रेल मंत्री ने कहा- हर मिनट है कीमती,अब दो शिफ्ट में होगा काम.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्रीय कैबिनेट में की गयी फेरबदल का असर दिखने लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नये रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव एक्शन मोड में हैं. रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालते ही उन्होंने इसके कायापलट की तैयारी शुरू कर दी है. पद संभालते ही उन्होंने दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों की आफिस टाइमिंग में बदलाव कर दिया है. अब कर्मचारी दो शिफ्ट में काम करेंगे
रेल मंत्री के आदेश के अनुसार दफ्तर में काम करने के लिए पहली शिफ्ट सुबह 7 बजे से शुरू होगी और शाम को चार बजे खत्म हो जायेगी जबकि दूसरी शिफ्ट दोपहर के 3 बजे से शुरू होगी जो रात के 12 बचे तक चलेगी. यह सिर्फ मंत्री कार्यालय के लिए जारी किया गया है. नये रेल मंत्री दफ्तर में ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहते हैं इसलिए यह रणनीति उन्होंने बनायी है.
रेल मंत्रालय के एडीजी पीआर डीजे नारायण ने इस संबंध में जानकारी साझा की है जिसमें उन्होंने बताया है कि नये रेल मंत्री ने दफ्तर का समय बदल दिया है अब कर्मचारियों को दो शिफ्ट में काम करना होगा. इस आदेश के साथ- साथ यह भी लिखा हुआ कि रेलवे को अब मिशन मोड में काम करना होगा और रेलवे का एक – एक मिनट कीमती है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी नये रेल मंत्री से उम्मीदें यहीं कारण है कि पदभार संभालते ही उन्होंने कमियों की तलाश शुरू कर दी है. पदभार संभालने के बाद उन्होंने कहा, रेलवे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का सबसे अहम हिस्सा है. उनकी विजन को हकीकत में बदलने के लिए काम करना है. इसके जरिये आम लोगों के जीवन में बदलाव आयेगा.
बता दें कि ओडिशा से भाजपा सांसद अश्विनी वैष्णव नौकरशाह रह चुके हैं। वहीं, अश्विनी वैष्णव 1994 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं। अश्विनी वैष्णव ने आईएएस अधिकारी रहते हुए कई शानदार काम किए थे, जिसमें से एक ओडिशा के बालासोर में आए समुद्री तूफान के दौरान राहत पहुंचाना भी शामिल था। वो यहीं से चर्चा में आए थे। इसके बाद उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में पीएमओ में डिप्टी सेक्रेटरी बनाया गया था।
अश्विनी वैष्णव मूल रूप से राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले हैं। साल 1994 बैच के आईएएस अधिकारी वैष्णव को सबसे पहले बालासोर का डीएम बनाया गया था। वह नवीन पटनायक के करीबी और पसंदीदा अधिकारियों में से एक थे। इसलिए जब वह सीएम बने तो उन्हें सबसे पहले ओडिशा के महत्वपूर्ण शहर कटक का कलेक्टर बनाया गया था। यहां उन्होंने कई बदलाव किए, जिसमें कानून-व्यवस्था दुरुस्त करना भी शामिल है।
बता दें कि अश्वनी वैष्णव करीब 15 वर्षों तक कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक जिम्मेदारियों को संभाला और विशेष रूप से बुनियादी ढांचे में पीपीपी (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) ढांचे में उनके योगदान के लिए जाने जाते थे। इसके बाद इन्होंने जनरल इलेक्ट्रिक और सीमेंस जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों में नेतृत्व की भूमिका निभाई है।
बता दें कि रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीए और आईआईटी कानपुर से एम.टेक किया है।