आईडीएसपी बीमारियों की बेहतर निगरानी के लिए पूर्णिया को किया गया पुरस्कृत
-पूर्णिया ने आईडीएसपी रोगों की निगरानी में 94 प्रतिशत हासिल की उपलब्धि
-आईडीएसपी में 32 से अधिक बीमारियों का किया जाता है सर्विलेंस
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):
एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के तहत विभिन्न संक्रामक रोगों की बेहतर निगरानी के लिए पूर्णिया जिला को राज्य स्वास्थ्य समिति तथा एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) द्वारा पुरस्कृत किया गया। आईडीएसपी के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में विभिन्न संक्रामक बीमारियों से ग्रसित लोगों की पहचान करते हुए उसे उचित उपचार उपलब्ध कराने के साथ ही सही समय पर संबंधित डेटा आईएचआईपी पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा आईएचआईपी पोर्टल पर सही समय पर सही डेटा अपलोड करने के लिए पूरे राज्य से पांच को पुरस्कृत किया गया। इनमें पूर्णिया, जहानाबाद, सुपौल, पूर्वी चंपारण व नालंदा शामिल है। इस उपलब्धि के लिए पूर्णिया के एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला को पटना स्थित एक होटल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया।
आईडीएसपी रोगों की निगरानी में पूर्णिया ने 94 प्रतिशत उपलब्धि की हासिल
जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला ने बताया कि एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक निगरानी की जाती है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन स्तर पर निगरानी की जाती है। पहले स्तर पर अस्पताल में सम्बंधित बीमारियों के लक्षण के साथ उपलब्ध मरीजों कीए दूसरे स्तर पर सम्बंधित मरीजों की लैबोरेटरी में उनकी जांच की जाती है। तीसरा स्तर के रूप में स्वास्थ्य उपकेन्द्र में एएनएम द्वारा रोगसूचक निगरानी की जाती है। इन सभी स्तरों से संक्रामक बीमारियों का रियल टाइम डाटा आईएचआईपी पोर्टल पर दर्ज किया जाता है। इसके साथ ही सम्बंधित मरीजों को आवश्यक मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने बताया कि पूर्णिया द्वारा वर्ष 2022 में कुल 94 प्रतिशत आईडीएसपी डाटा पोर्टल पर अपलोड किया गया है।
32 से अधिक बीमारियों का किया जाता है सर्विलेंस
नीरज कुमार निराला ने बताया कि एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के तहत 32 से अधिक संक्रामक बीमारियों की पहचान की जाती है। इसमें डायरिया, खसरा, रुबैला, वायरल फीवर, सर्दी, खांसी, मीजल्स जैसे अन्य कई अस्पताल द्वारा ओपीडी एवं लेबोरेटरी में पाए जाने वाले इस तरह की संक्रामक बीमारियों का ऑनलाइन रिकॉर्डिंग की जाती है। साथ ही संबंधित मरीजों को सहायता प्रदान की जाती है। इससे क्षेत्र में फैल रहे संक्रामक बीमारियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरोधात्मक व उपचारात्मक कार्रवाई की जाती है। ताकि समय रहते संबंधित बीमारियों को रोका जा सके।
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