Raghunathpur: पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है गौरैया
विश्व गौरैया दिवस विशेष
श्रीनारद मीडिया, प्रकाश चन्द्र द्विवेदी, रघुनाथपुर, सीवान (बिहार)
गांवों में गौरैया की चहचहाहट से ही दिन की शुरुवात होती थी आज भी हमारे गांवों में गौरैया मौजूद है, लेकिन इनकी संख्या लगातार कम होना चिंता का विषय बना हुआ हैं। गौरैया बिलुप्त होने का सबसे बड़ा कारण हमारी आधुनिकता है।
आज हमारे गांव में न तो मिट्टी के बने घर है और न ही वो आँगन व मुंडेर है जिसपर बैठ कर ची-ची की मध्यम ध्वनि से गौरैया हमें मंत्रमुग्ध करें, इतना ही नही आज जलवायु परिवर्तन भी इनके लिए बड़ी समस्या बनकर उभरा है। हमारे गांवों के पोखरे एवं छोटे जलाशयों की कमी गौरैया ही नही अन्य पक्षियों के लिए भी बड़ा जल संकट का कारण बना हैं।
गौरैया का जीवन संकट में देख कर आज कई सामाजिक संगठन गौरैया संरक्षण पर कार्य कर रहे है। पर्यावरण संतुलन में गौरैया की मुख्य भूमिका है। हमें और आपको भी गौरैया पक्षी के संरक्षण पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे।
आइये गौरैया का संरक्षण करें।
आभार: अंकित मिश्रा, पंजवार
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