केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव राजीव मांझी ने कलाजार प्रभावित वाले राज्य बिहार सहित चार राज्यों के एसपीओ के साथ किया समीक्षा बैठक
समाहरणालय सभागार स्थित एनआईसी में कालाजार कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों ने वर्चुअल बैठक:
जिले के गोरेयाकोठी और सारण के इसुआपुर और गड़खा प्रखंड से कालाजार नियंत्रण प्राप्त किया जा चुका है लेकिन आगे भी स्थिर रखने के लिए कार्य करने की आवश्यकता: एसपीओ
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
वैश्विक स्तर पर 2030 तक पूरे विश्व से कालाजार को समाप्त करने के लिए लक्ष्य रखा गया है। हालांकि भारत के प्रभावित प्रखंडों ने 2023 में ही कालाजार नियंत्रण लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। उक्त बातें केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव राजीव मांझी ने कालाजार प्रभावित वाले चार राज्यों- बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में इसकी स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता के दौरान कही। उन्होंने यह भी कहा कि कालाजार उन्मूलन अभियान में सतत निगरानी को लेकर हम सभी को अपनी एकजुटता प्रदर्शित करने की जरूरत है। साथ ही कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के दौरान सभी प्रकार की आवश्यक कागजातों को प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक सुव्यस्थित तरीके से रखने को लेकर निर्देशित किया गया है।
समीक्षा बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव राजीव मांझी, वरीय मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नुपुर राय, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के निदेशक डॉ तनु जैन वर्चुअल जुड़े हुए थे जबकि सिवान समाहरणालय सभागार स्थित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) से जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मणिराज रंजन, वेक्टर जनित नियंत्रण पदाधिकारी राजेश कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि सहित कई अन्य विभागीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
राज्य मुख्य मलेरिया कार्यालय, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अपर निदेशक सह एसपीओ डॉ अशोक कुमार ने कहा कि सिवान जिले के गोरेयाकोठी प्रखंड और सारण जिले के इसुआपुर और गड़खा प्रखंड से कालाजार नियंत्रण का लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है लेकिन आगे भी स्थिर रखने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। आगामी फरवरी महीने में कार्यक्रम की विशेष रूप से समीक्षा सह निगरानी को लेकर राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी और पदाधिकारियों का बिहार दौरा होने की संभावना है। जिसको लेकर सभी को तैयार रहने की जरूरत है। कालाजार समाज के निचले सामाजिक-आर्थिक तबके के लोगों को प्रभावित करता है, शुरुआती डायग्नोसिस और मामले का पूर्ण प्रबंधन, मानव संसाधन की क्षमता निर्माण के साथ- साथ एकीकृत नियंत्रण और निगरानी को लेकर जमीनी स्तर पर काम करने को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।
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