शहीद दिवस के दिन रघुनाथपुर भूल गया एक शहीद को

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शहीदों के नाम पर चंदा के धंधेबाज भी कहीं नहीं दिखे

इस जवान के शहीद होने पर रॉयल कप का नाम बदलकर कर दिया गया था शहीद कप

श्रीनारद मीडिया, प्रसेनजीत चौरसिया, सीवान (बिहार)

“देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान,कितना बदल गया इंसान” गीत को आज से करीब 60 साल पहले कवि प्रदीप ने गाया था जो आज सटीक बैठ रहा है।

रघुनाथपुर के मुरारपट्टी श्रीरामजानकी मंदिर के पास एक शहीद का स्मारक बना है. (इस स्मारक को बनवाने की घोषणा और बनवाने के पीछे एक बड़ी कहानी छुपी है जिसे बताना हम अभी जरूरी नही समझते है.खैर बन गया जैसे भी बना और जिसने भी बनवाया।) स्मारक पर लिखे अनुसार उक्त स्मारक रमाशंकर पटेल की है जिनकी शहादत 18 जनवरी 2002 को हुई थी। केवल पटेल/कुर्मी समाज के लोग ही उनकी स्मारक को साफ सफाई वगैरह करते है.

बीते दिन 18 जनवरी को उनके समाज के अलावे रघुनाथपुर प्रखंड के किसी भी राजनीतिक दल,किसी भी विभाग के सरकारी कर्मचारी और कुकुरमुत्ते की तरह उगे सैकड़ो समाजसेवियों में से किसी एक व्यक्ति ने उनके स्मारक पर जाकर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि देना उचित नही समझा.इस तरह से शहीद दिवस के दिन रघुनाथपुर भूल गया एक शहीद को।
शहीदों के नाम पर चंदा वसूली का गोरखधंधा करने वाले धंधेबाज भी भूल गए एक शहीद को।

सन 2002 की बात है और लेखक प्रसेनजीत चौरसिया को यह बखूबी याद है कि रघुनाथपुर खेल मैदान (आज का शहीद मैदान) में रॉयल क्लब द्वारा आयोजित “रॉयल कप 2002” क्रिकेट प्रतियोगिता का शुभारंभ हो चुका था उसी बीच मुरारपट्टी निवासी जवान रमाशंकर पटेल का पार्थिव शरीर आया था.तभी से रॉयल क्लब ने क्रिकेट प्रतियोगिता का नाम शहीद कप कर दिया ।

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