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राधामोहन चौबे ' अंजन ' : स्मृति शेष - गंवई लोक के गीतकार - श्रीनारद मीडिया

राधामोहन चौबे ‘ अंजन ‘ : स्मृति शेष – गंवई लोक के गीतकार

राधामोहन चौबे ‘ अंजन ‘ : स्मृति शेष – गंवई लोक के गीतकार

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जन्मतिथि – 4 दिसम्बर 1938, पुण्यतिथि – 15 जनवरी 2015

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

आखर परिवार , भोजपुरी भाषा – साहित्य , गीत-संगीत जगत के महान गीतकार, रचनाकार आ कवि राधामोहन अंजन जी के पुण्यतिथि प बेर बेर नमन क रहल बा , श्रद्धांजलि दे रहल बा ।

कवि गीतकार साहित्यकार राधामोहन चौबे जी के जन्म 4 दिसम्बर 1938 के बिहार के गोपालगंज जिला के , भोरे थाना के शाहपुर-डिघवा गांव में भइल रहे । बाबुजी के नाव श्रीकृष्ण चतुर्वेदी आ माई के नाव महारानी देवी रहे । बाद में अंजन जी के अपना ममहर अमही बांके गांव , सोहनरिया-कटेया में ही स्थायी रुप से रहे लगनी आ अंतिम समय ले एहि पता प रहनी ।

अंजन जी के भीतरी साहित्यिक सुगबुगाहट लइकाइये से रहे । बरियारपुर, तमकुहीराज, कुशीनगर के धरीक्षण मिसिर जी के सम्पर्क में अइला के बाद अंजन जी के काव्य प्रतिभा निखर के सोझा आ गइल । अंजन पढाई -लिखाई में बहुत तेज रहनी । हाईस्कूल के परिक्षा फर्स्ट डिवीजन में पास कइनी , हिन्दी से एम कइनी । अपना जिनगी में नौकरी के शुरुवात अंजन जी अध्यापन के काम से कइनी । इहां के 19 अगस्त 1959 से शिक्षक, प्रधानाचार्य, प्राचार्य , प्रखण्ड शिक्षा अधिकारी, क्षेत्र शिक्षा अधिकारी आदि पोस्ट प काम कइनी आ 1 फरवरी 1988 के रिटायर हो के साहित्य के साधना में जुट गइनी ।

अंजन जी भोजपुरी गीतकार आ कवि के रुप में आकाशवाणी पटना से भी जुड़ल रहनी । अइसे त अंजन जी , कविता , गीतन के अलावा कहानी, उपन्यास, नाटक आदि भी लिखले बानी बाकिर उहां के मूल रुप से भोजपुरी के गीतकार रहनी । इहां के गीतन में गंवई समाज, मानवीय संवेदना , सामाजिक विषमता से ले के सामयिकता आ प्रतिरोध के भाव लउकेला । आजुओ अंजन जी के लिखल गीतन के पुर्वांचल आ बिहार के अनेकन गो गायक गायिका लो आपन आवाज दे रहल बा ।

अंजन जी कवि गीतकार के संगे संगे नीमन पहलवानो रहनी । अंजन जी के 25 के करीब करीब किताब प्रकाशित भइली स । इहां के पहिला किताब ‘ कजरौटा ‘ 1969 में प्रकाशित भइल रहे । कुछ अउरी प्रकाशित किताब रहली स जइसे फुहार, संझवत, पनका, सनेश, कनखी, नवचा नेह, अंजुरी, अंजन के लोकप्रिय गीत, पोटली आ हिलोर आदि । कलकत्ता से ले के मुम्बई तकले अनेकन को संस्था , दूरदर्शन, आकाशवाणी से अंजन जी सम्मानित भइनी ।

15 जनवरी 2015 के भोर में भोजपुरी भाषा आ साहित्य के , भोजपुरी गीत-संगीत के दुनिया के अजगुत अनमोल थाती हमनी भोजपुरिया समाज के सउंप के लमहर यात्रा प निकल गइनी । आखर परिवार अपना नायक के बेर बेर नमन क रहल बा श्रद्धांजलि दे रहल बा ।

भोजपुरी साहित्यांगन प इहां के किताब ‘अनमोल-मिलन (कृष्ण-सुदामा)’ के पढ सकेनी । लिंक बा – https://bhojpurisahityangan.com/wp-content/uploads/2022/01/Anmol-Milan.pdf

 

अंजन जी के बेर बेर नमन आ श्रद्धांजलि ।

[ साभार – अंजन जी के बारे में जानकारी लोकरंग आ अलग अलग वेबसाइट आ ब्लाग से लिहल गइल बा ]

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