पीएम मोदी से मिले पंजाब के सीएम भगवंत मान.

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मांगा दो साल तक सालाना 50 हजार करोड़ का पैकेज.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नई दिल्‍ली में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलेंगे। मुख्‍यमंत्री बनने के बाद  यह उनकी दोनों नेताओं से पहली मुलाकात है। मान की पीएम मोदी से यह शिष्‍टाचार मुलाकात है। इस दौरान उन्‍होंने पंजाब के लिए दो वर्ष तक सालाना 50 हजार करोड़ रुपये का पैकेज मांगा।

भगवंत मान ने कहा- राष्‍ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए पंजाब को केंद्र के समर्थन की जरूरत

प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद भगवंत मान ने मीडिया से बातचीत में कहा, हमें राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार के समर्थन की जरूरत है। पंजाब की आर्थिक स्थिति बदहाल है। हमने राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए दो साल के लिए प्रति वर्ष 50,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की है।

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बताया जाता है कि  भगवंत मान ने पीएम मोदी से मुलाकात में रूरल डेवलपमेंट फंड की 1082 करोड़ रुपये की रोकी गई राशि सहित कई अन्य मुद्दे उठाया। पीएम और केंद्रीय गृहमंत्री से मिलने के बाद भगवंत मान दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री और आप के कन्‍वीनर अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करेंगे।

प्रधानमंत्री से रुके हुए आर डी एफ के 1082 करोड़ सहित अहम मुद्दों भगवंत मान करेंगे बात

भगवंत मान इस मुलाकात के लिए चंडीगढ़ से दिल्‍ली रवाना हुए। इस मुलाकात के दौरान मुख्‍यमंत्री मान प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी से पंजाब के राजनीतिक हालात सहित विभिन्‍न मुद्दों पर बातचीत की। माना जा रहा है कि मुख्‍यमंत्री भाखड़ा ब्‍यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) सदस्यों की नियुक्ति के नियमों में बदलाव व सीमा सुरक्षा का भी मुद्दा उठाया।

प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात से पहले प्रोटोकाल के तहत मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपना कोरोना टेस्ट करवाया था। उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। बताया जाता है कि भगवंत मान की प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ दोपहर बाद मुलाकात हुई। बतौर सांसद भले ही भगवंत मान प्रधानमंत्री से लोकसभा में मिलते रहते हों लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी पीएम से यह पहली मुलाकात हैगी।

मुख्यमंत्री भगवंत मान भले ही कह रहे हैं कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात है लेकिन माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने खरीफ सीजन के आरडीएफ के बकाया 1082 करोड़ रुपये, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के स्थायीय सदस्य के नियमों में बदलाव व सीमा की सुरक्षा को लेकर चर्चा की। क्योंकि,  ये दोनों ही मुद्दे पंजाब में बड़े राजनीतिक मुद्दे बने हुए हैं। भगवंत मान जब मुख्यमंत्री बने प्रधानमंत्री ने बधाई देते हुए कहा था कि मिलकर काम करेंगे।

काबिले गौर है कि पंजाब का खरीफ के सीजन का आरडीएफ 1082 करोड रुपये  बनता है।  केंद्र सरकार ने यह राशि अभी तक नहीं दिया है। केंद्र सरकार ने पंजाब को ताकीद किया था कि अनाज खरीद पर लगे रूरल डेवलपमेंट फंड का पैसा किसानों की कर्ज अदायगी पर खर्च नहीं किया जा सकता। पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल को यह आश्वासन दिया था कि पंजाब सरकार विधानसभा में संशोधन एक्ट लाकर 1 फ़ीसदी की उस मद को हटा देंगे जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यह पैसा किसानों और मजदूरों के कर्ज माफी के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है।

याद रहे कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2017 में आरडीएफ एक्ट में संशोधन करके आरडीएफ फंड को 2 फ़ीसदी से बढ़ाकर 3 फ़ीसदी कर दिया था। यह फंड मंडियों में खरीदे जाने वाले अनाज पर लगाया जाता है। मनप्रीत बादल के आश्वासन के बावजूद पंजाब सरकार ने विधानसभा में आरडीएफ एक्ट में संशोधन करके 1 फ़ीसदी लगाई गई राशि को वापस नहीं लिया जिस कारण अक्टूबर 2021 में खरीदी गई धान, लेकिन केंद्र सरकार ने आरडीएफ की राशि नहीं दी है। अब 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद भी शुरू होनी है।

इसके अलावा 1 अप्रैल से शुरू होने वाली गेहूं की खरीद के लिए कैश क्रेडिट लिमिट की मांग को भी भगवंत मान प्रधानमंत्री के पास रखेंगे। प्रधानमंत्री के साथ भगवंत मान की मीटिंग कुछ ही देर में शुरू होने वाली है ।हालांकि यह औपचारिक बैठक है लेकिन पंजाब से जुड़े हुए कुछ अहम मुद्दे भगवंत मान प्रधानमंत्री के पास उठा सकते हैं ।

कैश क्रेडिट लिमिट के अलावा बीबीएमबी में मेंबर पावर के पद को पंजाब से ना लेकर देश के अन्य हिस्सों से भी यह जा सकने वाले केंद्र के फैसले से पंजाब सरकार नाराज हैं। याद रहे कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में मेंबर पावर पंजाब से ही लिया जाता रहा है जबकि कुछ समय पहले भारत सरकार ने नियमों में संशोधन करके इसे पूरे देश से में कहीं से भी किए जा सकने का प्रावधान कर दिया है जिसको लेकर सत्ता पक्ष ही नहीं विपक्ष भी काफी नाराजगी जता चुका है भगवंत मान प्रधानमंत्री से पुराना सिस्टम बहाल करने की मांग करेंगे।

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