रिश्वत लेने के आरोप में राजीव नगर थानाध्यक्ष सस्पेंड
इंडियन आर्मी के अफसर से 90 हजार की रिश्वत लेने का आरोप, मकान निर्माण में ली गई थी घूस
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क-
बिहार की राजधानी पटना के राजीव नगर थानाध्यक्ष नीरज कुमार पर आवास बोर्ड की भूमि पर मकान बनाने के नाम पर 90 हजार की रिश्वत लेकर थाने से ब्रिगेडियर को छोड़ने मामले में पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने सस्पेंड कर एक बड़ी करवाई की है दरअसल राजीव नगर थानाध्यक्ष के खिलाफ आवास बोर्ड के जमीन पर मकान बनाने मामले में पांच लाख रिश्वत मांगने का लिखित शिकायत डीएसपी विधि व्यवस्था के यहां दी गई थी। इसके आधार पर डीएसपी विधि व्यवस्था नुरुल हक ने जांच शुरू किया, जहां जांच में सत्य पाए जाने पर निलंबित कर दिया। विभागीय कारवाई की अनुशंसा की गई है।
5 लाख की मांग हुई थी
आवेदक प्रेमित रंजन ने लिखित शिकायत में लिखा है कि राजीव नगर रोड नम्बर 3 में पूर्व से बने मकान के ऊपर निर्माण कार्य के लिए राजीव नगर थाना अध्यक्ष नीरज कुमार से अमित रंजन और काम कराने वाले मुंशी चंदन कुमार मिलने गए थे। वहां निर्माण के लिए 5 लाख राशि की मांग नीरज कुमार की ओर से की गई थी। लेकिन राशि अधिक होने के कारण अवैध राशि नहीं दिया गया।
23 अप्रैल को पीड़ित के भाई अमित रंजन और काम कराने वाले मुंशी चंदन कुमार मकान में काम करवा रहे थे। इसी बीच राजीव नगर थाना के दरोगा शंभू शंकर सिंह उक्त स्थान पर गए और भाई अमित रंजन और मुंशी चंदन कुमार को गिरफ्तार कर थाने लाए। यहां थाने में चार-पांच घंटा रखा गया।
90 हजार लेकर थाने से बेल दिया
थानाध्यक्ष नीरज कुमार ने 224/23 कांड संख्या 23 अप्रैल को दर्ज कर लिया था। नीलेश यादव मुखिया के माध्यम से थाना परिसर में गाड़ी में बैठकर ₹90 हजार लेकर अमित रंजन लेफ्टिनेंट कर्नल और मुंशी चंदन कुमार को धारा 41 के तहत बांड भरवा कर थाने से बेल दे दिया। वहीं, लिखित आवेदन के आधार पर डीएसपी विधि व्यवस्था को 12 अप्रैल को जांच प्रतिवेदन विस्तृत रूप से समर्पित किया गया जहां आवेदक के द्वारा दिए गए शिकायत के साथ सीसीटीवी फुटेज और रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराया गया था वहां दरोगा शंभू शंकर सिंह और गश्ती दल के सिपाही से डीएसपी ने पूछताछ किया और पूरे केस का अवलोकन किया गया। वहां जांच में 23 अप्रैल को अमित रंजन और चंदन कुमार को गिरफ्तार कर 11बजकर 54 मिनट में जिप्सी में पीछे बैठा कर थाना लाया गया। लेकिन थाना दैनिकी के पंजी में 1बजकर 55 में दर्शाया गया। घटना के समय बिहार राज्य आवास बोर्ड के एसडीओ भी मौके पर मौजूद नहीं थे।
सीसीटीवी फुटेज से खुलासा
सीसीटीवी फुटेज की जांच में पाया गया कि थाने के पोर्टिको में नीलेश यादव मुखिया और थानाध्यक्ष नीरज कुमार की सरकारी बोलेरो में दस बजकर अट्ठावन मिनट में बैठे और 11:00 बजे गाड़ी से उतर कर थाने में गए। 11:04 में अमित रंजन और चंदन कुमार को थाना से छोड़ दिया गया। इसी के आधार पर डीएसपी विधि व्यवस्था नीरज कुमार के विरुद्ध कर्तव्यहीनता, अनुशासनहीनता और भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारी होने का साक्ष्य पाया गया है, जिसके आधार पर निलंबित किया गया है। इनकी एक एक प्रति एसएसपी, सिटी एएसपी को उपलब्ध कराया गया है।
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