अररिया जिले में 26 से 30 सितंबर तक संचालित होगा पल्स पोलियो अभियान
अभियान के तहत जिले के 7.30 लाख बच्चों को पोलियो दवा पिलाने का लक्ष्य:
निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिये 1660 टीकाकरण दल व 213 ट्रांजिट टीम का हुआ गठन:
पोलियो किसी भी उम्र के लोगों को कर सकता है प्रभावित, कम उम्र के बच्चों को खतरा अधिक:
श्रीनारद मीडिया, अररिया, (बिहार):
पोलियो छोटे उम्र के बच्चों में विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। पोलियो ऐसी बीमारी है। जो हड्डियों को कमजोर कर बच्चों को अपंग भी बना सकती है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है। पोलियो का कोई इलाज नहीं है। टीका की मदद से ही इसकी रोकथाम संभव है। ओरल दवा पिला कर भी बच्चों को पोलियो के खतरों से बचाया जा सकता है। इसलिये सरकार द्वारा निश्चित समयांतराल पर बच्चों को पोलियो की दो बूंद दवा पिलाने के लिये विशेष अभियान का संचालन किया जाता है। इसे लेकर 26 से 30 सितंबर के बीच जिले में पल्स पोलियो अभियान का संचालन किया जा रहा है। पर्व-त्योहार को देखते हुए इसे स्थानीय स्तर पर एक दिन आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
अभियान के तहत 7.30 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य:
जिले में संचालित पांच दिवसीय इस अभियान के तहत कुल 7.30 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है। निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा जरूरी तैयारियां की गयी हैं। पांच साल तक के बच्चों को दवा पिलाने के लिये कुल 213 ट्रांजिट टीम बनायी गयी हैं। जो बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, प्रमुख चौक-चौराहों से होकर गुजरने वाले बच्चों का पोलियो की दवा पिलाने का काम करेंगी। घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने के लिये कुल 1660 टीकाकरण दल का गठन किया गया है। अभियान की सफलता को लेकर कुल 515 पर्यवेक्षक बहाल किये गये हैं। वहीं ईंट भट्ठा, बाजार सहित अन्य जगहों पर बच्चों को दवा पिलाने के लिये कुल 35 मोबाइल टीम का गठन किया गया है।
बारह तरह की बीमारियों से बचाव करती है दवा:
पल्स पोलियो अभियान से संबंधित जानकारी देते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि दो बूंद पोलियो की दवा बारह तरह की बीमारियों से बच्चों को सुरक्षा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि पोलियो एक गम्भीर बीमारी है जो लोगों को किसी भी उम्र में लकवा से ग्रसित कर सकता है। पोलियो रीढ़ की हड्डी व मस्तिष्क को मुख्य रूप से नुकसान पहुंचाता है। बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। कम उम्र के बच्चों में इसका खतरा ज्यादा होता है। उन्होंने आम जिलावासियों से अपील करते हुए अपने पांच साल से कम उम्र के तमाम बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने की अपील की।
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