोजपुरी में संवाद कायम कर ही जाते हैं।

विदेश में भी उन्हें सुनने उमड़ते हैं श्रद्धालुजन

भक्त बताते हैं कि उनसे मिलना एक बड़ा सुखद अहसास होता है। जब भी आप उनसे मिलेंगे तो उनकी विनम्रता और प्रभु श्री राम में उनकी अगाध श्रद्धा आपको अभिभूत कर देगी। पिछले बारह वर्षो से आप कथा का वाचन कर रहे है। वहीं अमेरिका के कैलिफोर्निया, मॉरीशस,दुबई सहित विदेशों में भी पूज्य राजन जी के श्रीमुख से श्रीराम कथा का श्रवण करने हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़ते हैं।

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